पंख पसारना चाहती हूं - प्रियंका चोपड़ा
-अजय ब्रह्मात्मज
प्रियंका चोपड़ा संजय लीला भंसाली की ‘बाजीराव मस्तानी’ में काशीबाई की भूमिका निभा
रही हैं। अमेरिकी टीवी शो ‘क्वैंटिको’ की शूटिंग की व्यस्तता के कारण इस फिल्म के प्रमोशन में
उनकी सीमित सक्रियता है। फिर भी मांट्रियल से उन्होंने दैनिक जागरण के अजय
ब्रह्मात्मज से बात की।
-पहला सवाल तो यही कि काशीबाई की भूमिका कैसे मिली ?
0 मैं दार्जीलिंग में ‘मैरी
कॉम’ की शूटिंग कर रही थी। वहीं संजय सर
का संदेश मिला कि वे मिलना चाहते हैं। उनके लेखक प्रकाश भाई ने मुझे नैरेशन दिया।
मुझे काशीबाई का किरदार इसलिए अच्छा लगा कि उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है। बाजीराव और मस्तानी के बारे में सभी
जानते हैं। किसी ने सोचा ही नहीं कि काशी का क्या हुआ? मेरे पास कोई रेफरेंस पाइंट नहीं था कि उनके दिल पर क्या
बीती होगी? उनके बारे में रहस्य बना हुआ है।
-किस तरह का रहस्य है?
0 बाजीराव के बारे में सभी
जानते हैं कि वह अराजेय योद्धा था। मस्तानी की प्रेमकहानी भी लोग जानते हैं।
बाजीराव घर तो आते होंगे। तब क्या होता था? उनकी पर्सनल लाइफ कैसी थी?
संजय सर ने काशीबाई
को अपनी कल्पना से गढ़ा है।
-हिंदी में हिस्टोरिकल फिल्में कम बनी हैं। इस फिल्म
के साथ आप के पास भी ‘मुगलेआजम’ जैसी एक फिल्म हो गई?
0 यह तो दर्शक तय करेंगे। फिर
भी यह संजय सर की एपिक फिल्म है। आप ने जिस फिल्म का नाम लिया,वह तो हिंदी फिल्म
की पहचान है। मैं यही उम्मीद करूंगी कि दर्शक इसे पसंद करें। 18 दिसंबर को पता चल
जाएगा। मेरा कुछ कहना ‘अपने मुंह मियां मिट्ठू होना’ होगा। मेरी इच्छा थी कि एक हिस्टोरिकल फिल्म करूं। मेरे
लिए यह किरदार याद रहेगा। हालांकि मुख्य कहानी बाजीराव और मस्तानी की है,लेकिन
संजय सर की फिल्मों में हर किरदार दमदार होता है। वे अपने किरदारों को बारीकी से
गढ़ते हें।
-इस फिल्म की तैयारी के लिए कुछ खास करना पड़ा क्या?
0 मराठी सीखनी पड़ी। इस फिल्म
में आज की मराठी नहीं है। इसके पहले ‘कमीने’ में मैंने मराठी में संवाद बोले थे,लेकिन उसमें आज की भाषा थी।
और फिर साड़ी पहनने का अभ्यास करना पड़ा। 11 गज की साड़ी पहनना और उसे संभालना
आसान नहीं था। मेरे लिए यह टाइम ट्रैवेल की तरह था। काशी साधारण औरत थी। उसका काम घर
संभालना और पति का इंतजार करना था...उस किरदार को प्रतिष्ठा दी गई है। जब बाजीराव
के व्यवहार से उसका दिल टूटता है,तब की उसकी प्रतिक्रियाएं जाहिर करना... क्योंकि
मैं आज की लड़की हूं। अगर मेरे पति को किसी और से प्यार हो जाए तो मैं उस रिश्ते
में रहना पसंद नहीं करूंगी। काशी के सामने कोई विकल्प नहीं था। उस स्थिति में
अपने पति के साथ उसका क्या संबंध रहता है?
मेरे लिए यह
इंटरेस्टिंग रहा।
-बाजीराव ने तो मस्तानी से मोहब्बत की थी,ऐय्याशी
नहीं। फिर काशीबाई के साथ क्या किया था?
