सिनेमालोक : इस 15 अगस्त को
इस 15 अगस्त को
-अजय ब्रह्मात्मज
कल 15 अगस्त है. दिन बुधवार... बुधवार होने के
बावजूद दो फिल्में रिलीज हो रही हैं. अमूमन हिंदी फिल्में शुक्रवार को रिलीज होती
हैं, लेकिन इस बार दोनों फिल्मों के निर्माताओं ने जिद किया कि वे दो दिन
पहले ही अपनी फिल्में लेकर आएंगे. रिलीज की तारीख को लेकर वे टस से मस ना हुए.
दोनों 15 अगस्त की छुट्टी का लाभ उठाना चाहते हैं. इस तरह उन्हें पांच दिनों
का वीकेंड मिल जाएगा. इन दिनों शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्मों के बारे में रविवार
इन दिनों में पता चल जाता है एक ऐसा व्यवसाय करेगी? इस बार परीक्षा के लिए दोनों फिल्मों को
पांच दिनों का समय मिल जाएगा.देखना रोचक होगा इन दोनों फिल्मों को दर्शक क्या
प्रतिसाद देते हैं? रीमा कागटी की ‘गोल्ड’ और मिलाप मिलन झावेरी की फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ आमने-सामने होंगी.
पहली फिल्म ‘गोल्ड’ की पृष्ठभूमि में
हॉकी है. हॉकी खिलाड़ी तपन दास के नेतृत्व में 1948 में भारत ने पहला गोल्ड जीता था. पिछले
रविवार को इस उपलब्धि के 70 साल होने पर देश के सात स्थापत्यों और जगहों को सुनहरी रोशनी से
आलोकित किया गया था.रीमा कागटी ने सच्ची घटना पर इस फिल्म की कहानी लिखी है. कहते
हैं तपन दास के बारह सालों के अथक प्रयासों से यह मुमकिन हो पाया था. आजाद भारत
में इंग्लैंड की धरती पर देश का पहला गोल्ड मेडल जीता था. राष्ट्र गौरव के क्षण को
हाईलाइट करने के साथ ही जीत के संघर्ष और तैयारी पर भी रीमा ध्यान देंगी. विजेता
टीम बनाना उसमें जीत का जोश भरना आसान काम नहीं रहा होगा. अक्षय कुमार इस फिल्म
में तपन दास की भूमिका निभा रहे हैं. उनकी टीम में विनीत कुमार सिंह, कुणाल कपूर, अमित साध और सनी कौशल जैसे कलाकार हैं.
‘गोल्ड’ के सामने ‘ सत्यमेव जयते’ रहेगी. मिलाप मिलन
झावेरी ने आज के दौर की फिल्म में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है. हम सभी जानते
हैं कि भ्रष्टाचार ने देश को ग्रस्त रखा है. सीधा और ईमानदार नागरिक
भ्रष्टाचारियों के चंगुल में फंसते हैं. देश को आर्थिक नुकसान होता है. प्रगति और
विकास की योजनाएं रुक जाती हैं. ‘सत्यमेव जयते’ में जॉन अब्राहम और मनोज बाजपेयी की टक्कर दिखेगी. पहली बार दोनों कलाकार
किसी फिल्म में एक साथ आ रहे हैं. इस फिल्म की कैच लाइन है - ‘बेईमान पिटेगा, करप्शन मिटेगा’. मनोज बाजपेयी एक बार फिर पुलिस अधिकारी की भूमिका में बहादुरी
दिखाएंगे. हाल ही में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में ‘गली गुलियां' फिल्म के लिए एक्टर अवार्ड मिला है.
गौर करें तो दोनों ही फिल्मों की थीम
राष्ट्र और देश प्रेम है. इसी वजह से उनके निर्माताओं ने रिलीज के लिए 15 अगस्त का दिन चुना
है. राष्ट्रीय भावना से लबरेज इस दिन को थिएटर जा रहे दर्शकों में यह फिल्में देश
प्रेम और राष्ट्रीयता का संचार करेंगी. इन दिनों हिंदी फिल्मों में राष्ट्रवाद का
नवाचार चल रहा है. फिल्में किसी भी जोनर की हों . लेखक और निर्देशक की कोशिश रहती
है कि किसी दृश्य, संवाद या गाने में राष्ट्र से संबंधित कुछ संदेशात्मक बातें हों.यह
तरीका बहुतों को पसंद आ रहा है. अक्षय कुमार इस दौर के ‘भारत कुमार’ बन गए हैं. कवि मनोज
कुमार को हम इस नाम से जानते थे.
अक्षय कुमार के ठीक पीछे जॉन अब्राहम
खड़े हैं. उन्होंने ‘परमाणु’ में संकेत दिया कि वे भी अक्षय कुमार
के रास्ते पर चल रहे हैं.
देखना रोचक होगा की इस हफ्ते दर्शक किस
राष्ट्रप्रेमी को अधिक पसंद करते हैं. दोनों फिल्मों के निर्माताओं और कलाकारों ने
प्रचार का हर जोर लगा रखा है. वे दर्शकों को अपनी फिल्मों के लिए लुभा रहे हैं.
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