सिनेमालोक : अनिश्चय की बेचैनी
सिनेमालोक
अनिश्चय की बेचैनी
-अजय ब्रह्मात्मज
फिलहाल सलमान खान मुंबई लौट आए हैं। अगले कुछ
दिनों में वे अपनी फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त हो जाएंगे। फिर से उनकी फिल्में
सैकड़ों करोड़ों की कमाई करेंगी। माना जाता है कि उनकी कोई भी फिल्म कम से कम 500
करोड़ का कारोबार करती है। बॉक्स आफिस से इतर बेचे गए अधिकारों से आमदनी बढ़ती
है। फिर भी एक बेचैनी बरकरार है। यह बेचैनी उस अनिश्चय की है,जो सलमान खान के
मामले में पिछले 20 सालों से उनके साथ चल रही है। इस बीच उनके केस को कवर कर रहे
फिल्म और मीडिया के अनेक पत्रकार बदल गए या रिटायर हो गए। इसके पहले संजय दत्त
के मामले में भी 1993 के केस का फैसला 2013 में हो पाया। संजय दत्त को सजा हुई।
सलमान खान को सजा हुई,लेकिन वे जमानत पर अगली तारीख तक के लिए छूट गए हैं। अगली
बार क्या होगा? अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
कोर्ट तथ्य और गवाहियों के आधार पर अंतिम फैसला
दे तो सलमान खान के परिवार और प्रशंसकों को राहत मिले। स्वयं सलमान खान भी
अंतर्द्वंद्व से बाहर निकलें और सुकून से काम करें। इस बार जेल से छूटने और मुंबई
आने के बाद जब वे प्रशंसकों के दर्शन के लिए गैलेक्सी की बालकनी में आए तो उनके
चेहरे पर कोई मुस्कराहट नहीं थी। चेहरे पर भारी तनाव था। बॉडी लैंग्वेज में
मायूसी थी। सलमान खान को इसकी आदत सी हो गई है। अब वे अपने निजी दोस्तों,परिजनों
और पर्दे पर ही हंसते-खिलखिलाते दिखते हैं। बाकी पब्लिक इवेंट और अन्य
कार्यक्रमों में साफ दिखता है कि वे वहां होते हुए भी नामौजूद रहते हैं। चल रही
गतिविधियों के प्रति उनमें लगाव नहीं दिखता। एक निस्संगता सी बनी रहती है।
अपनी मुलाकातों में मैंने महसूस किया है कि अब
उनमें वह खिलंदड़ापन नहीं रह गया है। एक तो उम्र के पचास साल पार करने के बाद ऐसे
ही स्थिरता आ जाती है। जवानी के दिनों में अपने उच्छृंखल स्वभाव की वजह से उन्होंने
अनेक गलतियां की होंगी। अक्खड़पन भी रहा होगा। काले हिरण के मामले के पुराने
वीडियो देखने पर उनकी प्रतिक्रियाओं और हाव-भाव में इसे भांपा जा सकता है। उनकी
छवि बदमाश स्टार की रही है। बाकी दोनों खानों(आमिर और शाह रुख) की तरह वाकपटु
नहीं होने की वजह से सलमान खान अपनी भावनाएं और सोच भी ढंग से जाहिर नहीं कर पाते।
बहुत कुछ अनकहा रह जाता है। ऐसे में उनकी चाल-ढाल और अनगढ़ शब्दों में कही बातों
के अलग-अलग मायने निकाले जाते हैं। सलमान खान सभी की निगाहों में हैं और सभी उनके
बारे में कोई न कोई राय रखते हैं।
गौर करें तो उनमें बड़ा परिवर्त्तन आया है। वे
चैरिटी और मदद के कामों में आगे रहते हैं। अपने करीब आए जरूरतमंदों की हर संभव
सहायता करते हैं। बीइंग ह्यूमन के जरिए वे शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
निश्चित ही उन्हें अपनी भूलों का एहसास है,लेकिन स्टार की लार्जर दैन लाइफ
सार्वजनिक छवि होने के कारण वे भूलों को स्वीकार नहीं कर पाते। ऐसा सिर्फ उनके
साथ नहीं हो रहा है। अतीत में अनेक हस्तियां अपराध बोध और ग्लानि में घुटती रही
हैं। सलमान खान के लिए यह वक्त चुनौतियों से भरा है। उन्हें एक तरफ अपने करिअर
पर ध्यान देना है। 52 साल के हो चुके सलमान खान बतौर नायक कुछ और साल ही चलेंगे।
उसके बाद उन्हें अपनी भूमिकाएं बदलनी होंगी। दूसरी तरफ उन्हें घर-परिवार और अपनी
सार्वजनिक छवि की मर्यादा का भी खयाल रखना है। दुविधा और असमंजस के इस दौर में
उनका कोई बयान और छोटी हरकत भी उनके खिलाफ जा सकती है।
काले हिरण का मामला 20 सालों से चल रहा है। अभी
तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अनिश्चय की तलवार लटकी हुई है। फैसला आने तक
कोर्ट के सुनवाइयों के लिए समय निकालना और कोर्ट में हाजिर होना भी एक किस्म की
सजा है,जिसका उन्हें अनिवार्य रूप से पालन करना है। कोई भुक्तभोगी सलमान खान के
दर्द और द्वंद्व को अच्छी तरह समझ सकता है।
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