सिनेमालोक : निशाने पर अमिताभ बच्चन
सिनेमालोक
निशाने पर अमिताभ बच्चन
-अजय ब्रह्मात्मज
गौर करें तो पिछले कुछ दिनों से अमिताभ बच्चन मिलेनियल पीढ़ी के
निशाने पर हैं। दक्षिण के लोकप्रिय अभिनेता प्रकाश राज ने भी एक इंटरव्यू में सीधे
शब्दों में उन्हें कायर कहा। आखिर क्या बात है की अमिताभ बच्चन की उक्ति और ख़ामोशी
दोनों मायने रखती है? दर्शक,पाठक,प्रशंसक और उनके आलोचक उनकी हर बात,गतिविधि और पोस्ट को
गंभीरता से लेते हैं। अमिताभ बच्चन स्वयं मज़े लेते हैं और अपने विस्तारित परिवार
से इंटरैक्ट करते हैं। इस लिहाज से वह अपनी पीढ़ी के ऐसे अकेले अभिनेता हैं,जो नयी पीढ़ी के साथ
कदम मिला कर चल रहे हैं। उनके साथ ाबतिया रहे हैं। हाँ,कई मुद्दों और मसलों
पर वे ख़ामोशी ओढ़ लेते हैं। यह उनका स्वाभाव है। वे विवादों से बचते हैं। कभी कोई
पक्ष लेने या रखने से बचते हैं। वे खुद पर लगे आरोपों का भी जवाब नहीं देते। ऐसे
समय में वे कोई और राग छेड़ देते हैं।
सभी की तरह वे भी ‘अवेंजर्स :इंफिनिटी
वॉर’ देखने गए। फिल्म देख कर निकले तो साफ़ शब्दों में सोशल मीडिया पर लिख
दिया,’अच्छा,भाईसाहब,बुरा न मानना ,एक पिक्चर देखने गए ,अवेंजर्स :इंफिनिटी
वॉर,कुछ समझ में नहीं आया कि पिक्चर में हो क्या रहा है। अमिताभ बच्चन ने
बेलाग शब्दों में अपनी नासमझी जाहिर की। कायदे से नयी पीढ़ी को उन्हें समझाना चाहिए
था कि अवेंजर्स में हो क्या रहा था? यह सिर्फ अमिताभ
बच्चन की दिक्कत नहीं है। 60 से अधिक उम्र के
ज़्यादतर भारतीय दर्शक ‘अवेंजर्स’ जैसी अंग्रेजी फ़िल्में
नहीं समझ पाते हैं।
इनके उलट नयी पीढ़ी इस फिल्म के लिए टूटी
पड़ी है। फिल्म का कारोबार 200 करोड़ से अधिक हो चूका
है।
पिछले कुछ सालों में हॉलीवुड की अंग्रेजी फिल्मों की दर्शकता बढ़ी है।
उनका कारोबार हिंदी फिल्मों के बराबर और उनसे ज़्यादा भी होने लगा है। इन फिल्मों
को दर्शकों तक पहुँचाने में हिंदी फिल्मों के स्टारों की बड़ी भूमिका रही है।
हॉलीवुड फिल्मों के प्रीमियर और प्रदर्शन के मौकों पर हिंदी फिल्मों के पॉपुलर
स्टारों को सदर बुलाया जाता है। अगले दिन उनकी तस्वीरें मीडिया में छपती और दिखती
हैं। आम दर्शकों को लगता है कि अगर उनके प्रिय कलाकारों इन फिल्मों को देखने गए तो
ज़रूर कोई बात होगी। प्रशंसक ही इस तरह हॉलीवुड की फिल्मों के दर्शक बन जाते हैं।
आप ने देख होगा की हिंदी के सारे बड़े स्टार इन फिल्मों की हिंदी डबिंग करते हैं।
इन फिल्मों के प्रचार में हिंदी फिल्मों के कलाकारों की इस्तेमाल हुई आवाज़ का जम
कर प्रचार किया जाता है। दर्शक जुटाए जाते हैं। हमारे फिल्म स्टार अनजाने में ही
कुछ पैसों के लोभ में हॉलीवुड फिल्मों के प्रचारक बन जाते हैं। कभी पूछो तो उनका
तर्क होता है कि हम डबिंग नहीं करेंगे तो कोई और कर देगा। यहाँ याद रखने की ज़रूरत
है कि अगर रणवीर सिंह ‘डेडपूल’ में आवाज़ नहीं देते
और उसके बारे में ट्वीट नहीं करते तो उस फिल्म के हिंदी संस्करण के दर्शक काम
होते। आप ही तय करें कि दर्शक कौन बना रहा है?
बात अमिताभ बच्चन से शुरू हुई थी। इस मामले में अमिताभ बच्चन से भी
ऐसी नादानी हुई है। “अवेंजर्स’ उनकी समझ में नहीं आई
तो उन्होंने लिख दिया। बाकि फिल्मों का क्या? जिनके प्रदर्शन में
वे हाज़िर रहे?
अब बात करें प्रकाश राज के आरोप की। प्रकाश राज मोदी और उनके भक्त
फोल्लोवेर्स के कट्टर विरोधी हैं। गौरी लंकेश की हत्या के बाद वे हर मौके पर
वर्तमान केंद्रीय सर्कार की आलोचना से नहीं चूकते। कर्णाटक चुनाव के मौके पर एक
टीवी एंकर ने लगभग उनके गले में उंगली डाल कर उनसे यह कहलवाया कि कठुआ मामले में
अमिताभ बच्चन की ख़ामोशी कायरता है। हो सकता है प्रकाश राज किसी और शब्द का
इस्तेमाल करते जो इतना कठोर और प्रत्यक्ष नहीं होता। सही अभिव्यक्ति के लिए उनकी
तलाश पूरी होने के पहले ही उक्त एंकर ने उन्हें कायर शब्द दे दिया। कठुआ मामले में
उनकी ख़ामोशी के लिए ‘कायर’ शब्द कतई उचित नहीं
है। उन्हें ‘भीरु’ खा जा सकता था। दरअसल,हिंदी फिल्मों के
स्टार किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए अपना पक्ष स्पष्ट नहीं करते। उनकी
फिल्मों का आर्थिक पहलू जुड़ा होता है। अमिताभ बच्चन की ‘102 नॉट आउट’ की प्रेस कांफ्रेंस
में उनसे यह सवाल किया गया था। फिल्म की रिलीज के ठीक पहले सत्ता पक्ष के विरोध
में भला कौन स्टार कुछ बोलता है? अमिताभ बच्चन ने
खामोश रह कर या जवाब टाल कर नयी रस्म का पालन किया। सवाल यह भी है कि कोई सामने
दिख गया तो जवाब दे। बगैर पूछे भी तो सेलिब्रिटी अपनी राय जाहिर कर सकती है।
अमिताभ बच्चन तूफ़ान की आँख से निकलना जानते हैं। वह मजाक और आरोप से
अलग जाका ‘बडूम्बा’ के प्रचार में लगे हैं। यह शब्द उनका
गधा हुआ है। ख़ुशी के अतिरेक के लिए वे ‘बडूम्बा’ का इस्तेमाल करते
हैं। उनकी ‘102 नॉट आउट’ अच्छा कारोबार कर रही
है। अभी इसी रविवार को अमिताभ बच्चन रविवारी दर्शन में ‘बडूम्बा’ की धुन पर जलसा में
झूमते दिखे।
Comments