रोज़ाना : हमदर्द शाह रूख खान
रोज़ाना
हमदर्द शाह रूख खान
-अजय ब्रह्मात्मज
कल सायरा बानो ने दिलीप कुमार के ट्वीटर हैंडल पर कुछ
तस्वीरें शेयर कीं। उनमें शाह रूख खान कृशकाय हो चुके महान अभिनेता को सोफे पर
आराम से बिठाने की कोशिश कर रहे हैं। ये तस्वीरें आंखें नम कर गईं। पहले तो लगा
कि सायरा जी को इन अंतरंग क्षणों की तस्वीरें नहीं शेयर करनी चाहिए थी। फिर
मर्माहत मन ने कहा कि ऐसी तस्वीरें धर-परिवार और देश-समाज के बुजुर्गों के प्रति
हमारी हमदर्दी की मिसाल बन सकती हैं। फिल्मों के फालोअर और शाह रूख खान के
प्रशंसक गाहे-बगाहे अपने जीवन में इसे अपना सकते हैं। दिलीप कुमार के प्रति शाह
रूख खान के आदर और प्यार से फिल्म इंडस्ट्री वाकिफ है। सायरा जी कई मौकों पर कह
चुके हैं कि दिलीप साहेब उन्हें अपनी औलाद की तरह मानते हैं। यह किसी भी बीमार
पिता और तीमारदार बेटे की तस्वीर हो सकती है।
शाह रूख खान के बारे में अनेक गलतफहमियां हैं। अपनी
बेरुखी और साफगोई से वे ऐसी इमेज बना चुके हैं कि उन्हें किसी की भी नहीं पड़ी
है। वे केल खुद और खुद की परवाह करते हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के गलाकाट
माहौल में ऐसे मिजाज के सुबूत और उाहरण भी मिल जाते हैं। शाह रूख को करीब से जानने
वाले बताते हैं कि वे सभी परिचितों,दोस्तों और रिश्तेदारों का पूरा खयाल रखते
हैं। मशहूर व्यक्ति जब खयाल करता है तो उसमें पैसे भी खर्च होते हैं। शाह रूख खान
इस मामले में दिलदार माने जाते हैं। उन्होंने पिछले दिनों एक सीनियर जर्नलिस्ट
के इलाज का पूरा खर्च उठाया और उसकी कहीं चर्चा नहीं की।
मुमकिन है कुछ लोगों ने आमिर खान के पानी फाउंडेशन के
कार्यक्रम में उन्हें बोलते सुना हो। पुणे के इस कार्यक्रम में अामिर खान का
जाना था। अचानक स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से वे नहीं जा सके थे। उन्होंने शाह
रूख खान से कार्यक्रम संभालने का दोसतना आग्रह किया। खुद खेटिल होने के बावजूद शाह
रूख खान ने प्रोग्राम में हिस्सा लिया। निमंत्रित श्रोताओं को आमिर खान की कमी
नहीं महसूस होने दी। पुरानी कहावत है कि जो वक्त्-जरूरत पर काम आए,वही दोस्त
है। शाह रूख खान ने दोस्ती की मिसाल पेश की है। आम धारणा है कि खानत्रयी के तीनों
खान एक-दूसरे को नापसंद करते हैं। सच्चाई यह है कि वे एक-दूसरे की मदद के लिए
हमेशा तैयार रहते हैं।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में मतलबी रिश्तों की अनेक
दास्ताने हैं। हर नया व्यक्ति सुनाते समय उनमें कुछ नया जोड़ देता है। मजे लेता
है। हमें ऐसी पॉजीटिव तस्वीरों और हरकतों पर गौर करना चाहिए। इनसे भी सीखना
चाहिए।
Comments
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
स्वतन्त्रता दिवस और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'