नए चेहरों और एक्शन से सजी ‘स्पेक्टर’
-अजय ब्रह्मात्मज
जेम्स बांड सीरिज की 24 वीं फिल्म ‘स्पेक्टर’ कल रिलीज हो रही है। अास्ट्रिया, इटली और इंग्लैंड के विभिन्न शहरों की
शूटिंग के बाद ‘स्पेक्टर’ के ओपनिंग सीन की शूटिंग मेक्सिको सिटी में
की गई। दैनिक जागरण के अजय ब्रह्मात्मज ओपनिंग सीन की शूटिंग के दौरान फिल्म
यूनिट के विशेष निमंत्रण पर मेक्सिको सिटी में थे। वहीं उनकी मुलाकात निर्देशक सैम
मेंडेस और मुख्य कलाकारों डेनियल क्रेग,क्रिस्टोफ वाल्ट्ज,ली सेडेक्स से हुई।
जेम्स
बांड सीरिज की ताजा फिल्म ‘ स्पेक्टर’ की ओपनिंग सीन की शूटिंग के साथ उसके कलाकारों से मुलाकात का
निमंत्रण ही उत्साह के लिए काफी था। वाया न्यूयार्क मेक्सिको सिटी पहुंचने पर सबसे
पहले इस शहर की ज्यामितीक संरचना ने प्रभावित किया। मेक्सिको सिटी एक साथ नए और पुराने
को समेटते हुए विकसित हुआ है। शहर की पुरानी इमारतें सदियों पुरानी सभ्यता का अहसास
देती हैं। साथ ही आधुनिकता के साथ कदम मिला कर चल रहा यह शहर दुनिया के किसी अन्य
विकसित शहर की तरह सभी सुविधाओं से संपन्न है। अमेरिका के करीब स्थित मेक्सिको अपनी
पृथक पहचान के साथ कायम है। यह भिन्नता शहर के चप्पे-चप्पे और बाशिंदों के बात-व्यवहार
में नजर आई।
निर्माता
माइकल विल्सन ने ओपनिंग सीन के लिए मेक्सिको सिटी के चुनाव के बारे में बताया,’ हमें अपनी फिल्म की
थीम और भव्यता के मुताबिक ऐसे माहौल की जरूरत थी।ओपनिंग सीन ही दर्शकों को चौंकाने
के साथ बांधती और फिल्म से जोड़ती है। मेक्सिको सिटी में ‘डे ऑफ डेड’ का सेलिब्रेशन बड़े
पैमाने पर होता है। हम ने अपनी फिल्म की ओपनिंग सीन के लिए 1500 जूनियर कलाकारों के
साथ इसे क्रिएट किया।‘ मेक्सिको में
नवंबर महीने के दो दिनों के इस आयोजन में मर चुके पूर्वजों और पितरों को याद किया जाता
है। परिवार के सदस्य जगराता करते हैं और पितरों की याद में उत्सव मनाते हैं। ‘स्पेक्टर’ की टीम ने मार्च महीने
में ‘डे ऑफ डेड’ के उत्सवी माहौल को
मेक्सिको सिटी के मुख्य स्क्वायर जुकोला में रीक्रिएट किया। ऐतिहासिक इमारतों से
घिरे इस स्क्वायर को शूटिंग के लिए घेर दिया गया था। पास के ऐतिहासक ग्रैन होटल में
प्रोडक्शन और मेकअप की टीम जुटी हुई थी। 1500 जूनियर कलाकारों के कोआर्डिनेश्न और
उनके साथ जेम्स बांड के एक्शन का फिल्मांकन दिक्कतों से भरा काम था। हिंदी फिल्मों
की ऐसी शूटिंग में माहौल में तनाव और शोर रहता है। ‘स्पेक्टर’ की टीम ने इसे बगैर शोर-शराबे के सुनियोजित
तरीके से किया।
फिल्म के प्रोडक्शन डिजायनर डेनिस गैशनर की चुनौती बड़ी थी। उन्हें निश्चित दिनों में ही ओपनिंग सिक्वेंस के फिल्मांकन की सुविधाएं जुटानी थीं।