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फिल्‍म समीक्षा : वीआईपी 2

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फिल्‍म रिव्‍यू प्रतिभाओं का दुरुपयोग वीआईपी2 -अजय ब्रह्मात्‍म्‍ज सौंदर्या रजनीकांत निर्देशित ‘ वीआईपी2 ’ शायद रजनीकांत के वारिस की खोज है। परिवार के ही एक सदस्‍य धनुष को रजनीकांत की तरह की फिल्‍म में लाकर यही कोशिश की गई है। अफसोस धनुष में रजनीकांत की अदा और करिश्‍मा नहीं है। फिल्‍म में जब वे मुस्‍टंडे गुंडों को धराशायी करते हैं तो वह हंसी आती है। इसी प्रकार कैरेक्‍अर के लिए खास मैनरिज्‍म दिखाने में भी वे संघर्ष करते नजर आते हैं। कह सकते हैं कि तमिल की मेनस्‍ट्रीम पॉपुलर शैली में बनी यह फिल्‍म हिंदी दर्शकों को वहां की फिल्‍मों की गलत छवि देगी। रजनीकांत की फिल्‍में इतनी लचर और स्‍तरहीन नहीं होतीं। उनकी खास शैली होती है,जिसे उन्‍होंने सालों की मेहनत और दर्शकों के प्रेम से हासिल किया है। धनुष अलग श्रेणी के अभिनेता हैं। उन्‍हें इस सांचे में ढालने में सौंदर्या रजनीकांत पूरी तरह से असफल रही हैं। रघुवरण ईमानदार इंजीनियर है। कर्मठ और जमीर का पक्‍का रघुवरण कभी कोई गलत काम नहीं कर सकता। अपनी प्रतिभा से वह किसी को भी ललकार सकता है। संयोग से इस बार उसे वसुंधरा का सामना करना पड...

फिल्‍म समीक्षा : दिलवाले

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कार और किरदार -अजय ब्रह्मात्‍मज         रोहित शेट्टी की ‘ दिलवाले ’ और आदित्‍य चोपड़ा की ‘ दिवाले दुल्‍हनिया ले जाएंगे ’ में दिलवाले के अलावा एक संवाद की समानता है-बड़े-बड़ शहरों में एसी छोटी-छोटी बाते होती रहती है सैनोरीटा। इसे बोलते हुए शाह रुख खान दर्शकों को हंसी के साथ वह हसीन सिनेमाई याद भी देते हें,जो शाह रुख खान और काजोल की जोड़ी के साथ जुड़ी हुई है। ऐसा कहा और लिखा जाता है कि पिछले 20 सालों में ऐसी हॉट जोड़ी हिंदी फिल्‍मों में नहीं आई। निश्चित ही इस फिल्‍म के खयाल में भी यह जोड़ी रही होगी। ज्‍यादातर एक्‍शन और कॉमेडी से लबरेज फिल्‍में बनाने में माहिर रोहित शेट्टी ने इसी जोड़ी की उपयोगिता के लिए फिल्‍म में उनके रोमांटिक सीन और गाने रखे हैं। तकनीकी प्रभावो से वे शाह रुख और काजोल को जवान भी दिखाते हैं। हमें अच्‍छा लगता है। हिंदी स्‍क्रीन के दो प्रमियों को फिर से प्रेम करते,गाने गाते और नफरत करते देखने का आनंद अलग होता है।     रोहित शेट्टी की फिल्‍मों में कार भी किरदार के तौर पर आती हैं। कारें उछलती हैं,नाच...

‘दिलवाले’ में वरुण धवन

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-अजय ब्रह्मात्‍मज        इस साल 18 दिसंबर को रिलीज हो रही ‘ दिलवाले ’ वरुण धवन की 2015 की तीसरी फिल्‍म होगी। इस साल फरवरी में उनकी ‘ बदलापुर ’ और जून में ‘ एबीसीडी 2 ’ रिलीज हो चुकी हैं। ‘ दिलवाले ’ उनकी छठी फिल्‍म होगी। ‘ स्‍टूडेंट ऑफ द ईयर ’ के तीन कलाकारों में वरूण धवन बाकी दोनों आलिया भट्ट और सिद्ार्थ मल्‍होत्रा से एक फिल्‍म आगे हो जाएंगे। अभी तीनों पांच-पांच फिल्‍मों से संख्‍या में बराबर हैं,लेकिन कामयाबी के लिहाज से वरुण धवन अधिक भरोसेमंद अभिनेता के तौर पर उभरे हैं।     वरुण धवन फिलहाल हैदराबाद में रोहित शेट्टी की फिल्‍म ‘ दिलवाले ’ की शूटिंग कर रहे हैं। इस फिल्‍म में वे शाह रुख खान के छोटे भाई बने हैं। उनके साथ कृति सैनन हैं। इन दिनों दोनों के बीच खूब छन रही है। पिछले साठ दिनों से तो वे हैदराबाद में ही हैं। आउटडोर में ऐसी नजदीकी होना स्‍वाभाविक है। यह फिल्‍म के लिए भी अच्‍छा रहता है, क्‍योंकि पर्दे पर कंफर्ट और केमिस्‍ट्री दिखाई पड़ती है। हैदराबाद में फिल्‍म के फुटेज देखने को मिले,उसमें दोनों के बीच के तालमेल से भी यह जा...

