फिल्म समीक्षा : पुरानी जींस
-अजय ब्रह्मात्मज हिंदी फिल्मों में प्रेम कहानी की तरह ही दोस्ती की कहानी भी बार-बार रिपीट की जाती है। इस दोस्ती के बीच बाज दफा एक लड़की भी रहती है। दो दोस्त एक ही लड़की को चाहते हैं। लड़की समय पर अपना प्रेम जाहिर नहीं कर पाती और उसकी वजह से दोस्तों में गलतफहमियां पैदा होती हैं और फिर ...पुरानी जींस ऐसी ही एक पुरानी कहानी है,जिसमें नए कलाकार लिए गए हैं। साथ में एक दोस्त के परिवार की कहानी भी जोड़ दी गई है ताकि कुछ ड्रामा क्रिएट हो। अफसोस लेखक और निर्देशक तनुश्री चटर्जी बसु इस पुरानी कहानी को नया अंदाज देने में असफल रही हैं। फिल्म के लिए कसौली की पृष्ठभूमि चुनी गई है। इस खूबसूरत शहर में पांच दोस्त हैं,जो कसौली काउब्वॉय के नाम से मशहूर हैं। सैम उनमें सबसे धनी और स्मार्ट है। सारे दोस्त उसका कहा मानते हैं। हिंदी फिल्मों में दोस्ती के आधार में पैसों की वजह से यह नायकत्व आसानी से मिल जाता है। चूंकि सिड भी कवि है, इसलिए उसे भी बराबर का महत्व मिला है। बा•ी तीन दोस्त से अधिक पिछलग्गु लगते हैं। बहरहाल शहर में नई लड़की नयनतारा आती है। दिलफेंक सैम उसे देखते ही फिदा हो जाता ह...