फिल्म समीक्षा : हैप्पी भाग जाएगी
सहज और मजेदार -अजय ब्रह्मात्मज मुदस्सर अजीज की फिल्म ‘ हैप्पी भाग जाएगी ’ हैप्पी रखती है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के आर-पार रोचक कहानी बुनी है। निर्माता आनंद एल राय की फिल्मों में लड़कियां भाग जाती हैं। यहां मुदस्सर अजीज के निर्देशन में हैप्पी भाग जाती है। वह अनचाहे ही पाकिस्तान पहुंच जाती है। पाकिस्तान के लाहौर में बिलाल अहमद के घर में जब वह फलों की टोकरी से निकलती है तो खूब धमाचौकड़ी मचती है। दो भाषाओं,संस्कृतियों,देशों के बीच नोंक-झोंक की कहानियों में अलग किस्म का आनंद होता है। असमानता की वजह से चुटकी और मखौल में हंसी आती है। इस फिल्म में हिंदी-उर्दू,लाहौर-अमृतसर और भारत-पाकिस्तान की असमानताएं हैं। हैप्पी अमृतसर में पली तेज-तर्रार लड़की है। उसे आपने परिवार के परिचित लड़के गुड्डु से प्यार हो जाता है। गुड्डु साफ दिल का लड़का है। ट़ुनटुना(गिटार) बजाता है और हैप्पी से प्यार करता है। वह हैप्पी के बाउजी से शादी की बात करे इसके पहले ही शहर के कारपोरेटर बग्गा से हैप्पी की शादी तय हो जाती है। हैप्पी एक तरफ शादी की रस्मों में शामिल है और दूसरी तरफ...