अच्छा लगा अक्षय का साथ - निम्रत कौर
-अजय ब्रह्मात्मज
निम्रत कौर ने ‘लंचबाक्स’ के
बाद कोई फिल्म साइन नहीं की। इस बीच में उन्होंने अमेरिकी पॉलिटिकल थ्रिलर ‘होमलैंड’ में
काम किया। हिंदी में वह मनपसंद फिल्म के इंतजार में रही। आखिरकार उन्हें ‘एयरलिफ्ट’ मिली।
उसके बाद ‘अजहर’ की भी बात
चली,लेकिन किसी वजह से वह उस फिल्म से अलग हो गईं। ‘एयरलिफ्ट’ में
वह अक्षय कुमार के साथ हैं। इस फिल्म के लिए उनके चुनाव में दैनिक जागरण की
अप्रत्यक्ष भूमिका है। दरअसल 2014 के पांचवें जागरण फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन
समारोह में अक्षय कुमार और निम्रत कौर की पहली मुलाकात हुई थी। अक्षय ने कहा था कि
हम साथ काम करेंगे,जबकि निम्रत ने समझा था कि यह महज औपचारिक आश्वासन होगा। अभी
दोनों की फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ रिलीज हो रही
है।
-कैसे आई ‘एयरलिफ्ट’ आपके पास?
0 एयरलिफ्ट मेरे पास 2014 के अंत में आई थी। निखिल आडवाणी ने मुझे कॉल किया। उन्होंने मुझे स्क्रिप्ट
बताई। उन्होंने एक और दिलचस्प बात बताई। उन्होंने कहा कि मेरे दिमाग में एक पोस्टर
है। उसमें अक्षय और निमरत साथ में हैं। मैं तुम दोनों को लेकर उत्साहित हूं। मुझे आप
दोनों के बीच खास केमिस्ट्री दिख रही है। मुझे यह सुन कर बहुत अच्छा लगा था।
-निखिल ने आपके बारे में सोचा। स्क्रिप्ट
में अपने लिए क्या उम्मीद कर रही थीं?
0 सच कहूं तो अक्षय
के साथ काम करना मेरे लिए दिलचस्प था। मेरी दूसरी फिल्म के लिए अलग तरह के हालात थे।
मैं जिस स्पेस से आती हूं, उसे स्वंतत्र सिनेमा कहा जाता है। इस फिल्म का विषय गंभीर
है। मेरी पिछली फिल्म भी गंभीर विषय पर थी। दर्शकों को अगली फिल्म में भी वैसी ही उम्मीद
होती है। यह कहानी हीरो केंद्रित है। एक ही इंसान के ईद-गिर्द घूमती रहती है। मैं उनकी
पत्नी के किरदार में हूं। यह वैसा किरदार नहीं है,जो कहानी में नया मोड़ लाए। फिर
भी उसके अपने संघर्ष हैं,जो मेरे लिए रोचक है। उसे लगता है कि पति हीरो बन रहा है
तो हमारी सुरक्षा दांव पर लगेगीं। फिल्म में धीरे-धीरे उसका दिल बदलता है। दिलचस्प
सफर है मेरा।
-आप के किरदार का नाम क्या है।
0 अमृता कटियाल। पहले किरदार का नाम
कुछ और था। मुझे बताया गया कि पंजाबी कपल है। फिर मैंने यह नाम चुना। मुझे यह नाम पंजाबी
सा लगता है। पहले मेरे किरदार का नाम दिव्या था। मुझे दिव्या पंजाबी नाम नहीं लगता
है। नाम से जुड़ना रोचक होता है। मजे की बात होती है कि मेरे लिए हमेशा अपने किरदार
का नाम जानना दिलचस्प होता है। दूसरे नाम से जब मुझे पुकारा जाता है तो बढ़िया लगता
है। मेरा बस चले तो अपने सारे किरदारों के नाम खुद चुना करूं।
-किस तरह की हाउस वाइफ का किरदार
निभा रही है?
0 मैं पति से असहमत रहती हूं। मैंने
रंजीत कटियाल की एक अलग साइड देखी है। वह बहुत ही मतलबी किस्म के इंसान हैं। अपने काम
को कैसे आगे ले जाने की फिक्र में लगे रहते हैं। कुवैत के बहुत बड़े बिजनेसमैन हैं।
शुरू में रंजीत को ऐसा दिखाया गया है कि वह भारत से जुड़ा हुआ नहीं है। एक हालात उन्हें
देशभक्त बना देती है। इतनी बड़ी घटना को वह खुद संभालता है। अमृता को पहले यकीन
नहीं होता कि वह सचमुच दूसरों के लिए कुछ कर रहे हैं। वह जानना चाहती है कि सच्ची बात
क्या है?
