सिनेमालोक : शूटिंग की अनुमति मिलने की ख़ुशी
सिनेमालोक
शूटिंग की अनुमति मिलने की ख़ुशी
-अजय ब्रह्मात्मज
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर
ने स्वयं सोशल मीडिया पर आकर फिल्म इंडस्ट्री में प्रोडक्शन आरंभ करने का एसओपी(स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किया है.
हिंदी समेत देश के सभी भाषाओं की फिल्म इंडस्ट्री में इससे राहत और खुशी मिली है.
लगभग पांच महीनों से ठप गतिविधियां सीमित पैमाने
पर आरंभ हो सकेंगी. मुंबई में खुशी की खास लहर है. मुंबई के फिल्मकारों और
कलाकारों ने भारत सरकार के जरूरी कदम का स्वागत किया है. मंत्री महोदय ने भी जोर
दिया है कि देश की अर्थव्यवस्था को सुचारु करने में शूटिंग की अनुमति देना आवश्यक
है. उन्होंने स्वीकार किया है कि देश की अर्थव्यवस्था में फिल्मों का महत्वपूर्ण
योगदान रहता है.
एसओपी में दुनिया भर में पालन हो रहे एहतियात
का उल्लेख किया गया है. मसलन शूटिंग में शामिल सभी कलाकारों और तकनीशियनों के लिए
फेस मास्क लगाना जरूरी होगा. केवल कैमरे के सामने खड़े कलाकारों को फेस मास्क
हटाने की अनुमति मिल सकती है. यह तो सुरक्षा के लिए जरूरी भी होगा. वैसे एक सवाल
बना हुआ है कि फिल्मों के अंतरंग और आलिंगन के दृश्यों की शूटिंग कैसे होगी? हम
सभी जानते हैं कि फिल्मों में अंतरंग दृश्य रहते ही हैं. फिलहाल यही हो सकता है कि
बाकी दृश्यों की शूटिंग कर ली जाए और फिर खतरा कम होने और अधिक छूट मिलने पर उन
दृश्यों को जोड़ा जाए. दस्ताने और फेस मास्क सभी के लिए अनिवार्य हैं. मेकअप
आर्टिस्ट और हेयर स्टाइलिस्ट को पीपीई भी पहनना होगा. सेट पर सैनिटाइजर और
हाथ धोने की पूरी व्यवस्था रहेगी.
न्यूनतम कलाकारों और तकनीशियनों से काम
चलाने की हिदायत दी जा रही है. कुछ लेखकों ने बताया कि वे नई स्थिति को ध्यान में
रखकर दृश्य संरचना में बदलाव कर रहे हैं. किरदारों के परस्पर संवाद के दृश्यों को
भी एक के बाद एक कट के साथ क्लोजअप में लगाया जा सकता है. निश्चित ही मांग और
हिदायत के मुताबिक शूटिंग की शैली भी बदलेगी. ऐसा लग रहा है कि सामूहिक दृश्यों को
यथासंभव कम किया जाएगा. भीड़ और ज्यादा कलाकारों के दृश्य को वीएफएक्स से जोड़ा जा
सकता है. अब तो ऐसी तकनीक आ चुकी है कि स्टंट के खतरनाक दृश्यों को डुप्लीकेट
आर्टिस्ट के साथ शूट कर लिया जाए और फिर उसके क्लोजअप दृश्यों में सही रिएक्शन और
भाव के लिए कलाकारों के चेहरे चिपका दिए जाएं. डिजिटल तकनीक ने ये सुविधाएं दे दी हैं.
मंत्रालय के एसओपी में मल्टीप्लेक्स खोलने के स्पष्ट संकेत नहीं हैं. अलबत्ता यह बताया
गया है कि टिकट बेचने और बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना है.
इसके अलावा प्रदर्शन स्थल को बार-बार सैनिटाइज करना होगा. दो दर्शकों के बीच दूरी
रखी जाएगी. दर्शकों के उपयोग के सभी स्थानों को बार-बार सैनिटाइज करना जरूरी होगा.
फिलहाल मल्टीप्लेक्स खुलते भी हैं तो दर्शक वहां जाने में आशंकित रहेंगे. क्या
रोहित शेट्टी की ‘सूर्यवंशी’ और कबीर खान की ’83’ दर्शकों को सिनेमाघरों में खींच
पाएगी? अगर ये दोनों फिल्में सिनेमाघरों में नहीं लगेंगी तो जाहिर तौर पर ओटीटी
प्लेटफार्म पर नहीं आएंगी. ऐसे में क्या फर्स्ट डे फर्स्ट शो के शौकीन दर्शक
सिनेमाघरों में जाने का जोखिम उठाएंगे? यह सब ‘न्यू नॉर्मल’ होने के बाद पता चलेगा.
फिलहाल इसी बात की खुशी है कि सीमित
स्तर पर शूटिंग आरंभ होने से उन सभी दिहाड़ी कलाकारों और मजदूरों को काम मिलेगा जो
पिछले पांच महीने से बेरोजगारी झेल रहे हैं. उनकी
आर्थिक स्थिति डांवाडोल है. अनेक कलाकार और तकनीशियन तो अपने गांव और शहरों को लौट
गए हैं. शूटिंग आरंभ होने पर ही उनकी वापसी संभव है. एक निर्देशक के मुताबिक स्टार
भी शूटिंग करने को उत्सुक हैं. अक्षय कुमार अपनी टीम के साथ ‘बेल बॉटम’ की शूटिंग
कर रहे हैं. स्कॉटलैंड के सुरक्षित परिवेश में उनकी फिल्म की शूटिंग चल रही है.
शूटिंग आरंभ करने से पहले पूरी टीम को क्वॉरेंटाइन में रहना पड़ा था. दूसरे
राज्यों दूसरे देशों में जाने पर क्वॉरेंटाइन की जरूरी प्रक्रिया से गुजरना ही
होगा. अभी निर्माताओं और संबंधित कलाकारों व तकनीशियनों के लिए शूटिंग खर्चीली और
टाइम टेकिंग रहेगी. इसमें कटौती नहीं हो सकती.
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