संडे नवजीवन : इस साल थोडा ही बदलेगा रुपहले परदे का परिदृश्य
इस साल थोडा ही बदलेगा रुपहले परदे का परिदृश्य
-अजय ब्रह्मात्मज
हिंदी फिल्म
इंडस्ट्री का पुराना टोटका है. जनवरी के पहले हफ्ते में फिल्में रिलीज नहीं होतीँ.
माना जाता है कि पहले हफ्ते में रिलीज हुई फिल्में ज्यादातर फ्लॉप होती हैं.
हालाँकि बाद के हफ्तों में भी फिल्म के हिट होने की कोई गारंटी नहीं रहती, फिर भी टोटका टोटका
होता है. 2019 में जनवरी के दूसरे हफ्ते में ‘उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक’ और ‘द एक्सीडेंटल प्राइम
मिनिस्टर’ जैसी फिल्मों की रिलीज से शुरुआत हो रही है. 2019 के दिसंबर तक के
शुक्रवार को रिलीज हो रही फिल्मों की तारीखें आ चुकी हैं. सारे त्यौहार और
राष्ट्रीय पर्व के हफ्ते रिजर्व हो गए हैं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मों की
घोषणा के साथ उसके रिलीज की तारीख तय कर देने के सिस्टम को ‘रिवर्स प्लानिंग’ का नाम दिया जाता है.
इसकी सफल शुरुआत रोहित शेट्टी ने की थी.
‘उरी : द सर्जिकल
स्ट्राइक’ एक हद तक पॉलीटिकल फिल्म है. पहली 2016 में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की
घटना पर आधारित है, जिसमें एक सैन्य अधिकारी स्पष्ट शब्दों में कहता है, ‘हिंदुस्तान अब चुप
नहीं बैठेगा. यह नया हिंदुस्तान है. यह घर में घुसेगा भी और मारेगा भी.’ गौर करें तो यह
वर्तमान केंद्र सरकार के राष्ट्रवाद की चासनी में लिपटा संवाद है, जिसमें न्यू इंडिया
की आक्रामक भाषा है, इस संवाद पर सिनेमाघरों में तालियां जरूर बजेगी, जनवरी में ही कंगना
रनोट की ‘मणिकर्णिका द क्वीन आफ झांसी’ रिलीज होगी. महारानी लक्ष्मी बाई के शौर्य पर आधारित इस फिल्म का
लेखन ‘बाहुबली’ के लेखक विजयेन्द्र प्रसाद ने किया है.मूल निर्देशक कृष के छोड़ने
के बाद कंगना रनोट ने निर्देशन की कमान संभाली तो सोनू सूद ने फिल्म छो दी.कुछ और
भी तब्दीलियाँ हुईं.
2019 में रिलीज हो रही
फिल्मों में खानत्रयी (आमिर, शाह रुख और सलमान) में से केवल सलमान खान की फिल्म ‘भारत’ 5 जून को रिलीज होगी.
बाकी दोनों खान आमिर और शाह रुख की कोई फिल्म 2019 में नहीं आएगी. आमिर ने फिल्मों से
अस्थाई सन्यास लिया है और शाह रुख अभी राकेश शर्मा के जीवन पर आधारित फिल्म की
शूटिंग शुरू करेंगे. पिछले साल सलमान खान की ‘रेस 3’ आमिर खान की ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ और शाह रुख खान की ‘जीरो’ अपेक्षा के मुताबिक
कारोबार नहीं कर सकी. तीनों फिल्मों के साधारण कारोबार ने कुछ फिल्मी पंडितों को
खान की श्रद्धांजलि लिखने का मौका दे दिया. हड़बड़ी में भविष्यवाणियां कर दी गईं
कि खान का दौर खत्म हुआ. हिंदी फिल्मों में स्टारडम के प्रभाव और फिल्मों के
कारोबार के जानकार ताकीद कर सकते हैं कि इन निष्कर्षों में कितनी सच्चाई है? जिन उदीयमान सितारों
पर भरोसा जताया जा रहा है, उन्हें अपनी आगामी फिल्मों से साबित करना है. ऐसा नहीं कहा जा सकता
कि उन पर बॉक्स ऑफिस और दर्शकों का अभी से भरोसा हो गया है. हिंदी फिल्म स्टार
प्रेरित और प्रभावित होती है. किसी भी एक्टर के स्टारडम से फिल्मों की ओपनिंग
निश्चित होती है. तात्पर्य कि रिलीज के पहले से दर्शकों की जिज्ञासा बनी रहती है.
फिल्मों के एडवांस बुकिंग होती है. फिल्म पहले दिन अच्छा प्रदर्शन करति
है.दूसरे दिन से फिल्म का कारोबार क्वालिटी और दर्शकों की स्वीकृति से तय होता है.
उदाहरण के लिए ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ की ओपनिंग इसी स्टारडम के दम पर 50 करोड़ से अधिक की थी, लेकिन फिल्म अच्छी
नहीं होने की वजह से अगले ही दिन यह कलेक्शन आधा हो गया था.