फिल्म के निर्देशक अपनी टीम के साथ इस सिक्वेंस की कोरियोग्राफी कर चुके थे। एक्शन टीम के सहयोग से उन्हें मालूम था कि कब किस एक्शन का निर्देश देना है। स्क्वायर की एक सड़क पर पारंपरिक कॉस्ट्यूम और मास्क में जूनियर कलाकरों की कतार थी। स्क्वायर के बीच में खड़े किए गए मंच पर करतब और कलाबाजी चल रही थी। सीन के मुताबिक फिल्म का विलेन जेम्स बांड की पकड़ में आने से बचने के लिए इस भीड़ में भागता है। एक्शन दृश्य के लिए हेलीकाप्टर भी लाया गया था। जेम्स बांड अपने खास अंदाज में हेलीकाप्टर पर खुले आकाश में एक्शन करने के बाद जंप मारते हैं1 वे विलेन का पीछा करते हैं। निर्देशक सैम मेंडेस ने बताया,’ हम ने सीन की जरूरत के मुताबिक फ्लोट और मैक्वेट भी बनवाए। सभी जूनियर कलाकारों के मेकअप,मास्क और कॉस्ट्यूम पर विशेष ध्यान दिया गया। हम ने इस त्योहार की रंगीन और समृद्ध परंपरा का निर्वाह किया। हमारी कोशिश है कि ओपनिंग सीन में ही दर्शक सब भूल कर जेम्स बांड के कारनामों के प्रति उत्सुक हो जाएं।‘
फिल्म के प्रोडक्शन डिजायनर डेनिस गैशनर की चुनौती बड़ी थी। उन्हें निश्चित दिनों में ही ओपनिंग सिक्वेंस के फिल्मांकन की सुविधाएं जुटानी थीं।फिल्म के निर्देशक अपनी टीम के साथ इस सिक्वेंस की कोरियोग्राफी कर चुके थे। एक्शन टीम के सहयोग से उन्हें मालूम था कि कब किस एक्शन का निर्देश देना है। स्क्वायर की एक सड़क पर पारंपरिक कॉस्ट्यूम और मास्क में जूनियर कलाकरों की कतार थी। स्क्वायर के बीच में खड़े किए गए मंच पर करतब और कलाबाजी चल रही थी। सीन के मुताबिक फिल्म का विलेन जेम्स बांड की पकड़ में आने से बचने के लिए इस भीड़ में भागता है। एक्शन दृश्य के लिए हेलीकाप्टर भी लाया गया था। जेम्स बांड अपने खास अंदाज में हेलीकाप्टर पर खुले आकाश में एक्शन करने के बाद जंप मारते हैं1 वे विलेन का पीछा करते हैं। निर्देशक सैम मेंडेस ने बताया,’ हम ने सीन की जरूरत के मुताबिक फ्लोट और मैक्वेट भी बनवाए। सभी जूनियर कलाकारों के मेकअप,मास्क और कॉस्ट्यूम पर विशेष ध्यान दिया गया। हम ने इस त्योहार की रंगीन और समृद्ध परंपरा का निर्वाह किया। हमारी कोशिश है कि ओपनिंग सीन में ही दर्शक सब भूल कर जेम्स बांड के कारनामों के प्रति उत्सुक हो जाएं।‘
अगले दिन फिल्म के कलाकारों से मिलना तय था। डेनियल क्रेग,क्रिस्टोफ वाल्ट्ज और ली सेडेक्स से मिलना था। डेनियल क्रेग चौथी बार जेम्स बांड की भूमिका निभा रहे हैं। शुरू में खबर थी कि ‘स्पेक्टर‘ में जेम्स बांड की भूमिका किसी नए कलाकार को दी जाएगी। निर्देशक सैम मेंडेस और डेनियल क्रेग की जोड़ी बरकरार रही। इस बार क्या खास है ? डेनियल क्रेग ने बताया,’ सैम से इस पर बात हुई थी। हम ने तय किया था कि ‘स्पेक्टर’ में ‘स्काईफॉल’ से सब कुछ बड़ा होगा। स्टंट,एक्शन और सभी डिपार्टमेंट में पहले से आगे जाना है। ‘स्पेक्टर’ एक बड़ा सेलिब्रेशन है। अभी तक की बांड फिल्मों से अधिक आकर्षक और भव्य।‘ डेनियल को अफसोस था कि वे ‘स्काईफॉल’ की शूटिंग भारत में नहीं कर पाए थे। उस फिल्म के ट्रेन सिक्वेंस की शूटिंग भारत में होनी थी। प्रशासिनक दिक्कतों से क्लियरेंस न मिलने की वजह से वह शूटिंग किसी और देश में हुई थी। डेनियल क्रेग ने उम्मीद जतायी,’ नेवर माइंड,मैं किसी और फिल्म की शूटिंग के लिए आऊंगा। भारत मुझे प्रिय है। मैं केरल और गोवा जा चुका हूं।‘ यह पूछने पर कि अगर कोई भारतीय कलाकार जेम्स बांड की भूमिका निभाए तो ? उन्होंने कहा,’अगर रोल में शूट करेगा तो क्यों नहीं ?’