फिल्‍म समीक्षा : वी आर फैमिली

-अजय ब्रह्मात्‍मज क्या आप ने स्टेपमॉम देखी है? यह फिल्म 1998 में आई थी। कुछ लोग इसे क्लासिक मानते हैं। 12 सालों के बाद करण जौहर ने इसे हिंदी में वी आर फेमिली नाम से प्रोड्यूस किया है। सौतेली मां नाम रखने से टायटल डाउन मार्केट लगता न? बहरहाल, करण जौहर ने इसे आधिकारिक तौर पर खरीदा और हिंदी में रुपांतरित किया है। इस पर चोरी का आरोप नहीं लगाया जा सकता,फिर भी इसे मौलिक नहीं कहा जा सकता। इसका निर्देशन सिद्धार्थ मल्होत्रा ने किया है। इसमें काजोल और करीना कपूर सरीखी अभिनेत्रियां हैं और अर्जुन राजपाल जैसे आकर्षक अभिनेता हैं। हिंदी में ऐसी फिल्में कम बनती हैं, जिन में नायिकाएं कहानी की दिशा तय करती हों। वी आर फेमिली का नायक कंफ्यूज पति और प्रेमी है, जो दो औरतों के प्रेम के द्वंद्व में है। साथ ही उसे अपने बच्चों की भी चिंता है। 21 वीं सदी में तीन बच्चों के माता-पिता लगभग 15 सालों की शादी के बाद तलाक ले लेते हैं। तलाक की खास वजह हमें नहीं बतायी जाती। हमारा परिचय तीनों किरदारों से तब होता है जब तलाकशुदा पति के जीवन में नई लड़की आ चुकी है। पूर्व पत्‍‌नी माया और प्रेमिका श्रेया ...

फिल्‍म समीक्षा : माय नेम इज खान

साधारण किरदारों की विशेष कहानी -अजय ब्रह्मात्‍मज करण जौहर ने अपने सुरक्षित और सफल घेरे से बाहर निकलने की कोशिश में माय नेम इज खान जैसी फिल्म के बारे में सोचा और शाहरुख ने हर कदम पर उनका साथ दिया। इस फिल्म में काजोल का जरूरी योगदान है। तीनों के सहयोग से फिल्म मुकम्मल हुई है। यह फिल्म हादसों से तबाह हो रही मासूम परिवारों की जिंदगी की मुश्किलों को उजागर करने के साथ धार्मिक सहिष्णुता और मानवता के गुणों को स्थापित करती है। इसके किरदार साधारण हैं, लेकिन फिल्म का अंतर्निहित संदेश बड़ा और विशेष है। माय नेम इज खान मुख्य रूप से रिजवान की यात्रा है। इस यात्रा के विभिन्न मोड़ों पर उसे मां, भाई, भाभी, मंदिरा, समीर, मामा जेनी और दूसरे किरदार मिलते हैं, जिनके संसर्ग में आने से रिजवान खान के मानवीय गुणों से हम परिचित होते हैं। खुद रिजवान के व्यक्तित्व में भी निखार आता है। हमें पता चलता है कि एस्परगर सिंड्रोम से प्रभावित रिजवान खान धार्मिक प्रदूषण और पूर्वाग्रहों से बचा हुआ है। मां ने उसे बचपन में सबक दिया था कि लोग या तो अच्छे होते हैं या बुरे होते हैं। वह पूरी दुनिया को इसी नजरिए से देखता है। ...

पापुलैरिटी को एंजाय करते हैं शाहरुख

-अजय ब्रह्मात्मज शाहरुख खान से मिलना किसी लाइव वायर को छू देने की तरह है। उनकी मौजूदगी से ऊर्जा का संचार होता है और अगर वे बातें कर रहे हों तो हर मामले को रोशन कर देते हैं। कई बार उनका बोलना ज्यादा और बड़बोलापन लगता है, लेकिन यही शाहरुख की पहचान है। वे अपने स्टारडम और पापुलैरिटी को एंजाय करते हैं। वे इसे अपनी मेहनत और दर्शकों के प्यार का नतीजा मानते हैं। उन्होंने इस बातचीत के दरम्यान एक प्रसंग में कहा कि हम पढ़े-लिखे नहीं होते तो इसे लक कहते ़ ़ ़ शाहरुख अपनी उपलिब्धयों को भाग्य से नहीं जोड़ते। बांद्रा के बैंडस्टैंड पर स्थित उनके आलीशान बंगले मन्नत के पीछे आधुनिक सुविधाओं और साज-सज्जा से युक्त है उनका दफ्तर। पूरी चौकसी है। फिल्मी भाषा में कहें तो परिंदा भी पर नहीं मार सकता, लेकिन फिल्म रिलीज पर हो तो पत्रकारों को आने-जाने की परमिशन मिल जाती है। उफ्फ! ये ट्रैफिक जाम मुंबई में कहीं भी निकलना और आना-जाना मुश्किल हो गया है। मन्नत से यशराज स्टूडियो (12-15 किमी) जाने में डेढ़ घंटे लग जाते हैं। मैं तो जाने से कतराता हूं। मेरा नया आफिस खार में बन रहा है। लगता है कि यहीं है, लेकिन...

दो तस्वीरें:माई नेम इज खान में काजोल और शाहरुख़

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यह फ़िल्म अभी बन रही है.करण जौहर अपने कलाकारों के साथ अमेरिका में इस फ़िल्म की शूटिंग कर रहे हैं.मन जा रहा है की करण पहली बार अपनी ज़मीन से अलग जाकर कुछ कर रहे हैं.हमें उम्मीद है कि काजोल और शाहरुख़ के साथ वे कुछ नया करेंगे...