रोज़ाना : मां के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी -अजय ब्रह्मात्‍मज



रोज़ाना
मां के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी
-अजय ब्रह्मात्‍मज

पिछले दिनों मां-बेटे की एक तस्‍वीर सोशल मीडिया पर घूम रही थी। इस तस्‍वीर में नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक बुजुर्ग औरत के साथ खड़े हैं। उन्‍होंने अपनी बुजुर्ग औरत के बाएं कंधे को हथेली से कस के थाम रखा है। बुजुर्ग औरत ने नवाजुद्दीन के दाएं कंधे को अपनी हथेली से थाम रखा है। गौर करने पर पता चलता है कि वह बुजुर्ग औरत और कोई नहीं नवाजुद्दीन की मां हैं। उनका नाम मेहरू‍िनिसा सिद्दीकी है। उन्‍हें इस साल बीबीसी ने भारत की 100 प्रभावशाली महिलाओं में चुना है। नवाजुद्दीन सिउद्दीकी मां को मिले इस सम्‍मान से खुश हैं। वे इस सम्‍मनान को विशेष और अपने सभी सम्‍मानों से श्रेष्‍ठ मानते हैं।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी बेहिचक बतोते हैं कि उनकी मां अनपढ़ थीं। नौ बच्‍चों के लालन-पालन के साथ उन्‍होंने पढाई-लिखाई सीखी। बच्‍चों के स्‍कूल जाने के साथ उनमें भी पढ़ाई की उमंग जागी। नवाजुद्दीन कहते हैं कि उनकी मां ने हमेशा पढ़ाई-लिखाई पर ध्‍याान देने की हिदायत दी। साथ ही यह भी समझाया कि जिस फील्‍ड में भी जाना हो,उसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। मां की सीख से ही नवाजुद्दीन एनएसडी पहुंचे। उनके समर्थन और आर्शीवाद से उन्‍होंने हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री में पैर टिकाने के लिए लंबा संघर्ष किया। आज वे तन कर खड़े हैं। अपनी खास पहचान के साथ कामयाब हैं। उनकी इस कामयाबी का श्रेय मां को भी जाता है।
ऐसी प्रेरणादायी मां पर गर्व तो होना ही चाहिए। मध्‍यवर्गीय परिवारों से आए सफल कलाकार क्‍या आम जीवन के दूसरे क्षेत्रों के कामयाब व्‍यक्ति भी अपनी गरीब पृष्‍ठभूमि के बारे में बातें करने से हिचकिचाते हैं। अपने परिवार और मां-बाप को चर्चा और उल्‍लेख से बाहर रखते हैं। इस संदर्भ में नवाजुद्दी सिद्दीकी की तारीफ करनी होगी कि उन्‍होंने अपनी पृष्‍ठभूमि को कभी ढांप के नहीं रखा। उसके बारे में बातें कीं और अपने भाई-बहनों की तरक्‍की के लिए मदद की। आज वे देश के परिचित स्‍टार हैं। अपनी मेहनत और योग्‍यता से समृद्धि हासिल की है। इस समृद्धि में उन्‍होंने परिजनों को शामिल किया है।
नवाजुद्दीन की मां अपने गांव में बच्‍चों की पढ़ाई पर ध्‍ययान देती हैं। खुद भी पढ़ाती हैं। उन्‍होंने अभी तक 300 से अधिक बच्‍चों को पढ़ाया है। ऐसी मांएं प्रेरणा बनती हैं। बेटे की कामयाबी से उनका भी रुतबा बढ़ा होगा। उससे भी बड़ी बात है कि बेटे ने उन्‍हें साथ रखा है और उन पर गर्व करता है। इस तस्‍वीर में दोनों की आंखों की चमक उनके मन के भाव जाहिर करती है। दोनों आश्‍वस्‍त और आबद्ध हैं। धन्‍य है नवाजुद्दीन और उनकी मां।

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को