ग्राउंड जीरो की सच्चाई - अनारकली
-आशिता दाधिच कुछ फिल्में तमाचा मारती है , इतना तेज तमाचा की कुछ पलों के लिए आपको दिखाई देना , सुनना सब बन्द हो जाता है , और किसी गहन शून्य में खो जाते हैं आप। कुछ फिल्में आपको एक अजब दुनिया में धकेल देती है , आप प्रोटोगोनिस्ट के साथ रोना चाहते है , बुक्का फाड़ के रोना और फिर आप उसके साथ हंसना चाहते है , गले लगाना चाहते है। फिल्म समीक्षा ---- यौन सम्बन्धो के लिए पारस्परिक सहमति यानि म्युचुअल कंसेंट , यह विषय हाल ही में चर्चा में आया तापसी पन्नू और कीर्ति कुल्हारी की फिल्म पिंक के बाद , लेकिन शुक्रवार को रिलीज हुई अविनाश दास की फिल्म अनारकली ऑफ आरा इस विषय को एलिट क्लास के एसी बॉल रूम से गाँव देहातों की चौपाल तक घसीट लाया। यह फिल्म पूरी तरह से स्वरा भास्कर की फिल्म है , या यूं कहें स्वरा ही इस फिल्म का इकलौता मर्द है। फिल्म में संजय मिश्रा और पंकज त्रिपाठी भी है और उन्होंने यह दिखा दिया है कि बेहतरीन अभिनेताओं से ल...