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बच ले,बच ले,यशराज तू बच ले

यही होना था.उत्तर प्रदेश में मायावती की भृकुटी तनी और इधर यशराज कैंप में हड़कंप मच गया.मायावती को आपत्ति थी कि फिल्म के शीर्षक गीत में मोची भी बोले वह सोनार है पंक्ति उपयोग हुआ जातिसूचक शब्द खेदजनक है.इस शब्द से एक जाति विशेष का अपमान हुआ है.अब यह बहस का मुद्दा हो सकता है कि गीतकार पीयूष मिश्र ने यहाँ किस संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग किया है.तिल का ताड़ बना देने वालों से बहस नही की जा सकती और जब मामला सवेंदनशील हो तो बिल्कुल ही बात नही की जा सकती। हिन्दी साहित्य और लोकगीतों में खुल कर जाती सूचक शब्दों का इस्तेमाल हुआ है.क्या हम सारे साहित्य से चुन-चुन कर ऐसे शब्दों को निकालेंगे?और अगर निकाल दिए तो क्या साहित्य का वही मर्म रह जाएगा?ताज्जुब है कि देश के बुद्धिजीवी इस मामले में खामोश हैं.कोई कुछ भी नही बोल रहा है.मायावती का विरोध करने के बजाए एक-दो स्वर उनके समर्थन में ही सुनाई पड़े कि आप जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर किसी की भावना को ठेस नहीं पहुँचा सकते। यशराज ने अपना पक्ष रखने के बजाए माफ़ी माँग लेने में भलाई समझी.पहले फिल्मकार बहस करते थे,अपना पक्ष रखते थे और कोर्ट तक जाते थे.उन्हें...

आजा नचले: पूरी तरह फिट बैठी माधुरी

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-अजय ब्रह्मात्मज आजा नचले की सबसे बड़ी खासियत सहयोगी कलाकारों का सही चुनाव है। धन्यवाद, अक्षय खन्ना, इरफान, रघुवीर यादव, रणवीर शौरी, कुणाल कपूर, कोंकणा सेन, दिव्या दत्ता, विनय पाठक और यशपाल शर्मा का ़ ़ ़ इन सभी ने मिलकर नायिका दीया (माधुरी दीक्षित) को जबर्दस्त सपोर्ट दिया है। माधुरी दीक्षित के तो क्या कहने? इस उम्र में भी नृत्य की ऐसी ऊर्जा? नई हीरोइनें सबक ले सकती हैं कि दर्शकों के दिल-ओ-दिमाग पर छाने के लिए कैसी लगन और कितनी मेहनत चाहिए। अनिल मेहता की आजा नचले की थीम चक दे इंडिया से मिलती जुलती है। वहां माहौल खेल का था, यहां माहौल नृत्य और संगीत का है। फिल्म उतनी ही असरदार है। सबके जेहन में सवाल था कि पांच साल की वापसी के बाद माधुरी दीक्षित पर्दे पर अपना जादू चला पाएंगी या नही? आदित्य चोपड़ा और जयदीप साहनी ने उन्हें ऐसी स्क्रिप्ट दी है कि माधुरी फिल्म में पूरी तरह फिट बैठती हैं। 35 पार कर चुके दर्शक अपनी धक धक गर्ल पर फिर से सम्मोहित हो सकते हैं। नई उम्र के दर्शक देख सकते हैं कि नृत्य केवल स्टेप्स या ऐरोबिक नहीं होता, उसमें भाव होता है, भंगिमा भी होती है। माधुरी सिद्ध करती हैं कि नृ...