रोम रोम में बसने वाले राम से रोम रोम रोमांटिक तक



हाल ही में 'मस्‍तीजादे' फिल्‍म का एक गाना 'रोम रोम रोमांटिक' रिलीज हुआ है। इसे मनोज  मुंतशिर ने लिखा है। मीका सिंह और अमाल मलिक के गाए इस गीत का संगीत अमाल मलिक ने ही तैयार किया है।

आज से 47 साल पहले 1968 में आई 'नीलकमल' में एक गीत था ' हे रोम रोम में बसने वाले राम'। आशा भोंसले के गाए उस गीत को साहिर लुधियानवी ने लिखा था और उसका संगीत रवि ने तैयार किया  था।

दोनों गीतों में 'रोम रोम' की समानता ने मेरा ध्‍यान खींचा। मैं इसे पतन या उत्‍थान की नजर से नहीं देख रहा हूं। दोनों को यहां पेश करने का उद्देश्‍य मात्र इतना है कि हम गीत-संगीत की इस जर्नी पर गौर करें। दोनों गीतों के बोल और वीडियो भी पेश हैं।

हे रोम रोम में बसने वाले राम
हे रोम रोम में बसनेवाले राम
जगत के स्वामी, हे अंतर्यामी, मैं तुझसे क्या माँगू 

आस का बंधन तोड़ चूकी हूँ 
तुझपर सबकुछ छोड़ चूकी हूँ 
नाथ मेरे मैं क्यो कुछ सोचू, तू जाने तेरा काम

तेरे चरण की धूल जो पाये 
वो कंकर हीरा हो जाये 
भाग मेरे जो मैने पाया, इन चरणों में धाम

भेद तेरा कोई क्या पहचाने
जो तुझसा हो, वो तुझे जाने
तेरे किये को हम क्या देवे, भले बुरे का नाम

गीतकार : साहिर लुधियानवी, गायक : आशा भोसले, संगीतकार : रवी, चित्रपट : नीलकमल (१९६८) /


Rom Rom Romantic Lyrics

Skirt uthake tune kar diya dil ko
dynamite dynamite..
Ho skirt uthake tune kar diya dil ko
dynamite dynamite..
Arey fuk fuk fakeera na ishq hua hai
Overnight (Overnight)

Mujhe blue blue sapne aate hain
Aur tickle karke jaate hain
Tere pyaar ka hi saara magic hai
Jo mera rom rom romantic hai
Rom rom romantic hai
Rom rom rom mera rom rom romantic hai

Rom rom romantic hai
Rom rom romantic hai
Rom rom rom mera rom rom romantic hai

Aage se bhi.. piche se bhi..
Tu toh har angle se juicy hai yar
Aage se bhi.. piche se bhi
Tu toh har angle se juicy hai yar

Rocket mera ready baby
Aaja le jaaun tujhe taaron ke paar
Deedar tera hote hi
Jal jaaye andhere mein bhi
Candle yeh mera automatic hai

Mera rom rom romantic hai
Rom rom romantic hai
Rom rom rom mera rom rom romantic hai

Comments

वक्त बदल रहा है ...रोम रोम से कुछ और झलकने लगा है ...हाय रे ज़माना
सोच का छिछोरापन झलक रहा है

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

सिनेमालोक : साहित्य से परहेज है हिंदी फिल्मों को