रोज़ाना : चीन में ‘दंगल’ के 420 करोड़



रोज़ाना
चीन में दंगल के 420 करोड़
-अजय ब्रह्मात्‍मज

5 मई 2017 को नितेश तिवारी निर्देशित और आमिर खान अभिनीत दंगल चीन में रिलीज हुई। दंगल भारत की पहली फिल्‍म है,जो इतने व्‍यापक स्‍तर पर चीन में रिलीज हुई है। 9000 से अधिक स्‍क्रीन में एक साथ चल रही दंगल के लिए चीन के दर्शक दीवाने हो गए हैं। चीनी भाषा में इस फिल्‍म का नाम श्‍वाएच्‍याओ पा! पापा रखा गया है,जिसका सीधा अर्थ होगा कुश्‍ती करें,पापादंगल पसंद आने की वजह उसका विषय और बाप-बेटी के रिश्‍तों का इमोशनल कनेक्‍शन है। इस फिल्‍म के प्रति दर्शकों की रुचि का अंदाजा इसी तथ्‍य से लगाया जा सकता है कि पिछले 11 दिनों में दंगल ने चीन में 400 करोड़ से अधिक का कलेक्‍शन किया है। ट्रेड पंडित मान रहे हैं कि 500 करोड़ से अधिक का कलेक्‍शन होगा। भारतीय फिल्‍मों का एक नया बाजार पड़ोस में तैयार हो गया है। पिछले कुछ सालों में भारतीय फिल्‍मों ने चीन में अच्‍छा कारोबार किया है। टॉप बिजनेस कर चुकी छह फिल्‍मों में से चार आमिर खान की हैं।
चीनी अखबारों के मुताबिक पिछले महीने जब आमिर खान पेइचिंग इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल में भाग लेने चीन गए थे तो उनका जोरदार स्‍वागत हुआ था। वे चीन के छंगतू शहर भी गए थे। धूम 3,3 इडियट,पीके और दंगल की कामयाबी से वे चीन में परिचित चेहरा बन चुके हैं। 3 इडियट के बाद से उनमें चीन के यवा दर्शकों ने अधिक रुचि ली,क्‍योंकि वह फिल्‍म कहीं न कहीं उनके ऊपर बन रहे दबावों को भी टच करती थी। दंगल की सफलता अप्रतयाशित नहीं है। चीनी समाज भी भारत की तरह इमोशनल है। पारिवारिक रिश्‍तों में भवनाओं की कद्र होती है। साहित्‍य और सिनेमा में रिश्‍तों और संबंधों की बातें होती हैं।
चीन में हिंदी फिल्‍मों की लोकप्रियता का इतिहास 65 साल पुराना है। राज कपूर की आवारा वहां बड़े पैमाने पर दिखाई गई थी। कई दशकों तक वह चीन में लोकप्रिय रही। 45-50 से अधिक उम्र के सभी चीनी आवारा देख चुके हैं। वे आवारा का शीर्षक गीत आवारा हूं गा सकते हैं। आवारा के रीता और राज ही उन्‍हें हर भारतीय चेहरे में दिखते थे। कहते हैं माओ त्‍से तुंग को भी आवारा पसंद थी। एक सांस्‍कृतिक प्रतिनिधि मंडल के साथ पृथ्‍वीराज कपूर चीन गए थे। वे माओ त्‍से तुंग से मिले तो उनका पहला सवाल यही था कि राज कपूर कैसे हैं? भारत ने चीन में हिंदी फिल्‍मों की लोकप्रियता का कभी राजनयिक उपयोग नहीं किया।
वर्तमान संदर्भ में दंगल की लोकप्रियता उल्‍लेखनीय है। दोनों देशों के राजनयिक संबंध मधुर नहीं हैं,लेकिन सांस्‍कृतिक संबंधों में कोई अड़चन नहीं हैं। वहां के दर्शक बेहिचक दंगल देख रहे हैं। उम्‍मीद है कि जल्‍दी ही बाहुबली 2 भी वहां रिलीज होगी। जरूरत है कि दोनों देशों के बीच फिल्‍मों के आदान-प्रदान और प्रदर्शन की संभावनाओं को तेज किया जाए।

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को