क्रिस्टोफ वाल्ट्ज ने ‘स्पेक्टर’ में विलेन की भूमिका
निभाई है। इस बातचीत के समय उनकी बेटी भारत की यात्रा पर थीं। बेटी ने कुछ तस्वीरें
भेजी थीं भारत से। वे उन्हें देख कर मुग्ध थे। क्रिस्टोफ वाल्ट्ज थिएटर के अभिनेता
है। उन्होंने लंबे समय तक टीवी के लिए काम किया। लगभग 30 सालों के करिअर के बाद उन्होंने
‘इनग्लोरियस बास्टर्ड’ से दस्तक दी और पहली
ही फिल्म में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का 2009 का ऑस्कर अवार्ड ले गए। उन्हें
2012 में भी इसी श्रेणी का दूसरा पुरस्कार मिला। क्या जेम्स बांड सीरिज के फिल्म
करने में उन्हें कोई संकोच नहीं हुआ ? उनका जवाब था,’ क्यों हो? क्या यह कोई मामूली फिल्म है। इसके साथ अनेक टैलेंट
जुड़े हैं। मेरे लिए जेम्स बांड भी एक तरह से थिएटर का ही विस्तार है,इसमें माडर्न
मायथोलिजी कही जा रही है। इसकी प्रस्तुति में गजब की नाटकीयता रहती है। मैं इसमें
फ्रैंज ओबरहाउजर का किरदार निभा रहा हूं।‘ क्रिस्टोफ को देर से सफलता मिली,लेकिन उन्होंने ‘देर आयद ,दुरुस्त आयद’ का मुहावरा चरितार्थ
किया। अपनी स्वीकृति और सम्मान पर उन्होंने कहा,’ अच्छा लगता है,लेकिन मैंने इसकी कीमत अदा की
है। मैंने मेहनत की है। मुझे जो मिला,उसका मैं हकदार हूं।‘
फ्रांस की अभिनेत्री ली सेडेक्स लेस्बियन फिल्म ‘ब्लू इज द वार्मेस्ट कलर’ से इंटरनेशनल पहचान मिली। उम्मीद की जा रही है कि ‘स्पेक्टर’ से उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी और हालीवुड की फिल्मों में मांग भी। ‘स्पेक्टर’ के निर्देशक सैम मेंडेस ने उनसे स्पष्ट कहा था कि फिल्म के हीरो तो जेम्स बांड हैं,लेकिन जब आप पर्दे पर आएंगी तो उसका इंपैक्ट दर्शक महसूस करें। ली सेडेक्स ने निर्देशक की अपेक्षाओं पर खरी उतरने की कोशिश की है। ली सेडेक्स ने कहा,’ मुझे ब्रिटेन और हालीवुड की फिल्मों में काम करना अच्छा लगता है। वहां बहुत सीखने को मिलता है। मेरी कोशिश है कि दर्शक मुझे मेरी भूमिकाओं में याद रखें। अगर हर फिल्म में मैं ली सेडेक्स ही दिखूंगी तो फिर अभिनय कैसा ?’ एक पत्रकार ने उनसे उनके प्रेमी के बारे में पूछा,’क्या वह भी मेक्सिको सिटी आए हैं? भारतीय अभिनेत्रियों की तरह बिफरने के बजाए ली सेडेक्स ने टेबल के नीचे झांका और पूछा,’ कहीं वह टेबल के नीचे तो नहीं छिप कर बैठे हैं ?’
फ्रांस की अभिनेत्री ली सेडेक्स लेस्बियन फिल्म ‘ब्लू इज द वार्मेस्ट कलर’ से इंटरनेशनल पहचान मिली। उम्मीद की जा रही है कि ‘स्पेक्टर’ से उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी और हालीवुड की फिल्मों में मांग भी। ‘स्पेक्टर’ के निर्देशक सैम मेंडेस ने उनसे स्पष्ट कहा था कि फिल्म के हीरो तो जेम्स बांड हैं,लेकिन जब आप पर्दे पर आएंगी तो उसका इंपैक्ट दर्शक महसूस करें। ली सेडेक्स ने निर्देशक की अपेक्षाओं पर खरी उतरने की कोशिश की है। ली सेडेक्स ने कहा,’ मुझे ब्रिटेन और हालीवुड की फिल्मों में काम करना अच्छा लगता है। वहां बहुत सीखने को मिलता है। मेरी कोशिश है कि दर्शक मुझे मेरी भूमिकाओं में याद रखें। अगर हर फिल्म में मैं ली सेडेक्स ही दिखूंगी तो फिर अभिनय कैसा ?’ एक पत्रकार ने उनसे उनके प्रेमी के बारे में पूछा,’क्या वह भी मेक्सिको सिटी आए हैं? भारतीय अभिनेत्रियों की तरह बिफरने के बजाए ली सेडेक्स ने टेबल के नीचे झांका और पूछा,’ कहीं वह टेबल के नीचे तो नहीं छिप कर बैठे हैं ?’
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