रायटर आउटसाइडर ही होता है-अमितावा कुमार
-अजय ब्रह्मात्मज न्यूयार्क निवासी अमितावा कुमार भारत और खासकर बिहार से कभी खुद को अलग नहीं कर सके। कभी बिहार उनके मानस में प्रवेश करता है तो कभी अमितावा कुमार बिहार आते-जाते हैं। उन्होंने संस्मरणों से आगे बढक़र वर्तमान की धडक़नों को शब्दों में बुना है और उन्हें कहानी एवं रिपोर्ताज के बीच की अनोखी शैली में पेश किया है। यथार्थ और कल्पना के बीच छलांगें मारती उनकी अभिव्यक्ति पाठकों को विचलित, विह्वल और विस्मित करती है। अमितावा कुमार की नई किताब ‘ए मैटर ऑफ रैट्स : ए शॉर्ट बायोग्राफी ऑफ पटना’ है। अमितावा कुमार फिलहाल भारत में बिहार और झारखंड की यात्राओं पर हैं। - इस पुस्तक का विचार कहां से और कैसे आया? 0 इस पुस्तक का विचार डेविड डेविडार ने दिया था। पेंग्विन छोडऩे के बाद उन्होंने अपनी नई कंपनी शुरू की। उन्होंने आठ लेखकों के सामने प्रस्ताव रखा कि वे अपने होमटाउन के बारे में लिखें। उन्होंने मुझ से पटना के बारे में लिखने के लिए कहा। उसी प्रस्ताव और आग्रह के परिणाम के रूप में यह पुस्तक सामने आई है। - आप लगातार भारत आने पर बिहार जाते रहे हैं। पटना आप से कभी छूटता नहीं? क्या वजह ह...