फिल्म समीक्षा - फिल्लौरी
दो युगों में की प्रेमकहानी फिल्लौरी -अजय ब्रह्मात्मज भाई-बहन कर्णेश शर्मा और अनुष्का शर्मा की कंपनी ‘ क्लीन स्लेट ’ नई और अलग किस्म की कोशिश में इस बार ‘ फिल्लौरी ’ लेकर आई है। फिल्लौरी की लेखक अन्विता दत्त हैं। निर्देशन की बागडोर अंशय लाल ने संभाली है। दो युगों की दो दुनिया की इस फिल्म में दो प्रेमकहानियां चलती हैं। पिछले युग की प्रेमकहानी की प्रमिका शशि इस युग में भूतनी बन चुकी है और संयोग से कनन और अनु के बीच टपक पड़ती है। अन्विता दत्त और अंशय लाल ने दो युगों की इस फंतासी को वीएफएक्स के जरिए पर्दे पर उतारा है। फिल्म में तर्क और विचार को परे कर दें तो यह रोचक फिल्म है। कनन तीन सालों के बाद कनाडा से लौटा है। उसकी शादी बचपन की दोस्त अनु से होने वाली है। बेमन से शादी के लिए तैयार हुए कनन के बारे में पता चलता है कि वह मांगलिक है। मांगलिक प्रभाव से निकलने के लिए जरूरी है कि पहले किसी पेड़ से उसकी शादी की जाए। आधुनिक सोच-विचार के कनन को यह बात अजीब लगती है। आरंभिक आनाकानी के बाद परिवार के दबाव में वह इसके लिए भी राजी हो जाता है। पेड़ से शादी होने पर उस