फिल्म समीक्षा : 102 नॉट आउट
फिल्म समीक्षा 102 नॉट आउट अजय ब्रह्मात्मज उमेश शुक्ला निर्देशित 102 नॉट आउट में 75 साल के बाबू और 102 साल के उनके पिता दद्दू ढ नींक-जोंक,मिचौली और ठिठोली है। अपनी पिछली फिल्म की तरह ही उमेश शुक्ला ने इसे एक गुजरती नाटक से हिंदी फिल्म में तब्दील किया है। फिल्म का गुजराती फ्लेवर इतना स्ट्रांग है कि इसे सहज ही हिंदी में बनी गुजराती फिल्म कहा जा सकता है। यह अलग बात है की अमिताभ बच्चन गुजराती लहजे से बंगाली लहजे में सरक जाते हैं और ऋषि कपूर की भाषा फिसल कर हिंदी हो जाती है। तीसरे किरदार के तौर पर आये सरल जीव धीरू ने अपनी गु...