रोज़ाना : मनोरंजन जगत के बाहुबली प्रभास
रोज़ाना
मनोरंजन जगत के बाहुबली प्रभास
-अजय ब्रह्मात्मज
इन दिनों देश के कोने-काने और हर पत्र-पत्रिका और
समाचार चैनलों पर किसी न किसी बहाने ‘बाहुबली’ की ही चर्चा है। यह वाजिब है। ‘बाहुबली’ ने नए कीर्तिमान स्थापित
किए हैं। बिजनेस और मनोरंजन के लिहाज से इसकी कामयाबी अद्वितीय है। ऐस नहीं लगता
कि हाल-फिलहाल में कोई और फिल्म इतनी चर्चित और सफल होगी। फिल्म की क्वालिटी,कंटेंट
और लंबी उम्र पर बाद में बातें होंगी। फिलहाल एसएस राजामौली को सारा श्रेय दिया जा
रहा है। वे इसके काबिल हैं,लेकिन इस फिल्म की अप्रतिम लोक्रिपयता में बाहुबली बने
प्रभास की भी बड़ी भूमिका है।
हिंदी फिल्मों के आमिर खान की तरह हम प्रभास के
समर्पण पर गर्व कर सकते हैं। युवा अभिनेताओं को उनसे सबक लेनी चाहिए कि अभिनय में
एकाग्रता और परिश्रम से अकल्पनीय ऊंचाई हासिल की जा सकती है। हिंदी फिल्मों में
किसी फिल्म की कामयाबी का श्रेय हम फिल्म के नायक को देते हैं। उस हिसाब से
प्रभास हर प्रशंसा के याग्य हैं। उनकी फिल्म ने अभी तक 1000 करोड़ से अधिक का
बिजनेस कर लिया है। अगले कुछ हफ्तों में यह आंकड़ा और ऊपर जाएगा। रजनीकांत,आमिर
खान और सलमान खान के अलावा और कोई उनके करीब भी नहीं दिख रहा है। हिंदी दर्शकों के
दिलों की धड़कन रणवीर सिंह,रणबीर कपूर और वरुण धवन अभी इस लोकप्रियता से कोसों दूर
हैं।
सन् 2002 में तेलुगू फिल्मों में आए प्रभास ने पिछले
पांच साल ‘बाहुबली’ को दिए। इन पांच सालों में उन्होंने कोई और काम नहीं किया।
फिल्में नहीं कीं। यहां तक कि 10 करोड़ का एक विज्ञापन भी ठुकराया। उन्होंने
पूरा ध्यान ‘बाहुबली’ पर लगा रखा था। इस समर्पण की तुलना ‘दंगल’ और ‘मंगल पांडे’ के लिए आमिर खान की तैयारी
से की जा सकती है। निर्देशक और अभिनेता की ऐसी परस्पर समझदारी के परिणाम हमेशा
कारगर होते हैं। जल्दी ही ऐसा समर्पण हमें ‘अनुराग कश्यप की ‘मुक्काबाज’ के विनीत कुमार सिंह में
दिखेगा।
‘बाहुबली’ के पांच सालों के दौरान ऐसा भी वक्त आया,जब प्रभास की आदनी
सिकुड़ गई। उन्हें आवश्यकतानुसार पैसों के लाले पड़े। ऐसे वक्त में भी वे नहीं
हिले। उनकी छोड़ी हुई फिल्में उनके समकालीन प्रतिद्वंद्वियों को मिलीं और वे
फिल्में हिट भी हुईं। यह राजामौली का भ्रोसा और आश्वासन तथा प्रभास का अपना आत्मविश्वास
ही था कि वे डटे रहे। पांच सालों तक ‘बाहुबली’ का जीते रहे। मालूम नहीं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने उन पर
गौर किया है या नहीं? यकीन करें यदि करण जौहर या कोई और
उनके साथ कोई हिंदी फिल्म बनाता है तो वे कमल हासन और रजनीकांत की तरह दक्षिण से
हिंदी फिल्मों में आए सुपरस्टार का दर्जा पाएंगे। हिंदी के दर्शक उनके स्वागत
के लिए तैयार हैं। वैसे हिंदी फिल्मों के दर्शकों ने उन्हें प्रभु देवा
निर्देशित अजय देवगन की फिल्म ‘एक्शन जैक्सन’ में देखा है। याद आया?
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