सिनेमालोक : वैचारिक और रोचक ‘चाणक्य’
सिनेमालोक
वैचारिक और रोचक ‘चाणक्य’
-अजय ब्रह्मात्मज
पिछले दिनों दूरदर्शन ने ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ के साथ अनेक
पुराने धारावाहिकों का प्रसारण आरंभ किया. ये धारावाहिक नौवें दशक के उत्तरार्ध और
पिछली सदी के अंतिम दशक में दूरदर्शन से पहली बार प्रसारित हुए थे. इनमें ही ‘चाणक्य’
का भी प्रसारण आरंभ हुआ है. ‘चाणक्य’ के लेखक, निर्देशक और अभिनेता डॉ.
चंद्रप्रकाश द्विवेदी हैं. प्रसारण के समय यह धारावाहिक अत्यंत चर्चित और फिर
विवादित भी हुआ था. विवाद बढ़ा और ऐसा बढ़ा कि इसे जल्दी से जल्दी समेटना पड़ा. 47
एपिसोड ही आ पाए. इस धारावाहिक को देख चुके और देख रहे दर्शक महसूस करेंगे कि
कहानी अचानक समाप्त हो जाती है. यूं लगता है कि लेखक अपनी पूरी बात नहीं कर पाया.
बहरहाल, डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी मूलतः राजस्थान के सिरोही के
निवासी हैं. उनके पिता संस्कृत के अध्यापक थे. अनेक भाई-बहनों के साथ डॉ. द्विवेदी
का परिवार मुंबई में रहता था. निम्न मध्यवर्गीय परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत
अच्छी नहीं थी, लेकिन अध्यापक पिता ने सभी बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया. डॉ.
द्विवेदी की रुचि विज्ञान के साथ-साथ संस्कृति, साहित्य, दर्शन और रंगमंच में विक्सित
हुई. उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की और पूरी योग्यता के साथ डिग्री हासिल की. कॉलेज की
पढ़ाई के दौरान ही उनका रंगमंच से जुड़ाव बढ़ा. वे नाटक की ओर प्रवृत्त हुए.
उन्होंने ‘वेताल उवाच’ समेत अनेक नाटक लिखे. इंटरकॉलेजिएट प्रतियोगिताओं में लेखन
के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले. भारतीय धर्म, दर्शन और संस्कृति में उनकी गहरी
रुचि रही और उन्हें प्रसिद्धि मिली.
नौवें दशक के मध्य में ‘रामायण’ के प्रसारण के आरंभ से पहले ही
मुंबई की फिल्म बिरादरी में टीवी के लिए शो बनाने की गतिविधियां शुरू हो गई थीं. ‘हमलोग’
के प्रसारण ने निर्माताओं को नया सृजनात्मक आयाम और लाभ का मौका दे दिया था. ‘हमलोग’
का निर्माण मुख्य रूप से दिल्ली में हुआ था. दूरदर्शन की तरफ से भी कोशिश से हो
रही थी कि मुंबई के सम्मानित, सफल और योग्य निर्माता भारतीय मिथकों और चरित्रों को
छोटे पर्दे पर रूपायित करें. इसी कोशिश में ‘रामायण’ ‘महाभारत’ और ‘टीपू सुल्तान’
के निर्माण की मंजूरी मिली. डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी इन गतिविधियों से प्रेरित
हुए और उन्होंने ‘चाणक्य’ पर शोध किया. 7
अप्रैल 1986
को उन्होंने ‘चाणक्य’ पर विधिवत लेखन
आरंभ किया. लिखने के बाद उन्होंने अपना प्रस्ताव दूरदर्शन के पास भेजा, लेकिन वह
रद्द कर दिया गया. दूरदर्शन के अस्वीकार से उन्हें क्षोभ हुआ. उनकी समझ में नहीं
आया कि अगर ‘टीपू सुल्तान’ की मंजूरी मिल सकती है तो ‘चाणक्य’ को मंजूरी क्यों
नहीं मिल सकती?
आहटी, व्यथित और उत्तेजित डॉ. द्विवेदी ने दूरदर्शन को 20 पृष्ठों का पत्र लिखा.
इस पत्र में उन्होंने ‘चाणक्य’ के प्रसारण के औचित्य पर तर्क दिए थे. उन्होंने ग्हन
शोध और मंथन के आधार पर यह पत्र लिखा था. उन दिनों डीडी अधिकारियों ने पत्र पर गौर
किया. वे उनके तर्कों से सहमत हुए लेकिन वे आश्वस्त नहीं थे कि डॉ. द्विवेदी इस
विषय का समुचित निर्वाह कर सकेंगे. तब तक अनेक स्थापित निर्माता भी ‘चाणक्य’
धारावाहिक बनाने के लिए सक्रिय हो चुके थे. खैर, 1988
में दूरदर्शन ने डॉ. द्विवेदी से ‘चाणक्य’
का प्रस्ताव मांगा. प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो उन्हें पायलट भेजने के लिए कहा गया.
दूरदर्शन का यह पत्र 19 फरवरी 1988 को जारी हुआ . उन दिनों आरंभिक सहमति के बाद पायलट जमा करना
पड़ता ता. उसकी क्वालिटी देखने के बाद ही प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी दी जाती थी. डॉ.
द्विवेदी ने 1988 में चाणक्य पर 4
एपिसोड तैयार कर दूरदर्शन के पास विचार
के लिए भेजा. फिर अंतिम सहमति मिली और आखिरकार 8
सितंबर 1991
को इसका प्रसारण आरंभ हुआ.
डॉ. द्विवेदी ने पायलट पर मंजूरी मिलने के बाद दूरदर्शन से
डेढ़ साल का समय मांगा. पायलट बनाते समय ही उन्हें एहसास हो गया था कि यह महंगा
धारावाहिक होगा और नए मानदंड स्थापित करेगा. पायलट के लिए डॉ. द्वेदी ने तब की
श्रेष्ठ प्रतिभाओं को ‘चाणक्य’ से जोड़ा. राजन कोठारी ने कैमरा संभाला. सेट डिजाईन
के लिए नितीश रॉय आये. आज के मशहूर एक्शन डायरेक्टर शाम कौशल का यह पहला प्रोजेक्ट
था. श्याम बेनेगल और गोविन्द निहलानी से प्रभावी डॉ. द्विवेदी की मंशा थी कि उनका
धारावाहिक ‘भारत एक खोज’ और ‘तमस’ के समकक्ष हो. टीवी और फिल्म इंडस्ट्री की अनेक
मशहूर हस्तियां ‘चाणक्य’ से निकलीं. आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई पहले नितीश रॉय के
सहायक थे. बाद में उन्हें स्वतंत्र प्रभार मिला तो उन्होंने खुद को निखारा और
उल्लेखनीय काम किया. इरफ़ान और संजय मिश्रा जैसे अभिनेताओं ने पहली बार इसी
धारावाहिक के दौरान कैमरा फेस किया.
डॉ. द्विवेदी ने बाद में अनेक धारावाहिकों इ साथ कुछ फ़िल्में
भी निर्देशित कीं. उनकी फ़िल्में हैं – ‘पिंजर’,’जेड प्लस’ और मोहल्ला अस्सी’. इन
दिनों वे अक्षय कुमार और मानुषी छिब्बर की फिल्म ‘पृथ्वीराज’ का निर्देशन कर रहे
हैं.’चाणक्य’ के साथ उनके दो और धारावाहिक ‘उपनिषद गंगा’ और ‘सुराज्य संहिता’ भी
दूरदर्शन से प्रसारित हो रहे हैं.
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