सात सवाल : कृति सैनन



कृति सैनन
-अजय ब्रह्मात्‍मज
सात सवाल
-यहां आने से पहले हिंदी फिल्‍मों के प्रति क्‍या परसेप्‍शन था?
0 बिल्‍कुल आम दर्शकों की तरह ही मेरा परसेप्‍शन था। मीडिया के जरिए जो पढ़ती और सुनती थी,वही जानती थी। इसका ग्‍लैमर आकर्षित करता था। लगता था कि स्‍टारों के लिए सब मजेदार और आसान होगा। बस,डांस करना है।
-परसेप्‍शन क्‍या बदला?
0 आने के बाद पता चला कि बहुत मेहनत है। फिल्‍म इंडस्‍ट्री के हर डिपार्टमेंट में काम करनेवालों के लिए रेसपेक्‍ट बढ़ गई है। एक छोटे से सीन के लिए भी सौ चीजें सोचनी पड़ती हैं। कई बार दर्शक उन पर ध्‍यान भी नहीं देते,लेकिन वही सिंक में न हो तो खटकेगा।
- कहते हैं यह टीमवर्क है?
0 बिल्‍कुल। हर डिपार्टमेंट मिल कर ही फिल्‍म पूरी करता है। फिल्‍मों में काम करने के बाद ही यह सब पता चला। मुझे लगता है कि क्रिटिक और दर्शकों को भी सभी के काम पर गौर करना चाहिए।
- हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री की क्‍या खासियत है?
0 विविधता है। हर तरह की प्रतिभाएं हैं। फिल्‍मों के विषयों की विविधता तो गजब की है। मैं देखती हूं कि अलग-अलग कारणों से सभी जुड़े हैं। एक बात समान है कि सभी को मेहनत करनी पड़ती है।
- हम कैसे अलग हैं?
0 कल्‍चर बहुत महत्‍वपूर्ण है। हमारे देसी भारतीय इमोशन अलहदा हैं। उनके बगैर हमें मजा नहीं आता1 म्‍यूजिक खास है हमारा। हमें फिल्‍म की कहानी याद रहे ना रहे...गाने याद रह जाते हैं। हम गीत-संगीत से कितनी बातें कह जाते हैं।
- फिल्‍म में दिख रहा समाज और वास्‍तविक समाज में कोई फर्क है क्‍या?
0 दोनों समाजों की दूरी धीरे-धीरे कम हो रही है। पहले के किरदार फिल्‍मी होते थे। अभी के किरदार रियल होते हैं। दर्शक भी सच के करीब की फिल्‍में देखना पसंद करने लगे हैं। दर्शकों को रियल के साथ मनोरंजन भी चाहिए।
- आप की सबसे फेवरिट फिल्‍म कौन सी है?
0 हम आप के हैं कौन मैं अनगिनत बार देख चुकी हूं। 

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को