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फिल्‍म समीक्षा : डेंजरस इश्‍क

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  जन्म-जन्मांतर की प्रेमकहानी -अजय ब्रह्मात्‍मज च्छी है 21 वीं सदी। जन्म-जन्मांतर से मिलने के लिए भटकती आत्माओं का मिलन हो जाता है। अधूरे प्रेम और पुनर्जन्म के साथ विक्रम भट्ट ने रहस्य भी जोड़ दिया है। यह फिल्म एक प्रकार से करिश्मा कपूर की रीलांचिंग या दूसरी पारी की शुरूआत है। करिश्मा कपूर को यह जाहिर करने का अच्छा मौका मिला है कि वह हर प्रकार की भूमिकाएं निभा सकती हैं। उन्होंने संजना और उसके पूर्वजन्म के किरदारों को पूरे इमोशन और आवेग के साथ निभाया है। ऐसी प्रेमकहानियां फैंटेसी ही होती हैं। देश की श्रुति परंपरा और पुराने साहित्य मैं पुनर्जन्म और भटकती आत्माओं के अनेक किस्से मिलते हैं। कुछ रोचक और मनोरंजक फिल्में भी बनी हैं। डेंजरस इश्क उसी श्रेणी की फिल्म है। मुमकिन है कि मल्टीप्लेक्स के दर्शक ऐसी कहानी की अवधारणा से ही बिदके,लेकिन छोटे शहरों,कस्बों और देहातों में यह फिल्म पसंद की जा सकती है। विक्रम भट़ट रोचकता बनाए रखने की कोशिश करते हैं। पिछले जन्मों की कहानियों को एक-एक कर उन्होंने लेखक की मदद से गूंथा है। हर जन्म की घटनाओं और वियोग में नाटकीयता का प्...

एक विरासत,दो बहनें

-अजय ब्रह्मात्‍मज एक अंतराल के बाद करिश्मा कपूर बड़े पर्दे पर लौट रही हैं। विक्रम भट्ट की 3डी फिल्म डेंजरस इश्क से उनकी वापसी हो रही है। इस बीच उनकी शादी हुई। बच्चे हुए। पति संजय कपूर से अनबन और मनमुटाव की खबरें आती रहती हैं। उनका ज्यादातर समय मुंबई में गुजरता है। फिल्मों में दूसरी पारी शुरू करने के पहले वे एंडोर्समेंट और इवेंट में दिखने लगी थीं। सार्वजनिक मौजूदगी में प्रशंसकों, समर्थकों और मीडिया से मिल रही निरंतर तारीफों और जिज्ञासाओं ने ही उन्हें फिल्मों में लौटने के लिए प्रेरित किया। हिम्मत बंधाई। पिछले दिनों डेंजरस इश्क के फ‌र्स्ट लुक इवेंट में उन्हें सुनते हुए पुराने दिन याद आ गए। श्याम बेनेगल की फिल्म जुबैदा की शूटिंग के समय जयपुर में मैंने कुछ समय सेट पर गुजारा था। करिश्मा से अनौपचारिक बातें हुई थीं और फिर फिल्मों की रिलीज के समय इंटरव्यू का सिलसिला चला था। तब अभिषेक बच्चन के साथ उनका प्रेम चल रहा था। बच्चन और कपूर परिवार फिर से करीब आ रहे थे। रिफ्यूजी की लॉन्चिंग करिश्मा कपूर के लिए बड़ी घटना थी। एक तरफ यह उनके प्रेमी अभिषेक बच्चन की पहली फिल्म थी तो दूसरी ...