रोमांचक सफर पर छोटी आनंदी
-अजय ब्रह्मात्मज
कलर्स के शो ‘बालिका वधु’ ने अपनी शुरूआत से ही दर्शकों को आकर्षित किया। थोड़े ही समय
में यह शो चैनल को आगे ले जाने में सफल रहा। इस शो की किरदार आनंदी अपने आचरण और
एटीट्यूड के वजह से दर्शकों के बीच लोकप्रिय रही। अब एक अंतराल के बाद आनंदी के
बचपन के कारनामों को समटते हुए एक एनीमेशन शो ‘छोटी आनंदी’ आने जा रहा है। यह एनीमेशन शो छोटी आनंदी से प्रकित है। यह
बाल दर्शकों को आनंदी और उसके दोस्तों के एडवेंचर की दुनिया में ले जाएगा।
हॉपमोशन एनीमेशन स्टूडियो के अनिश पटेल ने आनंदी को एनीमेशन में ढाला है।
पेश है उनसे हुई बातचीत के अंश:
-‘छोटी आनंदी’ पर एनीमेशन का विचार कहां से आया और इसमें आप क्या दिखाने
जा रहे हैं ?
0 टीवी शो ‘बालिका वधु’ में आनंदी का किरदार बहुत पॉपुलर रहा है। छोटी आनंदी आज भी
दर्शकों को याद हैं। सरपंच बनने के गुण उसमें पहले से थे। मैंने इसके निर्माता
वाधवा के साथ पहले भी काम किया है। अपनी एनीमेशन कंपनी आरंभ की तो आनंदी का खयाल
आया। मुझे लगा कि भारतीय परिवेश में इस किरदार को लेकर एनीमेशन शो बनाया जा सकता
है। एक ‘छोटा भीम’ के अलावा कोई दूसरा पॉपुलर कैरेक्टर नहीं है अपने देश में।
-तो क्या यह आनंदी पर ही केंद्रित होगा या कुछ नए
किरदार भी जुड़ेंगे?
0 आनंदी के बचपन के दोस्तों में से चंपा का किरदार
लिया है। फुली भी है। नट्टू और चीकू दो नए किरदार जोड़े हैं। चीकू कम बोलता
है,लेकिन बहुत शरारती है। वे रहते तो राजस्थान में हैं,किंतु हर एपीसोड में एक नए
एडवेंचर पर जाते हैं। ये उडवेंचर टीवी शो के नहीं हें। हम ने उकदम नई कहानियां
चुनी हैं। वे एमैजोन के जंगल में भी जाएंगे। उन्हें डायनासोर भी मिलेंगे। आनंदी
बहादुर,जिज्ञासु और जुझारू है। भारत में अभी तक कोई लड़की लीड एनीमेशन कैरेक्टर नहीं
रही है। माना जाता है कि इसमें लड़के ही होने चाहिए।
-क्या लड़ी होने की वजह से ‘छोटी आनंदी’ में वॉयलेंस कम होगा ? महसूस किया जा रहा है कि बाल दर्शकों के ये शो ज्यादा
वॉयलेंट होते हैं।
0 एक्शन तो रहेगा,क्योंकि बाल दर्शकों को एक्शन से
रोमांच होता है। हमारी कोशिश रहेगी कि बेमतलब वॉयलेंस न हो। फिर भी बच्चों के
मनोरंजन का खयाल रखना होगा। ‘छोटी आनंदी’ रेगुलर चैनल पर आएगा। हमें लगता है कि इसे बच्चों के साथ
बड़े भी देखेंगे। यह 22 मिनट का शो होगा। एक एपीयोड में एक एडवेंचर रहेगा। इसे
कारमेन जायनाबड़ी और अर्श वोहरा लिख रहे हें।
-क्या ‘छोटा भीम’ के तर्ज पर ‘छोटी आनंदी’ नाम रखा गया ?
0ऐसा लग सकता है,लेकिन ऐसा है
नहीं। टीवी शो में आनंदी के बड़ी होने पर भी उसके बचपन की बातों में छोटी आनंदी
नाम लिया जाता था। और हो,निस्संदेह ‘छोटी भीम’ नाम की लोकप्रियता भी एक कारण है ‘छोटी आनंदी’ नाम रखने में।
-कहा जाता है कि भारत में एनीमेशन इंटरनेशनल स्टैंडर्उ
का नहीं रहता। आप क्या कहेंगे ?
0 अभी तो ढेर सारा इंटरनेशनल एनीमेशन भारत में ही हो
रहा है। हम टेक्नीकली कहीं से भी पीछे नहीं हैं। हमारे पास पर्याप्त टैलेंट
है।हां,जब हम अपने चैनलों या फिल्म के लिए एनीमेशन करते हैं तो उसमें बजट की दिक्कत
आती है। अभी हम उस स्तर पर खर्च नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से हम अपने एनीमेशन
में कहानी और इमोशनल कनेक्शन पर ज्यादा ध्यान देते हैं। मुझे भरोसा है कि ‘छोटी आनंदी’ दर्शकों को इंटरनेशनल स्टैंडर्उ
का होगा।
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