वह भी दिलचस्प इत्तेफाक था - गुलशन देवैया
-अजय ब्रह्मात्मज
तीन साल पहले की बात है। पूजा भट्ट लोखंडवाला के एक
रेस्तरां में मेरे एक परिचित के साथ बैठी थीं। उन्होंने ‘द हेट स्टोरी’ और ‘शैतान’ के जिक्र के साथ कहा कि इस
एक्टर के साथ काम करना है। मेरे परिचित ने मुझे फोन कर तत्काल बुला लिया। मैं भी
पहुंच गया। पूजा की गर्मजोशी अपरिचय तोड़ देती है। उन्होंन तारीफ की। मैंने उन्हें
याद दिलाया कि 2001 में नए साल की पार्टी में मुझ पर उनकी निगाह गई थी। हुआ यों था
कि रात भर की पार्टी के बाद मैं एक पेड़ के नीचे बैठा चिल कर रहा था। तभी पूजा
भट्ट आती दिखीं। सुबह सात-साढ़े सात का समय रहा होगा। उन्होंने मेरी तरफ नजर डाली
और आगे बढ़ गईं। मैंने उन्हें पूरी घटना बताई तो वह मुस्कराई। मुझे लगता है कि
कोई एनर्जी हम दोनों को पास खींच रही थी।
लोखंडवाला के रेस्तरां में हुई मुलाकात में उन्होंने
यही कहा कि मैं तुम्हारें साथ काम करना चाहती हूं। अभी ‘जिस्म 3’ के बारे में सोच रही हूं।
फिर ‘कैबरे’ और ‘लव अफेयर्स’ के बारे में बातें हुईं।
मैंने दोनों फिल्में साइन कीं। ‘कैबरे’ का निर्देशन कौस्तुभ को करना था और ‘लव अफेयर्स’ सोनी राजदान की फिल्म थी। ‘कैबरे’ के लिए पहले ही हां कर दी
थी मैंने। उन्हें हीरोइन खोजने में समय लगा। आखिरकार रिचा चड्ढा मिलीं तो
प्रोजेक्ट आगे बढ़ा। पिछले साल इसकी शूटिंग पूरी हुई और अब रिलीज का इंतजार है।
इस
फिल्म में एक पत्रकार गौरव की भूमिका निभा रहा हूं। वह बहुत होनहार और काबिल पत्रकार
था। इंवेस्टिगेटिंग जर्नलिज्म में उसका बड़ा नाम था। उसकी जिंदगी में कुछ ऐसी
घटनाएं घटीं कि वह अल्कोहलिक बन गया। वह शराब पीकर खुद को मार रहा है। कुछ दोस्त
उसकी मदद कर रहे हैं। इसी दरम्यान उसकी रोजा यालि रिचा चड्ढा से मुलाकात हो जाती
है। वह फेमस डांसर है। हमारे बीच प्यार हो जाता है। दोनों जख्मी है। रोजा मौत से
भाग रही है और मैं मौत की तरफ भाग रहा हूं। यहां से फिल्म में थ्रिल आता है। गौरव
को एक मकसद मिल जाता है। वह रोजा के इर्द-गिर्द की मिस्ट्री सुलझाने में लग जाता
है।
रिचा बुहत खूबसूरत और कमाल की एक्टर है। हमारी पहली
मुलाकात एक एक्टिंग वर्कशॉप में हुई थी। तब तक उनकी ‘ओय लकी लकी ओय’ आ चुकी थी। मैं उनके प्रभाव
में आ गया था और दोस्ती करना चाहता था। तब हिम्मत नहीं कर पाया था। ‘रामलीला’ में हम दोनों ने साथ में
काम किया था। संजय लीला भंसाली के सेट पर काम करने को मिल जाता है। फिर ‘कैबरे’ आई तो साथ काम करने का सुखद
संयोग बन गया। रिचा,कल्कि और राधिका के साथ मेरी दोस्ती है। मुझे लगता है कि
तीनों को सही अवसर मिले तो तीनों बहुत आगे जाएंगी। हमारे बीच कंफर्ट है।
फिल्म मैंने टुकड़ों में देखी है। मुझे तो अच्छी लगी
है। यों मुझे अपने काम से संतुष्टि नहीं होती। हमेशा लगता है कि सुधार हो सकता है।
अरे,डायरेक्टर ने क्यों नहीं टोका? मैंने तो सुना है कि कुछ
एक्टर अपनी फिल्में नहीं देखते। ‘हंटर’ मैंने 30-35 बार देख ली है। इस फिल्म के बारे में सभी के
रिएक्शन बहुत अच्छे हैं। कोशिश रही है कि पूरी सच्चाई और ईमानदारी से अपना
किरदार निभा लूं। अ ब दर्शक देखें और
बताएं।
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