0 यह तो बाजीराव से पूछना
पड़ेगा या संजय सर बताएंगे। यह अच्छा सवाल है। मेरी जानकारी में दोनों की बचपन
में शादी हो गई थी। बाजीराव ने उसका गुरूर छीन लिया था।
-मैंने अभी ‘जय गंगाजल’ का ट्रेलर देखा और आप को देख कर दंग रह गया। पुसि अधिकारी की
जबरदस्त भूमिका में हैं आप...
0 कोशिश रहती है कि अलग-अलग भूमिकाएं करूं। एक जैसे
रोल से मैं ही बोर हो जाती हूं,फिर आडिएंस क्यो नहीं होगी। प्रकाश झा ने मुझे
बेहतरीन मोका दिया।
- आप के बारे में यहां बहस गर्म है कि अब आप अमेरिका
में ही रहेंगी और हालीवुड पर ध्यान देंगी। आप क्या सोचती है ?
0 ऐसी बहस क्यो चलती है। मैं
21 वीं सदी की लड़की हूं। मैं दोनों इंडस्ट्री में करिअर संभाल सकती हूं। अभी फोन
और प्लेन से दूरियां कम हो गई हैं। जब जहां काम मिले,वहां काम करना चाहिए। मैं दो
देशों में क्यों नहीं करिअर संभाल सकती? अभी तक तो सब ठीक चल रहा
है। कोशिश करूंगी कि मैं अपने पंख पसार सकूं। हिंदी और हालीवुड के काम पर समान ध्यान
दूंगी और किसी को नेगलेक्ट नहीं करूंगी। मैं यह साबित करूंगी कि मैं दोनों करिअर
निभा सकती हूं। एक चीज तो तय है कि मेरी पहचान हिंदी फिल्मों से है। मैं उसे किसी
हाल में नहीं छोड़ूंगी। इंटरनेशनल पहचान के बाद भी हिंदी की मूल पहचान बरकरार
रखूंगी। मुझे हिंदी फिल्मों से प्यार है। हम जो करते हैं,वैसा कोई नहीं करता।
-ऐसी व्यस्तता के बीच क्या पर्सनल लाइफ के लिए समय
मिल पाता है?
0 व्यस्त होने का मतलब यह
नहीं है कि मेरी पर्सनल लाइफ नहीं है। मैं अपनी पर्सनल लाइफ को निजी ही रखती हूं।
आम लड़कियों की तरह मौज-मस्ती करती हूं। मैं पब्लिक पर्सन हूं,लेकिन मेरी अपनी
जिंदगी भी है न ? मेरा सवाल है कि अगर एक मर्द अपने
करिअर और पर्सनल लाइफ में संतुलन बिठा सकता है तो एक औरत क्यों नहीं कर सकती। अगर
मर्द 70 साल की उम्र तक काम कर सकते हैं तो औरत क्यों न करे? आप काजोल और ऐश्वर्या को देख लें। दर्शक उन्हें देखना पसंद
कर रहे हैं। अभी से उम्र के बारे में क्यों सोचूं? आजकल
की लड़कियां दिखा रही हैं। आप काजोल को देखें या ऐश्वर्या को देखें। उन्हें फिल्में
मिल रही हैं। मुझे पता नहीं कि मेरा करिअर कितना लंबा होगा? मैं कब तक काम करूंगी या क्या होगा? अभी तक दर्शकों ने मुझे बहुत प्यार दिया है। मैं उसी पर
फोकस करूंगी और खुश रहूंगी। मैं क्यों डरूं कि मैं अब 30-32 की हो गई। अब मेरा
करिअर खत्म हो जाएगा। हम अपने दर्शकों के इंटेलिजेंस को कमतर क्यों मानते हैं? वे टैलेंट पहचानते हैं।
-आलोचना और सवालों के बावजूद आप बेधड़क आगे बढ़ रही
हैं।
0 आप मुझे पसंद या नापसंद करें,लेकिन आप मुझे इग्नोर
नहीं कर सकते। मेरे काम को इग्नोर नहीं कर सकते। मैं बहुत ईमानदारी के साथ काम
