कौन हैं बंदी युद्ध के? ... -निखिल आडवाणी
-अजय ब्रह्मात्मज
युद्ध के बंदी कौन हैं?
युद्ध के दौरान मोर्चे पर तैनात सैनिकों को गिरफ्तार कर कैदी बना लिया जाता है।
उनके बारे में कोई जानकारी उनके परिवार वालों को नहीं मिल पाती। शहीदों की सूची
में उनका नाम न हो परिवार की आस बंधी रहती है कि उनका बेटा,पति और पिता लौट कर
आएगा। यह आस भी किसी कैद से कम नहीं है। पूरा परिवार इस उम्मीद का बंदी हो जाता
है। निखिल आडवाणी ने कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि में दो सैनिकों और उनके परिवारों
की यही कहानी गढ़ी है। यह टीवी शो इजरायल के मशहूर टीवी शो ‘हातुफिम्’ पर अधारित है। निखिल आडवाणी
ने मूल थीम के अनुरूप भारतीय परिवेश और संदर्भ की कहानी चुनी है।
स्टार प्लस से निखिल आडवाणी को इस खास शो के निर्माण
और निर्देशन का ऑफर मिला तो उन्होंन पहले इंकार कर दिया। वजह यह थी कि ओरिजिनल शो
का प्रारूप भारत में नहीं दोहराया जा सकता था। अपने देश की सुरक्षा एजेंसियां अलग
तरीके से काम करती हैं। सैनिकों और उनके परिवारों का रिश्ता भी अलग होता है। बाद
में वे राजी हुए तो उन्होंने पूरी तरह से उसका भारतीयकरण कर दिया। 1999 में हुए
कारगिल युद्ध में 527 सैनिक शहीद हुए थे। 1363 सैनिकों के हताहम होने की जानकारी
है। कुछ सैनिकों के बारे में जानकारी ही नहीं है कि वे कहां लापता हैं। निखिल
आडवाणी कहते हैं,’यह कमाल की स्टोरी है। हमारा टायटल
बंदी युद्ध के है,लेकिन गौर करें तो असल युद्बबंदी तो दोनों सैनिकों की बीवियां और
उनकी फैमिली है। वे 17 सालों से उनका अनिश्चय इंतजार कर रहे हैं। मान लें कि
लापता सैनिक दूसरे देश के जेल में यातना सह रहे होंगे,लेकिन यहां उनके परिवार की
आपदा उससे भारी है। वे अपनी उम्मीदों के ही कैदी हो गए हैं। उनके जीवित लौट आने
के इंतजार में सब कुछ ठहर गया है। वे आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।‘
निखिल आडवाणी आरंभ से ही स्पष्ट थे कि उन्हें टीवी
पर शानदार शो करना है। उन्होंने अपनी टीम को पहली हिदायत दी कि कोई भी इस शो की
प्लानिंग में यह नहीं कहेगा कि टीवी में ऐसा नहीं होता1 हमें टीवी की सीमाएं
तोड़नी है। हमें अपने बजट में ही सोच और कल्पना का विस्तार करना है। निखिल
आडवाणी कहते हैं,’मैंने चैनल से पूरी आजादी लेने के
बाद ही काम शुरू किया। शो देखने के बाद वे संतुष्ट हुए। उन्होंने माना कि शो में
इमोशन का सही चित्रण है। असल बात है कि आप के किरदारों का दर्शकों से कनेक्शन
बने। वे आप को अपने या कम से कम पड़ोसी परिवार का हिस्सा मानें तो उनकी रुचि बढ़
जाती है। यह शो दर्शकों में राष्ट्रीय भावना का संचार करेगी।‘
निखिल बताते हैं कि इस शो में एक किरदार कहती है,’ जब हमलोग सैनिक से शादी करते हैं तो यह मान लेते हैं कि हम
तो सौतन हैं। हमारे पतियों की शादी तो देश से हो चुकी रहती है। हम जानती हैं कि
मोर्चे पर जाने के बाद आप शायद वापस न आएं1’ निखिल की राय में ऐसी औरतें
ही सच्ची राष्ट्रभक्त हैं। वे आगे कहते हैं,’अपने
रिसर्च के दौरान मुझे सैनिकों की पत्नियों ने बताया कि हम तो लापता पतियों की
शहादत के पत्र का इंतजार करती हैं। उम्मीद ही न रहे तो जिंदगी आगे बढ़ती है। मुझे
उनकी बातों से झटका लगा,लेकिन यही कड़वी और इमोशनल सच्चाई है।‘
’बंदी युद्ध के’ में सत्यदीप
मिश्रा,पूरब कोहली,मनीष चौधरी,संध्या मृदुल,रसिका दुग्गल और अमृता पुरी जैसे
सिद्धहस्त कलाकार हैं। होगा।
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