2018 में आयुष्मान खुराना, विकी कौशल और
राजकुमार राव की फिल्मों के 100
करोड़ी कारोबार से यह उम्मीद बंधी है कि
तीनों 2019 के स्टार हैं. उनके साथ पंकज त्रिपाठी को भी नहीं भूलना चाहिए. मुख्य
भूमिकाओं में तो नहीं लेकिन जोरदार सहयोगी भूमिकाओं में फिल्म की सफलता के लिए वे
जरूरी बनते जा रहे हैं. उनकी मौलिकता ही उनकी प्रतिभा है. भाषा के नियंत्रण और खेल
से अपने शब्दों में जादुई असर ले आते हैं. विकी को तो हम जनवरी में ही ‘उरी…’ में देख लेंगे. बाद
के महीनों में आयुष्मान खुराना और राजकुमार राव की फिल्में आएंगी. इन कलाकारों के
साथ रणवीर सिंह,रणबीर कपूर, शाहिद कपूर, वरुण धवन, अर्जुन कपूर और सिद्धार्थ मल्होत्रा पर भी नजर रहेगी. इनमें से पहले
तीन कोई भी चमत्कार कर सकते हैं. पत्र-पत्रिकाओं ,ऑनलाइन चैनल और टीवी की रणवीर और रणबीर
की टक्कर और आगे-पीछे होने की होड़ में खास रूचि रहेगी. दोनों के पास दमदार
फिल्में हैं. उनके निर्देशकों ने पिछली फिल्मों में खुद को साबित कर रखा है.
इस साल रणवीर सिंह और रणबीर कपूर की होड़ आमने-सामने की होगी.2018 में
रणबीर कपूर की ‘संजू’ 300 करोड़ से अधिल का कारोबार कर उन्हें बढ़त दी है,लेकिन रणवी
सिंह भी पीछे नहीं हैं.साल के शुरू में उनकी ‘पद्मावत’ ने अच्छा कारोबार किया उअर
अभि उमकी ‘सिंबा’ का कलेक्शन बढ़ता ही जा रहा है.उदीयमान सितारों के अलावा रणबीर
कपूर और रणवीर सिंह की भिडंत रोचक रहेगी.इनके साथ वरुण धवन और कार्तिक आर्यन पर भी
नज़र रहेगी.2019 में रिलीज हो रही फिल्मों से उनका भविष्य तय होगा.इन चरों के पास
पर्याप्त फ़िल्में हैं.
2019 में अनेक ऐतिहासिक और
बायोपिक फिल्में आएंगी. करण जौहर की ‘तख़्त', अजय देवगन की ‘तानाजी’,चन्द्रप्रकाश
द्विवेदी की ‘पृथ्वीराज’ रितिक रोशन की ‘सुपर 30’ के अलावा दीपिका पादुकोण,सोनम कपूर,जान्हवी कपूर और
अनुष्का शर्मा की कुछ बायोपिक फिल्में भी होंगी. कंगना रनोट की ‘मणिकर्णिका…’ से ऐतिहासिक फिल्मों
की शुरुआत हो रही है. वास्तव में ‘बाहुबली’ और ‘पद्मावती’ की कामयाबी ने निर्माताओं को हिस्टोरिकल फिल्मों का नया विश्वास दिया
है. दूसरे इन फिल्मों के जरिए राष्ट्रवाद के आड़ में भारतीय गर्व और गौरव को
दिखाने और रेखांकित करने के साथ सत्तारूढ राजनीतिक पार्टी को खुश करने का बहाना भी
निर्माताओं को मिल रहा है. उम्मीद की जानी चाहिए कि हिंदी फिल्मों में घुस आई
राष्ट्रवाद की अतिजना सत्ता के संभावित बदलाव के साथ कम होगी.
हर साल की तरह इस साल भी फिल्म इंडस्ट्री के बेटे-बेटियों की
लॉन्चिंग होगी. नेपोटिज्म के तमाम होहल्ले के बीच स्टार किड फिल्मों में आते
रहेंगे. इस साल अनन्या पांडे, अहान शेट्टी, यशवर्धन, प्रनूतन और भाग्यश्री के बेटे का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है, सनी देओल के बेटे करण
की फिल्म लगभग बन चुकी है. अभी ऐसा कोई संकेत नहीं है, लेकिन शाह रुख खान के
बेटे आर्यन के फिल्म की घोषणा किसी सरप्राइज़ की तरह दर्शकों को हैरत में डाल सकती
है.
2019 में वेब सीरीज
दर्शकों का बड़ा आकर्षण होगा. ‘सैक्रेड गेम्स’ की अगली कड़ियों की शूटिंग चल रही है. ‘मिर्जापुर’ और ‘रंगबाज’ की नकल में अनेक वेब
सीरीज की तैयारियां हो रही हैं. इन दिनों मुंबई में हर कलाकार और तकनीशियन किसी न
किसी वेब सीरीज के साथ या तो जुड़ा है या उसकी तैयारी कर रहा है. यहां तक कि
फिल्मों के लोकप्रिय स्टार भी वेब सीरीज करने के लिए आतुर दिख रहे हैं.
इस बीच एक बड़ी खबर आई है की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर
एक बायोपिक फिल्म बनेगी. इस फिल्म में विवेक ओबेरॉय अपने प्रिय नेता मोदी की
भूमिका निभाएंगे.फिल्म गलियारे में कहा जा रहा है कि उनके नाम पर स्वयं नरेन्द्र
मोदी ने मुहर लगायी है.ओमंग कुमार निर्देशित इस फिल्म को अं चुनाव के मौके पर
रिलीज किया जायेगा कि फिल्मों के जरिये नरेन्द्र मोदी की झांकी पेश की जा सके.तीन
महीने में बायोपिक बनाने और रिलीज करने की इस हड़बड़ी में हम अभि से अनुमान लगा सकते
हैं कि फिल्म कितनी रोचक और विश्वसनीय होगी?
Comments
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'