रिलेशनशिप पर है ‘बादशाहो’-अजय देवगन



रिलेशनशिप पर है बादशाहो-अजय देवगन
-अजय ब्रह्मात्‍मज
अजय देवगन एक से अधिक फिल्‍मों में सक्रिय हो गए हैं। शिवाय के निर्माण-निर्देशन में लगे समय की यह भरपाई तो नहीं है,लेकिन वे अभी थोड़ा फ्री महसूस कर रहे हैं। उन्‍होंने रोक रखी फिल्‍मों के लिए हां कहना शुरू कर दिया है। एक साथ कई फिल्‍में निर्माण के अलग-अलग स्‍टेज पर हैं। फिलहाल उनकी बादशाहो रिलीज हो रही है। मिलन लूथरिया के निर्देशन में बनी यह फिल्‍म पैसा वसूल मानी जा रही है।
- कैसे और कब सोची गई बादशाहो’?
0 हमलोग जब कच्‍चे घागे(1999) की राजस्‍थान में शूटिंग कर रहे थे,तब सभी एक किस्‍से की बातें करते थे। सरकार की कोशिशों के बावजूद सोना गायब हो गया था। जिसने भी सोना गायब किया,वह कभी मिला ही नहीं। यह बहुत ही रोचक किस्‍सा था।  हम ने तभी सोचा था कि कभी इस पर फिल्‍म बनाएंगे। अभी हमलोग साथ में फिल्‍म के बारे में सोच रहे थे तो मिलन लूथरिया  एक और कहानी लेकर आए थे। उसमें मजा नहीं आ रहा था तो मैंने इस किस्‍से की याद दिलाई। अच्‍छी एंटरटेनिंग और ड्रामा से भरपूर स्क्रिप्‍ट तैयार हो गई। इस तरह बादशाहो बनी।
- क्‍या यह सच्‍ची कहानी है?
0 पता नहीं कितना रियल है? वहां के लोग इसे सुनते-सुनाते हैं। सबूत पूछो तो किसी के पास कुछ दिखाने-बताने के लिए नहीं है। हम ने उस किस्‍से का इस्‍तेमाल नहीं किया। हम ने उस किस्‍से के इर्द-गिर्द किरदार खड़े किए। इस फिल्‍म में थ्रिल के साथ इमोशन,ड्रामा और रिलेशनशिप है। 
- बादशाहो में आप की क्‍या भूमिका है?
0 यह तो फिल्‍म में देखिए। यह राजस्‍थानी किरदार है। इसे बदमाश और हरामी कह सकते हैं। वह कैसे यह लूट प्‍लान करता है। उसे साने से लदा ट्रक गायब करना है। कैसे के साथ क्‍यों का भी चित्रण किया गया है। उस लूट के पीछे कौन है? फिल्‍म में सभी किरदार कभी एक-दूसरे के साथ तो कभी एक-दूसरे की काट लगेंगे। हमलोंग छह किरदार हैं। सभी इंटरेस्टिंग हैं। मेरा नाम भवानी है।
-इस फिल्‍म का लुक थोड़ा पुराना लग रहा है?
0 हां,आठवें दशक की कहानी है। पहनावे उस दौर के हैं। बत करने के लहजे के साथ संवाद भी उसी पीरियड के अंदाज में हैं। रजत अरोड़ा ने बहुत अच्‍छे संवाद लिखे हैं। वे प्रचुर मात्रा में सवाद लिख देते हैं। कई बार उन्‍हें काटना या छोड़ना पड़ता है। आखिर हर सीन में पंच लाइन तो नहीं दे सकते। आम तौर पर हिंदी फिलमों में चार पंच लाइन काफी होते हैं। रजत अरोड़ा संवाद लिख रहा हो तो वे चालीस हो जाते हैं।
-संवादों को खास बनाने के लिए कुछ अलग से करना पड़ता है क्‍या?
0 अगर उसकी तैयारी की जाए तो वह वर्क नहीं करता। मेरा अनुभव है कि संवाद जितने सिंपल तरीके से बोले जाएं,उतना मजा आता है। वंस आऑन... में मैंने यही सिंपल तरीका अपनाया था। हां तो अब मैं डॉयलॉग बोलूंगा का तरीका सही नहीं है।
-आप क्‍या करते हैं?
0 मैं तो पंक्तियां याद नहीं करता। मैं संवाद सुन लेता हूं। खास शब्‍दों का ध्‍यान रखता हूं। लेखक के संवाद का फील लेकर अपने अंदाज में बोल देता हूं। लंबे संवाद हों तो चार-छह बार पढ़ लेता हूं।क्‍या कहना है,वह क्लियर हेाना चाहिए। याद कर बोले तो रटा हुआ लगता है। दर्शक उचट जाएंगे।
- मिलन लूथरिया के साथ आप का खास रिश्‍ता है? वह पर्दे पर अभिनेता-निर्देशक की समझदार जुगलबंदी के रूप में खिता है...
0 मिलन के साथ तो बहुत पुराना रिश्‍ता है। मिलन से हमारी तब की दोसती है,जब वह एडी(असिस्‍टैंट डायरेक्‍टर) था। वह महेश भट्ट के साथ था। मैंने तभी प्रामिस किया था कि तू जब डायरेक्‍अर बनेगा तो मैं तेरी पहली पिक्‍चर मैं करूंगा। उस हिसाब से कच्‍चे धागे की थी।
-मिलन लूथरिया की कोई खासियत बताना चा‍हेंगे?
0 रिलेशन‍शिप को लेकर उसकी सोच महेश भट्ट की तरह की है। उनके साथ पंद्रह-बीस साल रहा है। भट्ट साहब का असर सभी जानते हैं। वह संबंधों की गहराई समझता है। वह उसका प्‍लस पाइंट है।
-क्‍या बादशाहो जैसी फिल्‍म आज के दर्शक पसंद कर पाएंगे?
0 इस फिल्‍म का ट्रीटमेंट आज की सोच के मुताबिक है। हाल-फिलहाल में ऐसी कोई फिल्‍म नहीं आई है,जो कमर्शियल ढांचे में आज की कहानी कह रही हो। मुझे पूरी उम्‍मीद है कि यह फिल्‍म चलेगी। अगर फिल्‍में दर्शकों के बीच वर्क नहीं करेगी तो फिर कमाई की उम्‍मीद छोड़ दें।
-इसके बाद...
0 गोलमाल... आएगी। लगातार काम कर रहा हूं। फिल्‍में आती रहेंगी। अगले महीने राजकुमार गुप्‍ता की रेड की शूटिंग आरंभ करूंगा। उसके साथ यूपी लौटूंगा।

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