फिल्म समीक्षा : ऐ दिल है मुश्किल
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उलझनें प्यार व दोस्ती की ऐ दिल है मुश्किल -अजय ब्रह्मात्मज बेवजह विवादास्पद बनी करण जौहर की फिल्म ‘ ऐ दिल है मुश्किल ’ चर्चा में आ चुकी है। जाहिर सी बात है कि एक तो करण जौहर का नाम,दूसरे रणबीर कपूर और ऐश्वर्या राय बच्चन की कथित हॉट केमिस्ट्री और तीसरे दीवाली का त्योहार...फिल्म करण जौहर के प्रशंसकों को अच्छी लग सकती है। पिछले कुछ सालों से करण जौहर अपनी मीडियाक्रिटी का मजाक उड़ा रहे हैं। उन्होंने अनेक इंटरव्यू में स्वीकार किया है कि उनकी फिल्में साधारण होती हैं। इस एहसास और स्वीकार के बावजूद करण जौहर नई फिल्म में अपनी सीमाओं से बाहर नहीं निकलते। प्यार और दोस्ती की उलझनों में उनके किरदार फिर से फंसे रहते हैं। हां,एक फर्क जरूर आया है कि अब वे मिलते ही आलिंगन और चुंबन के बाद हमबिस्तर हो जाते हैं। पहले करण जौहर की ही फिल्मों में एक लिहाज रहता था। तर्क दिया जा सकता है कि समाज बदल चुका है। अब शारीरिक संबंध वर्जित नहीं रह गया है और न कोई पूछता या बुरा मानता है कि आप कब किस के साथ सो रहे हैं ? ‘ ऐ दिल है मुश्किल ’ देखते हुए पहला खयाल यही आता है कि इस फिल...