रोज़ाना : ’टॉयलेट...’ से मिली राहत
रोज़ाना
’टॉयलेट...’ से मिली राहत
-अजय ब्रह्मात्मज
अक्षय कुमार और भूमि पेडणेकर की फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ के कलेक्शन से हिंदी फिल्म
इंडस्ट्री को राहत मिली है। पिछलें कई महीनों से हर हफ्ते रिलीज हो रही फिल्में
बाक्स आफिस पर खनक नहीं रही थीं। सलमान खान और शाह रूख खान की फिल्में बिजनेश की
बड़ी उम्मीद पर खरी नहीं उतरीं। खबर है कि सलमान खान ने वितरकों के नुकसान की
भरपाई की है। इस व्यवहार के लिए सलमान खान खान की तारीफ की जा सकती है। इक्षिण
भारत में रजनी कांत की फिल्में अपेक्षित कमाई नहीं करतीं तो वे भी वितरकों का
नुकसान शेयर करते हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में महेश भट्ट भी ऐसा करते रहे
हैं। इससे लाभ यह होता है कि उम्त स्टारों या प्रोडक्शन हाउस की अगली फिल्में
उठाने में वितरक आनाकानी नहीं करते। बहरहाल,’टॉयलेट एक प्रेम कथा’ के वीकएंड कलेक्शन ने उत्साह का संचार किया।
रिलीज के पहले ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ के बारे में ट्रेड पंडित असमंजस में थे। फिल्म की कहानी की
विचित्रता की वजह से वे अक्षय कुमार के होने के बावजूद आशंकित थे। कुछ तो कह रहे
थे कि वीकएंड कलेक्शन 25 करोड़ भी हो जाए तो गनीमत है। उनकी आशंका के विपरीत फिल्म
ने 51 करोड़ का कलेक्शन किया। पहले दिन शुक्रवार को 13.10 करोड़ का कलेक्शन
सामान्य ही रहा। आप गौर करेंगे कि दर्शकों को पसंद आने पर फिल्म का कलेक्शन
शनिचार और रविवार को बढ़ता है। अगर यह बढ़ोत्री 20 प्रतिशत से अधिक हो तो फिल्म
की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी फिल्मों का कलेक्शन भी सोमवार को गिरता है
और आधं से कम हो जाता है। ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ ने सोमवार को 12 करोड़ का कलेक्शन किया। चार दिनों में इस
फिल्म ने 63 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है।
हम देख रहे हैं कि अक्षय कुमार फिल्म बिजनेश के लिहाज
से भरोसेमंद एक्टर के तौर पर उभरे हैं। पिछले साल इसी समय के आसपास उनकी ‘रुस्तम’ आई थी और फिल्म इंडस्ट्री
को राहत मिली थी। यह भी कहा जा सकता है कि दूसरे लोकप्रिय स्टारों की तरह अक्षय
कुमार ने भी अपनी फिल्मों की रिलीज के लिए एक त्योहार चुन लिया है स्वतंत्रता
दिवस। 15 अगस्त के आसपास रिलीज हुईं उनकी फिल्में सफल रही हैं।
कामयाब होने के साथ ‘टॉयलेट
एक प्रेम कथा’ ‘खुले
में शौच के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने में भी सफल रही। मनोरंजन के साथ मैसेज देने की
निर्देशक श्री नारायण सिंह की युक्ति काम आई। मुमकिन है और भी निर्देशक देश के लिए
जरूरी मुद्दों पर मनोरंजक फिल्में लेकर आएं।
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