रोज़ाना - पचहत्तर के अमिताभ बच्चन
दरअसल...
75 के अमिताभ बच्चन
-अजय ब्रह्मात्मज
अगले शुक्रवार से पहले अमिताभ बच्चन 75 के हो जाएंगे।
उनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 को हुआ था।
दो दिनों पहले उभरते और पहचान बनाते एक्टर इश्त्याक
खान से मुलाकात हुई। उन्होंने पिछले दिन अमिताभ बच्चन के साथ एक ऐड की शूटिंग की
थी। जिज्ञासावश मैंने पूछा कि कैसा अनुभव रहा और उनके बारे में क्या कहना चाहेंगे? इश्त्याक ने तपाक से जवाब दिया,’ इस उम्र में इतना काम कर चुकने के बाद भी सेट पर उनकी तत्परता
चकित करती है। उन्होंने क्या-क्या नहीं कर लिया है,लेकिन उस ऐड में भी उनकी
संलग्नता से लग रहा था कि वह उनका पहला काम हो। वही उत्साह और समर्पण...हम जैसे
एक्टर अनेक कारणों से अपनी एकाग्रता खो देते हैं। अमिताभ बच्चन 75 के उम्र में
किसी प्रकार की चूक से बचना चाहते हैं।‘ अमिताभ बच्चन की इस खासियत
को सभी दोहराते हैं। सेट पर वे खाने-पीने,आराम करने,मेकअप करने और जरूरी एक्सरसाइज
करने के अलावा अपने वैन में नहीं बैठते। उनके हाथों में स्क्रिप्ट रहती है। वे
अपनी पंक्तियों को दोहराते रहते हैं। कोएक्टर के साथ रिहर्सल करने में रुचि रखते
हैं। निर्देशकों के निर्देश से इधर-उधर नहीं जाते। वे अपनी फिल्मों और कामयाबी का
सारा ज्ञेय निर्देशकों को देते हैं। इधर दो सालों से वे लेखक की महत्ता और
केंद्रीय योगदान के बारे में बोलने लगे हैं।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में 75 पार कर चुके कई
अभिनेत्री-अभिनेता हैं,लेकिन उनमें से कोई भी अमिताभ बच्चन की तरह सक्रिय नहीं
है। बाज दफा सोचना पड़ता है कि उम्र बढ़ने के साथ उनके काम की गति बढ़ती गई है। इन
दिनों वे रोबोट की तरह काम करने लगे हैं। सुबह से देर रात वे एक्टिव रहते हैं। एक
बार अभिषेक बच्चन ने मजाक में कहा था कि मेरे डैड घर आने के बाद भी कुछ समय तक
अमिताभ बच्चन ही रहते हैं...तात्पर्य यह था कि अमिताभ बच्चन पूरी ऊर्जा और लगन
से अपनी छवि को जीते हैं। तदनुकूल व्यवहार करते हैं। उनके जीवन में सब कुछ
पना-तुला और व्यवस्थित है। मेरा अनुभव रहा है कि वे टाल-मटोल करते ही नहीं हैं।
आप इंटरव्यू और मुलाकात के लिए आग्रह करें तो कुछ घंटों के अंदर जवाब आ जाता है
कि वह हो पाएगा या नहीं? उन्होंने कभी देखते,सोचते
हैं,बताते हैं जैसी क्रियाओं का इस्तेमाल नहीं किया। 75वीं सालगिरह के मौके पर
बातचीत का आग्रह संदेश भेजने पर उनकी दो पंकित्यों के उत्तर में तीन बार ‘क्षमा’ शब्द का इस्तेमाल था। यह
शालीनता और विनम्रता दुर्लभ है।
अमिताभ बच्चन अपनी फिल्मों और विज्ञापनों के साथ कई
सामाजिक कार्यों में भी व्यस्त रहते हैं। भारत सरकार से लेकर यूएन जैसी
इंटरनेशनल संस्थाओं के लिए मुफ्त में अपनी सेवाएं देते हैं। वे हर मौके पर हर जगह
उपलब्ध रहते हैं। टाइम मैनेजमेंट उनसे सीखना चाहिए। मुंबई की अस्त-व्यस्ज
ट्रैफिक में भी उन्हें कहीं विलंब से पहुंचते नहीं देखा गया। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री
में पुरानी कहावत है कि आप अमिताभ बच्चन से अपनी घड़ी मिला सकते हैं।
हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में निष्णात अमिताभ
लिखते समय अंग्रेजी शब्दों को रोमन में लिखना पसंद करते हैं। इसी प्रकार हिंदी
शब्दों को कभी रोमन में नहीं लिखते। उन्हं अपनी स्क्रिप्ट हिंदी में चाहिए होती
है। स्क्रिप्ट में लिखे संवादों में वे अपनी संवाद अदायगी की सुविधा के लिहाज से
पॉज लगाते हैं। शूटिंग में कैमरे के सामने जाने के पहले वे अपने दृश्यों और
संवादों को अच्छी तरह समझ लेते हैं। उन्हें सेट पर कभी किसी निर्देशक से उलझते
नहीं देखा गया। अमिताभ बच्चन फिल्मों और अन्य वीडियो सामग्रियों की डबिंग का
काम सुबह में करना पसंद करते हैं। ज्यादातर नौजवान जब तलक पहली खय पीने की युक्ति
में लगे रहते हैं,तब तक अमिताभ बच्चन एक-दो काम निबटा चुके होते हैं। देर रात तक
उन्हें काम करते हुए देखा जा सकता है। उनके ब्लॉग,फेसबुक और ट्ीटर की देर रात की
एंट्री से यह जाहिर है।
अमिताभ बच्चन दीर्घायु हों और ताजिंदगी सक्रिय रहें।
हां,वे अपने अभिनय की शैली और फिल्मों के बारे में भी विस्तार से बताने का कष्ट
करें।
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