मजेदार किरदार है जगदीश्वर मिश्रा- अक्षय कुमार
-अजय ब्रह्मात्मज
मंगलवार को जगदीश्वर मिश्रा फिल्मसिटी में ‘द कपिल शर्मा शो’ की शूटिंग कर रहे थे। लखनऊ
के जगदीश्वर मिश्रा वकील की वेशभूषा में ही थे। कपिल शर्मा को भी पहली बार समझ
में आया कि किसी वकील से मजाकिया जिरह करने में भी पसीने छूट सकते हैं। यह अलग बात
है कि कपिल शर्मा की मेहनत का यह पसीना छोटे पर्दे पर हंसी बन कर बिखरेगा। शो से
निकलत ही जगदीश्वर मिश्रा प्रशंकों से घिर गए। जो पास में थे,वे सेल्फी लेने लगे
और जो दूर थे वे उनकी तस्वीरें उतारने लगे। जगदीश्वर मिश्रा की पैनी निगाहों से
कोई बचा नहीं रहा। वे सभी का अभिनंदन कर रहे थे। इस बीच चलते-चलते ड्रेसमैन ने
उनका काला कोट उतार दिया। जगदीश्वर मिश्रा ने कमीज ढीली की और परिचित मुस्कराहट
के साथ अक्षय कुमार में तब्दील हो गए। आप सभी को पता ही है कि सुभाष कपूर की नर्द
फिल्म ‘जॉली एलएलबी2’ में अक्षय कूमार वकील जगदीश्वर मिश्रा की भूमिका निभा रहे
हैं। वे पहली बार वकील का किरदार निभा रहे हैं।
अनुशासित और समय के पाबंद अक्षय कुमार फिल्मों की
रिलीज के पहले कुछ ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं। उन्होंने इंटरव्यू के लिए समय
निकाला तो यह आग्रह किया कि फिल्मसिटी ही आ जाएं। यहां से जुहू लौटते समय रास्ते
में बातचीत कर लेंगे। फिल्मसिटी से जुहू लौटने के 14 किलोमीटर के सफर में यह
बातचीत उनकी गाड़ी में ही हुई। मुंबई में कुछ फिल्म स्टार ट्रेफिक का यह उपयोगी
इस्तेमाल करते हैं। हमारी बातचीत मुख्य रूप से ‘जॉली
एलएलबी2’ को ही लेकर हुई। फिल्मसिटी से
निकलते ही अक्षय कुमार के नजर सामने पेड़ की डालियों पर उछलते-कूदते बंदर पर पड़ी
और वे गाड़ी रोक कर बंदर देखने-दिखाने लगे।
अक्षय कुमार अपनी फिल्मों को लकर बहुत चूजी हैं। ‘जॉली एलएलबी2’ के चुनाव की वजह क्या रही? सुभाष कपूर,स्क्रिप्ट या फिर प्रोडक्शन बैनर? अक्षय बताते हैं,’मैंने स्क्रिप्ट चुना। मुझे
पार्ट 1 अच्छी लगी थी। मैंने स्क्रिप्ट के साथ आए सुभाष कपूर को भी चुना और प्लस
मैंने फॉक्स स्टार के साथ पहले कोई फिल्म नहीं की थी। तो एक के बाद एक तीनों
बातें हो गई,लेकिन पहली वजह स्क्रिप्ट ही रही। वास्तविक घटनाओं को लेकर लिखी गई
यह स्क्रिप्ट मुझे बहुत अच्छी लगी।‘डिटेल में कुछ और बताने के
आग्रह पर वे आगे कहते हैं,’ मैंने कभी वकील का रोल किया
ही नहीं था। मैं अपनी फिल्मों के लिए नए किरदारों की तलाश में रहता हूं। उनके
माध्यम से ही कुछ नया करने का मौका मिलता है। मुझे जगदीश्वर मिश्रा मजेदार
किरदार लगा। यह सच होने के साथ एंटटेनिंग है। हमारी फिल्म न्यायपालिका की दिक्कतों
की भी बात करती है। हमारे पास कम जज हैं। यही कारण है कि मुकदमों के फैसले में वक्त
लगता है। अब आप ही बताएं न 21 हजार जज साढ़तीन करोड़ मुकदमों का फैसला कितनी जल्दी
सुना पाएंगे?’क्या जगदीश्वर मिश्रा के बारे में
भी कुछ बता सकेंगे? अक्षय मना कर देते हैं,’वह बताऊंगा तो कहानी जाहिर हो जाएगी। एक हफ्ते के बाद आप खुद
ही देख लेना न...’
