रोज़ाना : नू का न्यू तन का टन
रोज़ाना
नू का न्यू तन
का टन
-अजय ब्रह्मात्मज
माता-पिता ने नाम
रखा था नूतन। स्कूल में सहपाठी मजाक उड़ाते थे,इसलिए नूतन ने अपने नाम में नू का न्यू
और तन का टन कर लिया...इस तरह वह नतन से न्यूटन हो गया। अमित मासुरकर की फिल्म ‘न्यूटन’ में राजकुमार राव शीर्षक भूमिका निभा रहे हैं। उनके
साथ रघुवीर यादव,संजय मिश्र,पंकज त्रिपाठी और अंजलि पाटिल मुख्य भूमिकाओं में हैं।
राजकुमार राव ने हाल ही में रिलीज हुई ‘बरेली की बर्फी’ में प्रीतम विद्रोही के रोल में दर्शकों का दिल जीता है। हर किरदार के रंग में
ढल कर अलग अंदाज में पेश आ रहे राजकुमार राव इस फिल्म में एक नए रंग में दिखेंगे।
हिंदी में ऐसी फिल्में
कम बनती हैं,जो समसामयिक और राजनीतिक होने के साथ मनोरंजक भी हों। ‘न्यूटन’ अमित मासुरकर का साहसी प्रयास है,जिसे आनंद एल राय का
जोरदार समर्थन मिल गया है। इस फिल्म से जुड़ने के संतोष के बारे में आनंद एल राय कहते
हैं,’यह फिल्म मेरी जरूरत है। इस फिल्म से मुझे मौका मिल
रहा है कि मैं समाज को कुछ रिटर्न कर सकूं। मेरे लिए ऐसी फिल्में लाभ-हानि से परे
हैं। इसके पहले ‘निल बटे सन्नाटा’ से जुड़ने पर ऐसा ही संतोष हुआ था। मुझे लगता है कि ‘न्यूटन’ जैसी फिल्मों से जुड़ने पर मेरी रीढ़ सीधी हो जाती
है। एक ताकत मिलती है। मेरा मुख्य काम और फिल्में दुनियादारी के प्रभाव में है। उससे
निकलने और स्वार्थहीन तरीके से कुछ कर पाने का एहसास और मौका देती हैं ऐसी फिल्में।‘
‘न्यूटन’ को बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार मिला था। उसके बाद यह फिल्म चालीस फेस्टिवल
में जा चुकी है। हर फेस्टिवल से सराहना बटोरने के बाद अब यह देश के सिनेमाघरों में
पहुंच रही है। अमित मासुरकर ने इसे रियलिस्ट तरीके से शूट किया है। हिंदी फिल्मों
के ढांचे में रहते हुए यह फिल्म वास्तविकता का एहसास देगी। अमित मासुरकर के लिए यह
फिल्म लोकतंत्र के सिद्धांत और व्यवहार में प्रचलित फर्क को नायक न्यूटन के नजरिए
से दर्शाती है। हर बार चुनाव के दिन मतदान केंद्र पर होने वाली घटनाओं की खबरें बताती
रहती हैं कि मतदान के दिन लोकतंत्र के कई रूप नजर आते हैं। लोकतंत्र के एक रूप को ‘न्यूटन’ में हम देखेंगे। फिल्म का नायक न्यूटन एक ईमानदार
और कर्तव्यनिष्ठ युवक है। वह अपने जीवन और कार्य में आदर्श व्यवहार करता है। सरकारी
दफ्तर में क्लर्क की नौकरी कर रहे न्सूटन की इलेक्शन ड्यूटी लग जाती है। इस ड्यूटी
का तत्परता से निभाने में वह भारतीय लाकतंत्र और राजनीति के सूक्ष्म पहलुओं से परिचित
होता है।
Comments