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Showing posts from March, 2018

पर्दे पर दर्द को जीने वाली मीना - अजय ब्रह्मात्‍मज

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पर्दे पर दर्द को जीने वाली मीना  - अजय ब्रह्मात्‍मज महजबीन.. यह एक खूबसूरत लड़की का खूबसूरत नाम था, लेकिन वह लड़की स्वयं को खूबसूरत नही मानती थी। पतले चेहरे, गालो की उभरी हड्डियों और झुकी आंखों के कारण वह पूर्वी एशिया की लड़की लगती थी। दादी मां चिढ़ाने के लिए उसे चीनी लड़की कहती थी। मजाक में दिया यह नाम उससे चिपक गया और उसने लड़की के अंदर हीन भावना पैदा की। चार वर्ष की उम्र में वह पहली बार कैमरे के सामने आई। उसका नाम पूछा गया। उसने महजबीन बताया। यूनिट के लोगों ने मजाक किया, यह तो किसी मोटी और गबदी बेगम का नाम लगता है, इसलिए इस नाम से काम नही चलेगा। उसे मीना, प्रभा और कमला तीन नामों में से एक चुनने के लिए कहा गया। उसने मीना चुना और वह मीना कुमारी हो गई।  किसी स्टार की तरह उसने शुरुआत में ही नखरे दिखाए। निर्देशक ने उसे बताया कि उसे दौड़कर डकैत द्वारा परेशान की जा रही अपनी मां के पास पहुंचना है और फिर धड़ाम से जमीन पर गिरना है। मीना के मन में प्रश्न आया कि वह गंदे फर्श पर क्यों गिरेगी? मान-मुनौव्वल का असर नही हुआ, लेकिन जब मां ने वादा किया कि क्रीम केक मिलेग...

फिल्‍म समीक्षा : बागी 2

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फिल्‍म समीक्षा एक्‍शन भरपूर,इमोशन कर्पूर बागी 2 -अजय ब्रह्मात्‍मज   ‘बागी 2’ देखते हुए मुझे जुहू चौपाटी पर घोड़े पर घूमते बच्‍चों की याद आई। वे किसी काबिल घुड़सवार की तरह घोड़े पर मुस्‍कराते और लहराते रहते हैं,जबकि चंद रुपयों के लिए देश के अंदरुनी इलाके से आया कोई जवान घोड़े को चला और नियंत्रित कर रहा होता है। मां-बाप बच्‍चों को गर्व भाव से देख रहे होते हैं। उन्‍हें भी अपना बच्‍चा घुड़सवार जान पड़ता है। यहा ‘बागी 2’ घोड़ा है। टाइगर श्रॉफ बच्‍चा, अहमद खान,फॉक्‍स स्‍टार और साजिद नाडियाडवाला मां-बाप और घोड़े की लगाम थामें चल रहे गंवई जवान मनोज बाजपेयी,रणदीप हुडा,विपिन शर्मा और दीपक डोबरियाल हैं। हर कमजोर सीन और सीक्‍वेंस के बीच में मनोज बाजपेयी,रणदीप हुडा,विपिन शर्मा और दीपक डोबरियाल में से कोई एक या दो टाइगर श्रॉफ और फिल्‍म को संभालने चले आते हैं। अगर उनके निभाए किरदारों को असमर्थ कलाकार निभा रहे होते तो यह फिल्‍म पूरी तरह से अझेल हो जाती। हां,फिश्र भी किशोर और युवा दर्शकों को टाइगर श्रॉफ के एक्‍शन में मजा आता। मजा तो मुझे भी आया,क्‍योंकि जब टाइगर श्रॉफ गुरूत्‍ववि...

दरअसल : किफायती और कामयाब अजय देवगन

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दरअसल... किफायती और कामयाब अजय देवगन (जन्‍मदिन 2 अप्रैल के मद्देनजर) -अजय ब्रह्मात्‍मज संयोग कुछ ऐसा बना था कि 2003 के राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कारों की दिल्‍ली के एक पत्रकार मित्र से एक दिन पहले अग्रिम जानकारी मिल गई थी। यह पता चल गया था कि ‘द लिजेंड ऑफ भगत सिह’ में भगत सिंह की ओजपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अजय देवगन को सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेता का पुरस्‍कार मिलने जा रहा है। उन दिनों मैं महेश भट्ट के सान्निध्‍य में एक दैनिक का मनोरंजन परिशिष्‍ट संभाल रहा था। रहा नहीं गया तो मैंने महेश भट्ट को बता दिया। संभवत: उनसे अजय देवगन को पता चला। रात में अजय देवगन के एक सहयोगी का फोन आया...क्‍या यह सच है कि अजय देवगन को सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेता का पुरस्‍कार मिल रहा है ? ठोस जानकारी के बावजूद मैंने टालमटोल के अंदाज में कहा कि हां सुना तो है,लेकिन कल तक इंतजार करें। अगले दिन आधिकारिक जानकारी मिलने पर उनके उसी सहयोगी का फिर से फोन आया...अरे आप कल ही कंफर्म कर दिए होते। बहरहाल,’जख्‍म’ के बाद दूसरी बार राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार मिलने से महेश भट्ट,अजय देवगन और उनके प्रशंसक सभी खुश हुए। महेश...

हिंदी टाकीज 2(13) : हीरो का मरना बर्दाश्‍त नहीं - पवन रेखा

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परिचय पवन रेखा, यूपी के छोटे से गांव बिलासपुर में रहते हुए कभी सोचा भी नहीं था कि पत्रकारिता में कभी कुछ कर पाउंगी। बस समय समय पर कदम बढ़ती गई और रास्ते बनते गए। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद ‘ द संडे इडियन ’ मैगजीन में आर्ट एंड कल्चर रिपोर्टिंग से करियर की शुरूआत, फिर ‘ जनसत्ता ’ ऑनलाइन में करीब डेढ़ साल काम किया। एबीपी न्यूज़ में 2013 से कार्यरत। जनसत्ता अखबार, योजना मैगजीन सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न मुद्दों पर लेखन जारी। ' ड्रीम के बिना ज़िंदगी का कोई प्वाइंट नहीं होता...ना सोने का , ना जागने का , ना जीने का ना मरने का , ड्रीम देखना बेसिक होता है और ये सबको अलाउड होना चाहिए। ' पिछले साल रिलीज हुई ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ जब मैंने देखी तो मुझे मेरे बचपन की याद आ गई। मेरा परिवार तो ऐसा नहीं था कि मुझे सपने ना देखने दे और उसी का नतीजा है कि आज में यह लिख पा रही हूं। लेकिन गांवों में आज भी लड़कियों को लेकर समाज की जो सोच है वहां से निकलकर किसी भी लड़की के लिए एक मेट्रो सिटी तक आने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। यूपी में देवरिया से करीब 25 किलोमीटर दूर है ...