फिल्म समीक्षा : बाहुबली कन्क्लूजन
फिल्म रिव्यू बाहुबली कंक्लूजन -अजय ब्रह्मात्मज कथा आगे बढ़ती है... राजमाता शिवगामी फैसला लेती हैं कि उनके बेटे भल्लाल की जगह अमरेन्द्र बाहुबली को राजगद्दी मिलनी चाहिए। इस घोषणा से भल्लाल और उनके पिता नाखुश हैं। उनकी साजिशें शुरू हो जाती हैं। राज्य के नियम के मुताबिक राजगद्दी पर बैठने के पहले अमरेन्द्र बाहुबली कटप्पा के साथ देशाटन के लिए निकलते हैं। पड़ोस के कुंतल राज्य की राजकुमारी देवसेना के पराक्रम से प्रभावित होकर वे उन्हें प्रेम करने लगते हैं। उधर राजमाता भल्लाल के लिए देवसेना का ही चुनाव करती हैं। दोनों राजकुमारों की पसंद देवसेना स्वयं अमरेन्द्र से प्रेम करती है। वह उनकी बहादुरी की कायल है। गलतफहमी और फैसले का ड्रामा चलता है। भल्लाल और उसके पिता अपनी साजिशों में सफल होते हैं। अमरेन्द्र को राजमहल से निकाल दिया जाता है। राजगद्दी पर भल्लाल काबिज होते हैं। उनकी साजिशें आगे बढ़ती हैं। वे अमरेन्द्र बाहुबली की हत्या करवाने में सफल होते हैं। पिछले दो सालों से देश में गूंज रहे सवाल ‘ कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा ’ का जवाब भी मिल जाता है। फिल्म...