एहसास : विवाह को नया रूप देंगे युवा-महेश भट्ट
तुमने विवाह जैसी पवित्र संस्था को नष्ट कर दिया है। क्या तुम अवैध संबंध को उचित बता कर उसे अपनी पीढी की जीवनशैली बनाना चाहते हो? तुम्हारी फिल्म विकृत है। क्या तुम यह कहना चाहते हो कि दो पुरुष और एक स्त्री किसी कारण से साथ हो जाते हैं तो दोनों पुरुष स्त्री के साथ शारीरिक संबंध रख सकते हैं? एक वरिष्ठ सदस्य ने मुझे डांटा। वे फिल्म इंडस्ट्री की सेल्फ सेंसरशिप कमेटी के अध्यक्ष थे। यह कमेटी उन फिल्मों को देख रही थी, जिन्हें सेंसर बोर्ड ने विकृत माना या सार्वजनिक प्रदर्शन के लायक नहीं समझा था। विवाह की पवित्र धारणा मैंने पर्दे पर वही दिखाया है, जो मैंने जिंदगी में देखा-सुना है। ईमानदारी से कह रहा हूं कि मैं कभी ऐसी स्थिति में फंस गया तो मुझे ऐसे संबंध से गुरेज नहीं होगा, मैंने अपना पक्ष रखा। कौन कहता है कि सत्य की जीत होती है? मेरी स्पष्टवादिता का उल्टा असर हुआ। मेरी फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया गया। यह 35 साल पहले 1978 की बात है। मेरी उम्र 22 साल थी और मैंने पहली फीचर फिल्म मंजिलें और भी हैं पूरी की थी। मुझे समझने में थोडा वक्त लगा कि विवाह हिंदी फिल्मों का अधिकेंद्र है, क्योंकि वह भारतीय जीवन...