फिल्म समीक्षा - डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी
कलकत्ता -1943 पृष्ठभूमि शरदिंदु बनर्जी ने 1932 में जासूस ब्योमकेश बक्शी के किरदार को गढ़ा था। उन्होंने कुल 32 कहानियां लिखी थीं। इन कहानियों को बंगाल में फिल्मों और धारावाहिकों में ढाला गया है। हिंदी में भी एक धारावाहिक 'ब्योमकेश बक्शी' नाम से ही बना था,जिसमें रजत कपूर ने शीर्षक भूमिका निभाई थी। ताजा हाल रितुपर्णो घोष की बंगाली फिल्म 'सत्यान्वेषी' मे ब्योमकेश बक्शी की भूमिका में 'कहानी' के निर्देशक सुजॉय घोष दिखे थे। दिबाकर बनर्जी ने शरदिंदु बनर्जी की सभी 32 कहानियों के अधिकार लेकर उन्हें अपनी फिल्म 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी' में सुविधानुसार इस्तेमाल किया है। दिबाकर बनर्जी की यह फिल्म यशराज फिल्म्स के सहयो" से आई है। इसमें ब्योमकेश बक्शी की भूमिका सुशांत सिंह राजपूत निभा रहे हैं। 'डिटेक्टिव ब्योकेश बक्शी' के आरंभ में फिल्म का प्रमुख सहयोगी किरदार अजीत बंद्योपाध्याय का वॉयसओवर सुनाई पड़ता है, '1942। कलकत्ता। सेकेंड वर्ल्ड वॉर जोर पर था। जापान की फौज इंडिया-वर्मा बोर्डर से कलकत्ता पर अटैक करने का मौका ...