-कितना लंबा और कीमती रहा यह इंतजार? आपके दर्शक आपको पर्दे पर देखना चाहते थे?
0 यह तो फिल्म देखने के बाद पता चलेगा।
अब तक की प्रतिक्रिया अच्छी है। हमें साथ देखकर लोग पसंद कर रहे हैं। अक्षय के साथ
काम करना आपको कहीं और ले जाता है। हमें प्रोमो में पसंद किया जा रहा है,जो उत्साहित
करता है। मेरे हिसाब से इतना इंतजार मैंने नहीं किया । यह जानबूझ कर नहीं होता है।
2014 में मैं होमलैंड
में व्यस्त रही। उसके बाद डेट की समस्या रही। कुछ ना कुछ होता रहा। मैं फिल्में
नहीं कर पाई।
-निम्रत इस वक्त करियर में क्या करना
चाहती है?
0 मैं नहीं जानती कि किस तरह की फिल्म
करना चाहती हूं। कुछ भी ऐसा,जिसे करने पर क्रिएटिव मजा आए। वह कमर्शियल भी हो सकता
है। या कुछ और। कुछ ऐसा जो मैंने कभी नहीं किया हो। जैसे कि कॉमेडी। एक बेहतरीन फन
मस्ती वाली फिल्म। हां, तो मैं
निजी तौर पर मस्ती वाला काम करना चाहती हूं।
-अक्षय कुमार के साथ कैसा अनुभव
रहा?
0 अक्षय से मेरा मिलना
जागरण फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। हम स्टेज पर साथ
बैठे हुए थे। उस दिन उनसे एक अनौपचारिक वाइब आ रही थी। वह अपने स्टारडम को लेकर बचाव
में रहते हैं। वह ऐसा सोचते हैं कि उन तक पहुंचना दूसरे व्यक्ति के लिए मुश्किल ना
हो। वह इसके लिए मिलने के थोड़ी देर बाद कुछ कर देते हैं,जिस से आपको समझ में आ जाए
कि उनसे बात करना आसान है। हम उस दिन लिफ्ट में साथ में नीचे आए थे। हंसी-मजाक कर रहे
थे। उन्होंने बड़े प्यार से बात की थी। उन्होंने लंचबाक्स भी देखी थी। अच्छी मुलाकात
रही। उसके बाद फिल्म फाइनल होने के बाद हम मिले। उनका सेंस ऑफ हयूमर गजब का है। हम
पंजाबी में बातें करते हैं। मातृभाषा में किसी से बात करना हमेशा सुखद होता है। वह
खरी पंजाबी बोलते हैं।
-कभी ऐसा हुआ कि आपने उन्हें मुश्किल
हालात में डाल दिया हो।
0 जी नहीं। ऐसा मौका नहीं मिला।
- राजा मेनन कैसे निर्देशक हैं? मैंने उनकी काफी तारीफ सुनी है?।
0 हां। वह अच्छे इंसान हैं। वह बहुत
कॉफी पीते हैंं। हर वक्त ब्लैक कॉफी पीते रहते हैं। उनका सहज ज्ञान और निरीक्षण बढ़िया
है। यह उनकी यूए पी है। वह जान लेते हैं कि सामने वाला क्या सोच रहा है। वह कई बार
मुझे बॉडी कंट्रोल करना बता देते थे। यहां पर यह पार्ट कंट्रोल करके देखे।
-होमलैंड की कैसी प्रतिक्रिया रही? मुझे लगता है कि आप हो या इर फान या
प्रियंका चोपड़ा...आप सभी को यथोचित सम्मान अपने देश में नहीं मिला,जबकि आप तीनों
ने विदेशों में जगह बनाई।
0 हां सर यह इसलिए है कि भारतीय दर्शक
क्वांटिको और होमलैंड के बारे में नहीं जानता। लोग हमें और वहां के हमारे काम को नहीं
जानते। उनके लिए हमारे काम का कोई मायने नहीं है। मैं प्रेस मीट में जाती हूं। वहां
पर बी होमलैंड का जिक्र नहीं होता है। मुझे बुरा नहीं लगता।
-यह सवाल इसलिए भी बनता है कि आप
तीनों आउटसाइडर हैं। आप तीनों ने बाहर से आकर अपना मुकाम बनाया है।
0 सच कहूं तो मैं अपने आप को दूर
ही रखती हूं। मैं कभी अंदर घुसने की कोशिश नहीं करती हूं। साइड में अपना काम करती रहती
हूं। वह मेरे लिए फायदेमंद होगा या नहीं,पता नहीं?
Comments