फिल्म समीक्षा : एजेंट विनोद
चुनौतियों से जूझता एजेंट विनोद -अजय ब्रह्मात्मज एक अरसे के बाद हिंदी में स्पाई थ्रिलर फिल्म आई है। श्रीराम राघवन ने एक मौलिक स्पाई फिल्म दी है। आमतौर पर हिंदी में स्पाई थ्रिलर बनाते समय निर्देशक जेम्स बांड सीरिज या किसी और विदेशी फिल्म से प्रभावित नजर आते हैं। श्रीराम राघवन ऐसी कोशिश नहीं करते। उनकी मौलिकता ही एक स्तर पर उनकी सीमा नजर आ सकती है, क्योंकि एजेंट विनोद में देखी हुई फिल्मों जैसा कुछ नहीं दिखता। एजेंट विनोद उम्मीद जगाती है कि देश में चुस्त और मनोरंजक स्पाई थ्रिलर बन सकती है। ऐसी फिल्मों में भी कहानी की आस लगाए बैठे दर्शकों को इतना बनाता ही काफी होगा कि एक भारतीय एजेंट मारे जाने से पहले एक कोड की जानकारी देता है। वह विशेष कुछ बता नहीं पाता। एजेंट विनोद उस कोड के बारे में पता करने निकलता है। दिल्ली से दिल्ली तक के खोजी सफर में एजेंट विनोद पीटर्सबर्ग, मोरक्को, रिगा, पाकिस्तान आदि देशों में एक के बाद एक चुनौतियों से जूझता है। किसी वीडियो गेम की तरह ही एजेंट विनोद की बाधाएं बढ़ती जाती हैं। वह उन्हें नियंत्रित करता हुआ अपने आखिरी उद्देश्य की तरफ बढ़ता जाता है। श्रीराम राघवन ने एज...