सात सवाल : तिग्मांशु धूलिया
सात सवाल
तिग्मांशु धूलिया
-अजय ब्रह्मात्मज
तिग्मांशु धूलिया ने आईएनए ट्रायल पर ‘राग देश’ फिल्म निर्देशित की है। यह
फिल्म लाल किले में सहगल,ढिल्लों औौर शाहनवाज पर चले मुकदमे का पर आधारित है।
राज्य सभा टीवी ने इसका निर्माण किया है।
-राज्य सभा टीवी के लिए ‘राग देश’ बनाने का संयोग कैसे बना?
0 ऐसी कोई फिल्म मेरे एजेंडा
में नहीं थी। राज्य सभा टीवी के गुरदीप सप्पल मेरे पास दो प्रोजेक्ट लेकर आए-
एक सरदार पटेल और दूसरा आईएनए ट्रायल। उन्होंने पूछा कि बनाना चाहोगे क्या? मैंने तुरंत कहा कि सरदार पटेल तो मैं कर चुका हूं। आईएनए
ट्रायल पर काम करूंगा। मेरी इतिहास में थोड़ी रुचि है। और फिर मुंबई के सेटअप में
मुझे ऐसी फिल्म बनाने के लिए कोई णन देता नहीं।
- आप ने इसे किस तरह शूट किया। फार्मेट का चुनाव कैसे
किया?
0 हम ने स्क्रिप्ट तो 6 घंटों के 6 एपीसोड के हिसाब
से लिखी थी। शूट भी वैसे ही किया। एडिट पर हम ने यह फिल्म निकाली।
-यह हमारे निकट अतीत की बात है,जिसके साक्ष्य मौजूद
हैं। फिल्म के रूप में लाने की कैसी चुनौतियां रहीं?
0 फिल्म के 99 प्रतिशत दृश्य दस्तावेज के रूप में
मौजूद हैं। पीरियड फिल्म में तकनीकी टीम अपना हुनर दिखाने लगती है। उसमें कंटेंट
छूट जाता है। मेरी चुनौती रही कि यह फिल्म आज के दर्शकों से संवाद कर सके। अगर
संवाद स्थापित हो गया तो फिल्म वर्क करेगी। नहीं तो लोग म्यूजिकल देख आएंगे।
-स्वाधीनता आंदोलन में सुभाष चंद्र बोस और उनके आजाद
हिंद फौज नायक के तौर पर नहीं उभरते। जापान और जर्मनी से उनका सहयोग लेना ऐतिहासिक
नजरिए से सकारात्मक रूप में नहीं देखा जाता। ऐसे में...
0 हम एक टिप्पणी से सुभाष चंद्र बोस की भूमिका से
इंकार नहीं कर सकते। जापान और आजाद हिंद फौज के बीच करार था कि जीती गई जमीनें आजाद
हिंद फौज को मिलती जाएंगी1 ऐसा नहीं था कि अंग्रेज को हटाकर जापनी रूल करने
लगेंगे। दूसरी बात यह है कि बोस मूल रूप से कांग्रेसी थे। विश्व युद्ध के समय वे
कांग्रेस से अलग हो गया। उस इतिहास से सभी परिचित हैं। गांधी जी ने भी तो 1942 में
भारत छोड़ो आदोलन के समय ‘करो या मरो’ का नारा दिया। बोस के सामने
स्पष्ट था कि कांगे्रस के अंतर्गत ही आजादी के बाद काम करेंगे।
-देश की आजादी में आजाद हिंद फौज की कितनी बड़ी भूमिका
मानते हैं?
0 आजाद हिंद फौज नहीं होता तो 1947 में हमें आजादी
नहीं मिलती। आजाद हिंद फौज की जंग 1857 के विद्रोह की परंपरा में है। आजाद हिंद
फौज के ट्रायल के खत्म होने के बाद मुबई में नौसैनिकों का विद्रोह हुआ। अंग्रेजों
को फैसला लेना पड़ा।
-क्या ‘राग देश’ के बाद हम अपने इतिहास पर फिल्में बनाने की शुरूआत करेंगे?
0हमारे पास बजट की समस्या है। हालीवुड में इतिहास के
अध्यायों पर बनी फिल्मों की तरह ‘राग देश’ भी रोचक फिल्म होगी। हम ने अपनी सीमाओं के बावजूद बेहतरीन
काम करने की कोशिश की है। मैं बहुत खुश हूं इस काम से।
-‘राग देश’ टायटल कैसे चुना गया?
0 हम ने बहुत सारे टायटल पर सोचा। हम ने इस फिल्म को
देश के गीत के रूप में देखा। संगीत में एक देश राग है। वहां से हम ने यह टायटल
लिया।
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