फिर भी उत्तर भारत के इस किरदार को निभाने और
लखनऊ-बनारस में जाकर शूटिंग करने का अलग उत्साह तो रहा होगा। कैसा रहा अनुभव? अक्षय कुमार के लिए निर्देशक सुभाष कपूर ने जमीनी तैयारी कर
दी थी। वे कहते हैं,’ मेरा आधा से ज्यादा होमवर्क सुभाष
ने ही कर दिया था। वे मुझे गाइड करते रहे। इस फिल्म के कारण पहली बार बनारस गया
और उफनती गंगा में डुबकी मारी। मैंने सोचा कि डुबकी लगा लो मेरे पाप भी धुल
जाएंगे। पाप तो हो ही जाते हैं,बड़े हों या छोटे। बनारस के खान और पान का स्वाद
लिया। मैं खाने का शौकीन हूं। मैं तो सभी से कहता हूं कि दिन में एक-डेढ़ घंटे
कसरत करो और शाम में साढ़े छह बजे तक खा लो। फिर न तो कोई बीमारी होगी और न तकलीफ
होगी। बनारस और लखनऊ के लोग प्यार और इज्जत देना जानते हैं। उनके मिजाज में
थोड़ी मस्ती रहती है,लेकिन वही तो जिंदगी का मजा है।‘
‘जॉली एलएलबी2’ में अक्षय कुमार के साथ हुमा कुरैशी हैं। अक्षय के पास उनकी
तारीफ में बताने के लिए बहुत कुछ है,’हुमा बेहतरीन एक्ट्रेस हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्मों में काम किया है। उन्हें
भी अच्छा किरदार मिला है। पहली बार पर्दे पर दिखेगा कि हीरो घर में रोटियां
सेंकता है।सब्जियां बनाता है। हुमा ने तो एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे रियल लाइफ
में ऐसा ही पति चाहिए। हुमा इस फिल्म में मुझे संभालती और नैतिक बल देती हैं। वह
मुझे हिम्म्ती बनाती है।‘
अक्षय बताते हैं कि सुभाष कपूर ने पहले भी किसी के
जरिए इस फिल्म के लिए मुझे अप्रोच किया था। तब बात नहीं बन सकी थी। बाद में
मुलाकात हुई तो सब तय हो गया। हर फिल्म का वक्त होता है। अक्षय कुमार सुभाष कपूर
को एकदम नया फिल्मकार नहीं मानते। वे कहते हैं,’वैसे
भी मेरे साथ नए फिल्मकारों ने ही काम किया है। यह कुछ संयोग है। मुझे लगता है कि
नए फिल्मकार ज्यादा जोश के साथ काम करते
हैं। वे नई सोच और उम्मीद ले आते हैं। वे कुछ कर दिखाना चाहते हैं। सुभाष कपूर
फिल्मों में आने के पहले जर्नलिस्ट रहे हैं। समाज मनोरंजन के साथ कहते हैं। उनकी
समझ पैनी है और फिर वे कुछ बड़ी बात मनोरंजन के साथ करते हैं। उनकी फिल्मों का
हास्य हंसाने के के साथ कचोटता भी है। ‘जॉली एलएलबी2’ को रेगुलर कॉमेडी फिल्म नहीं समझें। यह फिल्म जगदीश्वर
मिश्रा के बहाने बहुत कुछ कहती है।‘
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