रोज़ाना : फिल्म प्रचार की नित नई युक्तियां
रोज़ाना
फिल्म प्रचार की नित नई युक्तियां
-अजय ब्रह्मात्मज
हाल ही में अनुपम खेर ने अपनी नई फिल्म ‘रांची डायरीज’ के पोस्टर जारी किए। इस
इवेंट के लिए उन्होंने मुंबई के उपनगर में स्थित खेरवाड़ी को चुना। 25-30 साल
पहले यह फिल्मों में संघर्षरत कलाकारों की प्रिय निम्न मध्यवर्गीय बस्ती हुआ
करती थी। कमरे और मकान सस्ते में मिल जाया करते थे। मुंबई में अनुपम खेर का पहला
ठिकाना यहीं था। यहीं 8x10 के एक कमरे में वे चार
दोस्तों के साथ रहते थे। उनकी नई फिल्म ‘रांची डायरीज’ में छोटे शहर के कुछ लड़के बड़े ख्वाबों के साथ जिंदगी की
जंग में उतरते हैं। फिल्म की थीम अनुपम खेर को अपने अतीत से मिलती-जुलती लगी तो
उन्होंने पहले ठिकाने को ही इवेंट के लिए चुना लिया। इस मौके पर उन्होंने उन
दिनों के बारे में भी बताया और अपने संघर्ष का जिक्र किया।
प्रचार के लिए अतीत के लमहों को याद करना और सभी के
साथ उसे शेयर करना अनुपम खेर को विनम्र बनाता है। प्रचारकों को अवसर मिल जाता है।
इसी बहाने चैनलों और समाचार पत्रों में अतिरिक्त जगह मिल जाती है। इन दिनों
प्रचारको को हर नई फिल्म के साथ प्रचार की नई युक्तियों के बारे में सोचना पड़ता
है। फिल्म अगर ‘जब हैरी मेट सेजल’ जैसी बड़ी हो तो युक्तियां भी नायाब और बड़ी होती हैं। मसलन,िपछले
दिनों बनारस में शाह रूख खान अपनी हीरोइन अनुष्का शर्मा को रिझाने के लिए
गायक,अभिनेता और भाजपा के सांसद मनोज तिवारी की मदद ले रहे थे। हांलांकि इस प्रचार
से फिल्म को कोई ताल्लुक नहीं था,लेकिन बनारस के लोगों को खुश करने के लिए
भोजपुरी के एक लोकप्रिय गीत सहारा लिया गया। ‘लगावेलु जे लिपिस्टिक...’ इस गीत की पंक्तियों को फेरबदल के मनोज तिवारी ने शाह रूख खान
को सिखाया और उसे अनुष्का शर्मा के लिए उन्होंने गाया। मनोज तिवारी की मदद से
किए गए इस प्रचार से सोशल मीडिया पर नाराजगी वायरल हुई। कुछ महीनों पहले किसी स्कूल
के इवेंट में एक शिक्षिका के गीत गाने के आगह पर मनोज तिवारी ने उन्हें फटकार
लगाई थी। सभी उसी प्रसंग को याद कर इस इवेंट की भर्त्सना करने लगे। प्रचार का उल्टा
असर हुआ।
एक रोचक कोशिश अनुचित संदर्भ से बेअसर हो गई।
प्रचारकों या या फिल्म से संबंधि निर्माता,निर्देशक और सितारों को भी मालूम नहीं
रहता कि किस इवेंट का क्या असर होगा? बस वे दांव खेल रहे होते
हैं। फिल्मअ चल जाती है तो मान लिया जाता है कि सारी युक्तियां सही थीं। फिल्म
असफल रहे तो होंठ सिल जाते हैं।
Comments
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'