यह रिश्ता क्या कहलाता है : हांगकांग में सितारों की मस्ती
हांगकांग से लौट कर अजय ब्रह्मात्मज
सभी जानते हैं कि स्टार प्लस का शो’ यह रिश्ता क्या कहलाता है’ काफी
लोकप्रिय है। पिछले सात सालों से चल रहा यह शो रिश्तों के उतार-चढ़ाव और संबंधों
के मोड़ की वजह से दर्शकों के बीच प्रिय है। पॉपुलर टीवी शो की खासियत है कि उसके
कलाकारों को दर्शक पहचानते हें। उनके लिए वह परिवार का ऐसा सदस्य होता है,जो उनकी
जिंदगी का हिस्सा बन चुका होता है। कभी वह रियल जिंदगी में सामने आ जाए तो सहसा
यकीन नहीं होता कि नैातिक और अक्षरा ऐसे कैसे टहल सकते हैं? क्या वे भी उनकी तरह मौज-मस्ती और घूमने-फिरने में यकीन
रखते हैं? पिछले हफ्ते हांगकांग में ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’ की
शूटिंग के दौरान कुछ ऐसे ही अनुभवों से साबका पड़ा।
हांगकांग का ओशियन पार्क भव्य और विशाल है। यहां
आधुनिक पार्क के सभी तेज रफ्तार झूले और पानी में छई छप्प छई करते बोट और
घिरनियां हैं। हांगकांग शहर के बाहरी इलाके में बनाए गए ओशियन पार्क तक अभी मैट्रो
नहीं पहुंचा है,लेकिन हांगकांग और मेनलैंड चाइना से घूमने के शौकीन यहां 11 बजे से
पहले आकर कतार लगा देते हैं। चीनी नैन-नक्श के पर्यटकों के बीच भारतीयों की भी
अच्छी संख्या नजर आती है। इन दिनों भारत के मध्यवर्गीय परिवार भी पर्यटन के लिए
पड़ोसी देशों में आने लगे हैं। ओशियन पार्क में घूम रहे भारतीयों ने नैतिक की
भूमिका निभा रहे करण और अक्षरा की भूमिका निभा रही हिना खान को दूर से ही पहचान
लिया। सुरक्षा और व्यवस्था के लिए तैनात हांगकांग के कर्मियों को यह समझना और
समझाना मुश्किल था कि वे चहेते टीवी स्टारों के साथ उनके दर्शकों को सेल्फी या
ग्रुप तस्वीरें खींचने दें।
’यह रिश्ता क्या कहलाता है’ का हांगकांग एपीसोड रोचक है। नैतिक और अक्षरा के संबंधों में
चल रहे तनाव से सभी परिचित हैं। वे हांगकांग पहुचते हैं कि एयरपोर्ट पर ही नैतिक
को एक फोन आता है। नैतिक अक्षरा को बताता है कि उसे ऑफिस के काम से जन्छी पहुंचना
है। वह अक्षरा के जाने का इंतजाम कर खुद निकलता है। फिर ‘द बिग बुद्धा पार्क’ में नैतिक के अनमने व्यवहार
से खिन्न और चिंतित होकर अक्षरा निश्चय करती है कि वह सच्चाई मालूम करेगी। वह
चीनी वेशभूषा में नैतिक का पीछा करती है। वह देखती है कि नैतिक किसी बच्चे के साथ
मस्ती कर रहा है। अक्षरा उसे फोन करती है,लेकिन उसके सामने खड़ा नैतिक उसे बताता
है कि वह किसी और काम में व्यस्त है। ओशियन पार्क में घूने के दौरान अक्षरा को
किसी अपरिचित का फोन आता है। वह अपरिचित नैतिक को कोट्र मैं बुलाना चाहता है।
हांगकांग की इस यात्रा में अक्षरा को पता चलता है कि नैतिक की जिंदगी में कोई बच्चा
है,जिसके बारे में वह कुछ भी नहीं जानती।
करण और हिना को देख कर उतावले हो रहे भारतीयों ने
शूटिंग टीम की एक नहीं सुनी और हांगकांग के कर्मियों की मनाहियों की तो परवाह भी
नहीं की। स्टार का अपने फेन मिल जाएं तो क्या कहना? लंदन से एक प्रौढ़ भारतीय अपनी अंग्रेज पत्नी के साथ आए थे।
उन्की पत्नी की भारतीय कलाकारों में कोई रुचि नहीं थी,लेकिन प्रौड़ सज्जन अपनी
मों कलिए करण मेहरा और हिना खान की तस्वीरें खींचना चाहते थे। यह पूछने पर कि क्या
वे लंदन में यह शो देखते हैं? उन्होंने बताया कि उनकी
मां भारत में देखती हैं और फोन पर ‘यह रिश्मता क्या कहलाता है’ की कहानी सुनाती है। उन्होंने कहा कि अगर मैं इन स्टारों
की तस्वीरें मां को भेजूंगा तो वह बहुत खुश होंगी। ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’ की
हांगकांग शूटिंग के दौरान उनके बेटे नक्श और बेटी नायरा की भूमिका निभा रहे रोहन
मेहरा और अश्नूर कौर भी उनके साथ गए थे। मम्मी-पापा की परेशानियों और तनावों से
उन्हें खास मतलब नहीं था। वे तो हांगकांग के नजारों और पर्यटन स्थलों का आनंद
लेने में मस्त रहे। कभी सेल्फी तो कभी साथ में तस्चीरें उतारते रहे और ओशिन
पार्क के झूलों का मजा लेते रहे।
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