रोज़ाना : बेलौस और बेलाग सलीम खान



रोज़ाना
बेलौस और बेलाग सलीम खान
-अजय ब्रह्मात्‍मज
सलमान खान जिन बातों के लिए बदनाम हैं,उनमें से एक आदत उनके पिता सलीम खान में भी है। सलमान ने अपने पिता से ही यह सीखा होगा। बस पिता की तरह वे उसे अपना हुनर नहीं बना पाए। सलीम खान हर मुद्ददे पर बेलाग दोटूक बालते हैं। उनके बयानों और बातों में कोई डर नहीं रहता। विवादास्‍पद मुद्दों पर भी अपनी राय रखने से वे नहीं हिचकते। मेरा व्‍यक्तिगत अनुभव है कि उनके जवाब विस्‍तृत होते हैं,जिसमें सवाल के हर पहलुओं के साथ उन संभावित सवालों के भी जवाब होते हैं जो बाद में पूछ जा सकते हैं। आज के मीडियाकर्मियों के लिए उनके जवाबों में से प्रासंगिक पक्तियां छांट पाना मुश्किल काम होता है। एक बार मैंने उनका नंबर मांगा और पूछा कि कब फोन करना ठीक होगा। और क्‍या वे फोन उठाते या बुलाने पर आ जाते हैं। उनका जवाब था,मैं तो रौंग नंबर पर आधे घंटे बातें करता हूं। आप फोन करना। खाली रहा तो उठा लूंगा।
यह दीगर सच्‍चाई है कि वे मीडिया से बातें करना अधिक पसंद नहीं करते। बेटे सलमान खान की फिल्‍म रिलीज हो या वे किसी विवाद में उलझे हों तो स्‍पष्‍टीकरण देने आ जाते हैं। करीबी बताते हैं कि उनके बेटे आज भी उनसे बहुत घबराते हैं। अपनी फिल्‍में उन्‍हें दिखाने में हिचकते हैं,क्‍योंकि वे फिल्‍म की कमियां बता देते हैं। सलमान खान की पिछली फिल्‍म ट्यूबलाइट के नहीं चलने का उन्‍हें अंदेशा था। उनकी राय में सलमान खान की प्रचलित इमेज से अलग किरदार होने की वजह से उनके प्रशंसक बिदक गए। उन्‍हें अपना सल्‍लू भाई नहीं दिखा। पिछले दिनों एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा कि फिल्‍म अच्‍छी थी,लेकिन सलमान खान के उपयुक्‍त नहीं थी। अगर इसमें कोई और स्‍टार होता तो फिल्‍म चल जाती। सलमान खान की फिल्‍म में एक्‍शन और लव नहीं हो और वह लाचार एवं पिटा दिखे तो उसके प्रशंसक कैसे बर्दाश्‍त करेंगे?
इसी इंटरव्‍यू में उन्‍होंने अक्षय की खुली तारीफ की है। उनकी राय में केवल अक्षय कुमार ने समय के साथ खुद को अच्‍छी तरह बदला है। वे परिष्‍कृत हुए हैं। उनकी राय में अजय देवगन,आमिर खान और सलमान खान में भी परिष्‍कार आया है,लेकिन अक्षय कुमार का सफर तो अकल्‍पनीय है। आज वे ऐसे अभिनेता के तौर पर उभरे हैं,जो किसी भी विषय की फिल्‍म कर सकते हैं।
इन दिनों कौन अपने बेटों को छोड़ किसी और की तारीफ करता है? यह सलीम खान की ही सलाहियत है जो वे अक्षय कुमार की उपलब्धियों पर गौर करते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को