करती हूं। मेरा काम बहुत स्प्रिचुअल है मेरे लिए। सेट पर जाती हूं तो मैं ध्यान
लगाती हूं। मैंने किसी उम्मीद या एजेंडा के साथ कोई काम नहीं किया है। मेरे लिए
यह पूजा है। मेरे करिअर ने ी मुझे सब कुछ दिया है। मुझे पहचान दी है। मुझे वह स्टैंडिंग
और विश्वास दिया है कि मैं कंधे से कंधा मिला कर किसी के भी साथ अपने देश में या
विदेश में चल सकती हूं। मैं यह कभी नहीं भूलती।
- ‘क्वैंटिको’ का अनुभव कैसा रहा?सुना है उसे एक्सटेंशन मिल
गया है।
0 रिव्यू बहुत अच्छे आए हैं। यह चर्चित और पसंदीदा
शो बन गया है। हमें एक्सटेंशन मिल गया है। पहले 13 एपीशेड था। फिर 19 और अब 22
एपीशेड आएंगे। मुझे पीपल्स च्वॉयस अवार्ड के लिए पहला नोमिनेशन भी मिला है। 6
जनवरी को यह कार्यक्रम होगा। पहले साल में नोमिनेशन मिलना ही काफी है। अगर मैं सभी
की पसंद बनी तो अवार्ड भी मिल सकता है। दूसरे देश में मुझे इज्जत बख्शी गई है।
मैं गर्व से कहती हूं कि मैंने जो कुछ भी सीखा है,वह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से
ही सीखा है। ‘क्वैंटिको’ बेहद सफल रहा है। एक भारतीय लड़की किसी और देश में एक टीवी
शो को हेडलाइन करना,स्वीकृति और इज्जत मिलना बड़ी बात है। सेट पर आती हूं तो
मेरे डायरेक्टर और को-एक्टर,एयरपोर्ट पर सिक्युरिटी वालों का प्यार मिलता है।
इतना प्यार नवाजा जाता है तो बहुत अच्छा लगता है।
-आप की व्यक्तिगत उपलब्धियों ही देश की उपलब्धियां बन
गई हैं। आप भारत की प्रतिनिधि हैं। गर्व महसूस होने के साथ अच्छा भी लगता होगा।
0 निश्चित ही...मैं मिस वर्ल्ड बनी थी तब लोगों ने
कहा था कि तुम देश का प्रतिनिधित्व कर रही हो और अब भीी ऐसा कह रहे हैं। 15 साल
के बाद फिर से ऐसा मौका आया है। मैं तो चाहूंगी कि अपना बेस्ट दे सकूं। खुद गर्व
करूं और देश भी गर्व करे।
-भारत में भविष्य की क्या योजनाएं हैं?क्या कोई नई फिल्म साइन की है?
0 मेरा वक्त पसर गया है। ‘क्वैंटिको’ हिट हो गया है। उसे एक्सटेंशन
मिल गया है। अगले साल तक कोई लीड नहीं कर पाऊंगी। अभी तीन-चार फिल्मों के ऑफर
हैं। थोड़ा रुक कर फैसला करूंगी।
-आज ही दिलीप कुमार का जन्मदिन है। उनके बारे में कुछ
बताएं?
0 दिलीप साहब के साथ करिअर की शुरुआत में एक फिल्म कर
रही थी। वह फिल्म बनी नहीं। मैंने पहला शॉट उन्हीं के साथ दिया था। मैं अपने आप
को लकी समझती हूं कि उनकी लिगेसी को आगे बढ़ा रही हूं। उनके आर्शीवाद से मेरा
करिअर इस मुकाम तक पहुंचा और सफल रहा है। मैं उनके बंगले में कई बार जा चुकी हूं।
दिलीप कुमार सुपर स्टार होने के सबसे बड़े उदाहरण हैं। मैं उस पीढ़ी की हूं,जिसने
दिलीप साहब के साथ वक्त गुजारा,उन्हें छ़ुआ और उनकी जिंदगी से जुड़ सकी।
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