सिनेमालोक : कार्तिक-टाइगर पहली तिमाही की उपलब्धि
सिनेमालोक
कार्तिक-टाइगर
पहली तिमाही की उपलब्धि
- अजय
ब्रह्मात्मज
2018 की
पहली तिमाही पूरी हो चुकी है। 30 मार्व को रिलीज हुई ‘बागी 2’ ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अगले कुछ
दिनों में 100 करोड़ी क्लब में शामिल हो जाएगी। उसके पहले रिलीज हुई अजय देवगन की
‘रेड’ भी धीरे-धीरे 100 करोड़ के करीब
पहुंच रही है। जनवरी में संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावत’
और फरवरी में लव रंजन की ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’
ने 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया। ‘पद्मावत’
तो 300 करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर चुकी है। उम्मीद के बावजूद
अक्षय कूार की ‘पैड मैन’ 100 करोड़ के
पहले ही थम गई। पहली तिमाही में रिलीज हुई फिल्मों की क्वलिटी पर बहस हो सकती है,लेकिन इसमें दो राय नहीं है कि 2017 के मुकाबले 2018 हिंदी फिल्म इंडस्ट्री
के लिए लाभप्रद रही। फिल्मों की कमाई होती है तो फिल्म इंडस्ट्री में उत्साह
बढ़ता है।
पहली
तिमाही की कामयाब फिल्मों पर नजर डालें तो सफलता का कोई ट्रेंड नहीं दिखता। हिस्टोरिकल
पीरियड,संदेशपूर्ण,ब्रोमांस की रोमांटिक
कॉमेडी,रियलिस्टिक सोशल ड्रामा और एक्शन हर जोनी की फिल्मों
को दर्शकों ने पसंद किया। स्थापित और मंझे स्टारों के साथ नई पौध के स्टारों को
भी दर्शकों ने सराहा। उन्होंने कोई भेदभाव नहीं किया। अजय देवगन,अक्षय कुमार,शाहिद कपूर और रणवीर सिंह के साथ
कार्तिक आर्यन और टाइगर श्रॉफ भी अगली कतार में दिखे। अभिनेताओं के साथ अपनी हद
में आगे बढ़ती अभिेनत्रियां भी नजर आईं। दीपिका पादुकोण को हर क्वार्टर से सराहना
मिली। उनके अलावा अनुष्का शर्मा और रानी मुखर्जी अपने अलग प्रयासों में पसंद आईं।
इन दोनों का उल्लेख होना ही चाहिए,क्योंकि दोनों ने ‘आउट ऑफ बॉक्स’ फिल्मों में काम किया। अमूमन
हीरोइनें ऐसी फिल्मों से बचती हैं। फिल्म खींचने या चलाने के लिए उनके साथ कोई
स्टार या अभिनेता नहीं था। सीमित बजट की उनकी फिल्मों को नुकसान नहीं हुआ।
2018 की
पहली तिमाही कायदे से कार्तिक आर्यन और टाइगर श्रॉफ के नाम रही। ये दोनों पहले
तिमाही की उपलब्धियां हैं। पहले कार्तिक आर्यन की बात करें। ग्वालियर से आए और
बगैर किसी फेमस गॉडफादर के हिदी फिल्मों में सक्रिय कार्तिक को पहला मौका लव रंजन
ने ‘प्यार का पंचनामा’ में दिया। इस फिल्म
से उन्हें पहचान तो मिली,लेकिन अगली दो फिल्मों ‘आकाशवाणी’ और ‘कांची’ के नहीं चलने से वे पहली फिल्म के पहले की स्थिति में आ गए थे। किसी
आउटसाइडर के लिए इंडस्ट्री में फिर से प्रवेश कर पाना मुश्किल काम होता है। फिर
से लव रंजन की मदद मिली। ‘प्यार का पंचनामा 2’ से उनकी खोई लोकप्रियता लौटी। इसके बाद 2017 में ‘गेस्ट
इन लंदन’ से उन्हें पुन: झटका लगा। लव रंजन फिर से काम आए।
2018 में आई ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ ने उन्हें 100 करोड़ के कारोबार के साथ भरोसेमंद युवा स्टार के रूप में
स्थापित कर दिया। अब उनके पास बड़ी फिल्मों और सफल निर्देशकों के ऑफर आ रहे हैं।
सात सालों के अनवरत प्रयासों के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
टाइगर
श्रॉफ को ऐसा प्रयास या संघर्ष नहीं करना पड़ा,लेकिन फिल्म
इंडस्ट्री का भरोसा जीतने में उन्हें भी चार साल लग गए। 2014 में आई ‘हीरोपंथी’ से उनकी धमाकेदार शुरूआत हुई। जैकी श्रॉफ
के बेटे टाइगर एक्शन में माहिर और अच्छे डांसर हैं। उनमें गजब की लचक है। उनकी ‘बागी’ भी ठीक चली थी। फिर ‘ अ
फ्लाइंग जट’ और ‘मुन्ना माइकल’
ने उन्हें जरूरी झटके और सबक दिए। पिछले हफ्ते आई ‘बागी 2’ से सभी को उम्मीदें थीं। अपेक्षा के
मुताबिक पहले ही दिन 25 करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर ‘बागी
2’ ने टाइगर श्रॉफ को अगली कतार में ला दिया है।
आउटसाइडर
कार्तिक आर्यन और इनसाइडर टाइगर श्रॉफ की कामयाबी पर नजर रखनी होगी। उनकी अगली
फिल्मों के चुनाव और परिणाम पर सब कुछ निर्भर करेगा।
लोकमत समाचार में प्रकाशित
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