रोज़ाना : रामगोपाल वर्मा की शेखी
रोज़ाना
रामगोपाल वर्मा की शेखी
-अजय ब्रह्मात्मज
रामगोपाल वर्मा ने सुर्खियों में रहना सीख लिया है। आए
दिन अपने ट्वीट और अनर्गल बातों से वे मीडिया और फिर लोगों का ध्यान खींचत हैं।
उनके कई ट्वीट बेमानी,संदर्भहीन और उटपटांग होते हैं। उन पर खबरें बनती हैं। बात
बिगड़ती है। फिर रामगोपाल वर्मा माफी मांग लेते हैं। अगले अनर्गल ट्वीट या बयान तक
चुप रहते हैं। जैसे ही खबर आई कि शेखर कपूर जल्दी ही ब्रूस ली की बेटी शैनन ली के
साथ मिल कर उन पर बॉयोपिक बनाएंगे,वैसे ही रामगोपाल वर्मा का ट्रवीट आ गया कि वे
भी ब्रूस ली के जीवन पर बॉयोपिक बनाएंगे। उनका दावा है कि वे ब्रूस ली के भक्त
हैं और उनके बारे में बेटी शैनन ली और शेख कपूर से ज्यादा जानते हैं। वे इस फिल्म
को उसी समय रिलीज करेंगे,जब शेखर कपूर की फिल्म रिलीज होगी। इस प्रसंग पर क्या
कहेंगे? यह रामगोपाल वर्मा की शेखी नहीं है
तो और क्या है?
रामगोपाल वर्मा उम्दा फिल्मकार थे। ‘थे’ लिखते हुए तकलीफ हो रही
है,क्योंकि हैदराबाद से आए रामगोपाल वर्मा ने एक समय मुंबई के फिल्मी संविधान को
तोड़ दिया था। नए आयडिया और टैलेंट के साथ उन्होंने दशकों पुराने मुंबई के फिल्मी
साम्राज्य में सेंध मार दी थी। अपनी क्रिएटिविटी के दम पर उन्होंने नए कलाकारों
और तकनीशियनों को स्थापिम किया। कभी उनकी ‘फैक्ट्री’ के आगे रोज़ाना लंबी कतार लगती थी। कहा जाता था कि वे किसभ्
भी कलाकार को स्टार बना देने की क्षमता रखते हैं। रामगोपाल वर्मा ने लगातार यह
साबित भी किया। और फिर ‘रामगोपाल वर्मा की आग’ आई। इस आग में उनकी प्रतिभा,मेधा और क्रिएटिविटी स्वाहा हो
गई।
रामगोपाल वर्मा अपनी असफलताओं और अस्वीकृति के बावजूद
डटे रहे। उन्होंने अपने प्रयोग जारी रखे। अफसोस कि उनके प्रयोग सफल नहीं हुए। फिर
उन्हें अपनी ‘सरकार’ का
खयाल आया। उन्होंने उसकी तीसरी कड़ी के लिए अमिताभ बच्चन को राजी किया। इस
शुक्रवार को यह फिल्म रिलीज होगी। मानाजा रहा है कि इस ‘सरकार 3’ से रामगोपाल वर्मा की वासी
हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो सचमुच हिंदी फिल्मों और रामगोपाल वर्मा के लिए अच्छी
बात होगी। हम भी इस क्रिएटिव दिमाग को कामयाब होते देखना चाहते हैं।
उनकी शेखी का जिक्र करने के बावजूद इस तथ्य से इंकार
नहीं किया जा सकता कि रामगोपाल वर्मा में एक सच्चे फिल्मकार का पैशन है। वे कुछ
नया करना चाहते हैं। दिक्कत है कि अपनी शेखी,बड़बोलेपन,सोच की संकीर्णता और
अनावश्यक दंभ की वजह से वे भटक गए हैं। ‘सरकार 3’ की सफलता उन्हें रास्ते पर ला सकती है। इस फिल्म के प्रति
अमिताभ बच्चन का विश्वास जाहिर है। प्रोमो और ट्रेलर में एक बार फिर अमिताभ बच्चन
‘एंग्री’ तेवर में दिख रहे हैं। फिल्म
के दमदार संवाद प्रभावित कर रहे हैं।
Comments
हाँ, लेकिन वो फिर भी अपने आपको भुनाना जानते हैं और ऐसा करते रहते हैं.