तोड़ी हैं अपनी सीमाएं -शाह रूख खान





रईसने कंफर्ट से बाहर निकाला : शाह रुख खान
नए साल में शाह रुख खान अलग सज और धज के आ रहे हैं। वे दर्शकों को रईस’, ‘द रिंगऔर आनंद एल राय की फिल्म की सौगात देंगे, जो उनके टिपिकल अवतार से अलग है। वे ऐसा क्यों और किस तरह कर पाए, पढें खुद उनकी जुबानी
    -अजय ब्रह्मात्‍मज
वे बताते हैं, ’मैंने अमूमन ऐसे किया है। हालांकि लोगों को सामयिक घटनाक्रम ही नजर आता है। रईसभी उसी की बानगी है। दरअसल चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘हैप्पी न्यू ईयरऔर दिलवालेसाथ आ गईं थीं। हालांकि नहीं आनी चाहिए थीं। वह इसलिए कि मैंने हैप्पी न्यू ईयरके बाद रईसकी थी। इसकी शूटिंग खत्म हो रही थी और हम हैदराबाद से दिलवालेशुरू करने वाले थे। तब हम उसकी सिर्फ बल्गारिया वाले हिस्से की शूटिंग करने को थे, कि तभी फैनआ गई। वह 40 दिनों की शूटिंग थी। इस बीच रईसआगे खिसक गई। मेरा घुटना चोटिल हो गया। रईसका 14-15 दिनों का काम बाकी रह गया। फैनवीएफएक्स के चलते 11 महीने टल गई। तो कायदे से रईसहैप्पी न्यू ईयरके बाद ही आती, पर अब आई है। लिहाजा लोगों को लग रहा है कि मेरी पसंद में तब्दीली हुई है, जबकि मैं ऑफबीट और जश्‍न वाली फिल्में मिलाकर करता रहा हूं। मसलन, ‘ओम शांति ओमके बाद चक दे इंडियामाय नेम इज खानके साथ दूल्हा मिल गया
असल में फैनया रईसजैसे मिजाज की फिल्में अधिकतम 60-65 दिनों में शूट हो जाती है, लेकिन वह हो नहीं पाया। चोट के चलते बना-बनाया सेट हटा। बाद में फिर से लगाया गया, क्योंकि मेरे साथ आउटडोर शूट करना मुश्किल है। तो यह अब आ रही है। बहरहाल, बीच में गौरी शिंदे के साथ डियर जिंदगीमैंने की। वह अलग दुनिया है, जो मैं नहीं समझता। कई बार मगर बतौर एक्टर आप वैसी जगह जाएं तो कुछ नया जानने-समझने को मिलता है। वही चीज यहां भी हुई। राहुल ढोलकिया परजानियांजैसे जोन से आते हैं। यहां वे पॉपुलर सिनेमा के साथ रियलिज्‍म मिक्स करना चाहते थे, इसलिए वे फरहान-रितेश के पास आए। उनसे कहा कि वे शाह रुख को ले आएं तो मकसद पूरा हो जाएगा। तो वह मेरी दुनिया में आए, मैं उनके जहां में गया। नवाज, जीशान, अतुल कुलकर्णी सब उनकी कायनात से है, पर एक्शन मास्टर मेरी दुनिया का। फिर भी हमने यह नहीं होने दिया है कि हीरो का घूंसा पड़ा और गुंडे हवा में उड़ गए। जालिमागाना राहुल की दुनिया का नहीं है, पर वह फिल्म में फिट हो गया है। इसी तरह लैला मैं लैला महज आइटम नंबर नहीं है। 1985 में उसी तरह के गाने गाए जाते थे। तो रईसएक उम्दा मिश्रण साबित हो गया।
देखा जाए तो रईससे जुड़े हर कलाकार ने अपनी बाउंड्री पुश की है। मिसाल के तौर पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी फिल्म में इंस्पेक्टर हैं। मैं माफिया रईस खान। हमारे बीच बहुत बातें हुईं कि हम नया क्या कर सकते हैं। काफी माथापच्ची के बाद तय हुआ कि दोनों के किरदार आपस में बेइंतहा नफरत करें। दोनों चाहते हैं कि दूसरा खत्म हो जाए, पर दोनों का काम ऐसा है कि एक के बिना दूसरे की नौकरी ही नहीं रहेगी। इंस्पेक्टर कहता भी है, ‘साथ रहने नहीं देता, दूर जाने नहीं जाता रईस। नवाज भाई के लिए इज्जत इसलिए बढ़ी कि उन्होंने नफरत को टिपिकल नहीं बनने दिया। फिल्म में उनके किरदार की एंट्री माइकल जैक्सन के डांस से हुई है। वह चीज मैं करूं तो समझ आता है, पर उन्होंने भी अपना कंफर्ट तोड़ा। उन्होंने ही नहीं, बाकी सारे कलाकारों ने अपनी-अपनी खूबियां एक-दूसरे से साझा कीं।
राहुल ढोलकिया को ही देखें तो मुलाकात से पहले उनको लेकर एक अलग धारणा थी। वह यह कि बड़े सीरियस किस्म का फिल्मकार होंगे। बंदे ने परजानियाजैसी फिल्म बनाई है। सच कहूं तो पॉपुलर सिनेमा में बहुत रिसर्च की जरूरत नहीं होती है। सारा काम हीरो के जिम्मे हो जाता है। उसमें कोई बुराई नहीं है। हैलीकॉप्टर से छलांग मारी और लैंड कर गया। वह भी फ्लाइट ऑफ फैंटेसी है। राहुल उस स्‍कूल से आते हैं, जहां कहानी में बहुत रिसर्च की दरकार होती है। यहां उन्होंने मुझ से मिलकर उस कहानी को सब तक पहुंचाने की कोशिश की है। मैं जब स्थापित नहीं भी था तो सबसे कहा करता था कि यार जब अच्छी कहानी है तो उसे हर किसी तक पहुंचाओ न। क्यों आर्टी फिल्म बनाकर सीमित दर्शक तक पहुंचते हो। यहां वह दीवार टूटी है। राहुल और हमने मिलकर आम सहमति से रियल और कमर्शियल के मेल वाली फिल्म बनाई है। हालांकि यह आसान नहीं था। मुझे सेट पर आने में देर होती ही थी, पर सबके जहन में यह बात थी कि यार यह अपनी फिल्म बना रहे हैं।
    हीरोइन के रोल के लिए फरहान, रितेश और मेरे पास सारी च्‍वॉइसें थीं, पर राहुल यहां रियलिज्‍म ही चाहते थे। वह इसलिए कि रईस और उसकी प्रेमिका की कहानी उम्र के सात साल से लेकर 45 तक चलती है। ऐसे में, हमें परफॉर्म करने वाली अभिनेत्री ही चाहिए थी। उनके नाम पर आखिरी क्षणों में मोहर लगी। वे भी सीरियस किस्म की एक्टिंग करती हैं, पर मैं मानता हूं कि उन्हें भी उड़ी उड़ीगाना करने में मजा आया होगा। काफी कुछ सीखने को मिला होगा।

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