रोज़ाना : एयरपोर्ट लुक
रोज़ाना
एयरपोर्ट लुक
-अजय ब्रह्मात्मज
मिलीभगत है। ज्यादातर बार फोटोग्राफर को मालूम रहता
है कि कब कौन सी सेलिब्रिटी कहां मौजूद रहेगी। उनकी पीआर मशीनरी सभी फोटोग्राफर
और मीडियाकर्मियों को पूर्वसूचना दे देते हैं। विदेशों की तरह भारत में पापाराजी
नहीं हैं। यहां दुर्लभ तस्वीरों और खबरों की भी सामान्य कीमत होती है। विदेशों
में एक दुर्लभ तस्वीर के लिए फोटोग्राफर भारी खर्च करते हैं और धैर्य से घात लगाए
रते हैं। यह बंसी डाल कर मछली पकड़ने से अधिक अनिश्चित और वक्तलेवा काम होता है।
मुंबई में फिल्मी सितारों की निजी गतिविधियों की जानकारी छठे-छमाही ही तस्वीरों
में कैद होकर आती है। बाकी सब पूर्वनियोजित है,जो खबरों की तरह परोसा जा रहा है।
ऐसी ही पूर्वनियोजित खबरों व तस्वीरों में इन दिनों ‘एयरपोर्ट लुक’ का चलन बढ़ा है। ‘एयरपोर्ट लुक’ उस खास तस्वीर के लिए इस्तेमाल
किया जाता है,जो मुंबई से बाहर जाते-आते समय एयरपोर्ट के अराइवल और डिपार्चर के
बाहर फिल्मी सितारों उतारी जाती हैं। गौर करेंगे कि कुछ फिल्मी हस्तियों की तस्वीरें
बार-बार आती हैं। इसका चलन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि उम्रदराज और कम लोकप्रिय
सितारों को भी ऐसी तस्वीरों के लिए तैयार रहना पड़ता है। उन्हें अपने लुक और
ड्रेस का खास खयाल रखना पड़ता है। उन्हें यह भी खखल रखना पड़ता है कि हेयर स्टाइल,ज्वेलरी
व अक्सेसरीज और ड्रेस में रिपीटिशन न हो। इसके लिए सितारों की टीम चौकस रहती है।
कई बार एयरपोर्ट लुक की तस्वीरों के साथ सारे ब्रांड की जानकारी रहती है। बताया
जाता है कि पर्स किस ब्रांड का है और चश्मा किस ब्रांड का है...आप अंदाजा लगा
सकते हैं कि यह जानकारी स्टार की पीआर टीम ही देती है। प्रचलित और लोकप्रिय
सितारों की इमेज को इससे लाभ होता होगा,लेकिन आउट ऑफ जॉब और कम फिल्में कर रही
सितारों को जबरन इस मुश्किल से गुजरना होता है।
पिछले दिनों एक मुलाकात में भीदेवी कोफ्त जाहिर कर रही
थीं। उन्हें निजी काम से लगातार चेन्नई जाना होता है। कुछ घरेलू और पारिवारिक
काम होते हैं। वह सुबह जाती हैं और शाम तक लौट आती है। इधर कुछ दिनों से अब उन्हें
भी खयाल रखना पड़ता है कि आते-जाते समय एक ही ड्रेस न हो। और वह पूरे मेकअप में
रहें। कुछ सितारों का यह अतिरिक्त खर्च लगता है,लेकिन सभी कर रहे हैं तो उन्हें
भी करना पड़ता है। आप न करें और कभी किसी फोटोग्राफर के कैमरे में सामान्य तस्वीर
कैद हो गई तो अगले दिन वही तस्वीर अखबारों में होगी और नीचे कुछ सवाल छोड़ दिए
जाएंगे।
सचमुच,ग्लैमर की दुनिया में बने और टिके रहने की अपनी
समस्याएं हैं। हम चाहते भी हैं कि हमारे पसंदीदा सितारे हमेशा सज-धज में रहें। अभिनेत्रियों
की मुश्किलें ज्यादा रहती हैं,क्योंकि उनकी सज-धज में विकल्प और चुनौतियां हैं।
अभिनेता तो जैसे-तैसे भी दिख सकते हैं। उन्हें अधिक फर्क नहीं पड़ता।
अभिनेत्रियों की छवि खराब हुई या उनकी स्टाइल फीकी पड़ी तो दस तरह की बातें होने
लगती हैं। कुछ पत्र-पत्रिकाओं में उन्हें थम्स डाउन मिलता है। बताया जाता है कि
उनका फैशन सेंस अपडेटेड नहीं है।
Comments