सादगी ने फिल्म दिला दी - सोनम कपूर
मुझ जैसी ही है मैथिली-सोनम कपूर
-अजय ब्रह्मात्मज
सोनम कपूर
के लिए वह ‘प्राउड मोमेंट’ था। ‘रांझणा’ की रिलीज के एक हफ्ते बाद सूरज बड़जात्या का फोन आया। उन्होंने
फिल्म में सोनम के काम की तारीफ की और अपनी फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ के बारे में बताया। उन्होंने
साफ कहा कि मुझे इस फिल्म में मुझे आप के साथ काम करना है। सूरज बड़जात्या ने
अपने प्रेम यानी सलमान खान को सोनम के बारे में बता दिया था। तब सलमान खान ने ही
कहा था कि एक बार बात कर लें। मैंने सोनम के पिता अनिल कपूर के साथ काम किया है।
कहीं उसे कोई हिचक न हो। सोनम बताती हैं,’ मैंने सूरज सर से कहा कि
सलमान मेरे पिता के कंटेम्पररी नहीं हैं। और उन्होंने मुझ से दो साल छोटी
सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम किया है। फिर प्राब्लम क्या है ? ‘ सूरज बड़जात्या ने सोनम से कहा,’ यह पूरी तरह से रोमांटिक फिल्म है। इसी वजह से वे थोड़ा
झिझक रहे हैं। कम उम्र की हीरोइनों के साथ उनकी फिल्में रोमांस-रोमांस वाली फिल्में
नहीं रही हैं। लेकिन मेरी फिल्म के लिए आप ही उपयुक्त हो।‘ बाद में सलमान खान ने पूरी स्क्रिप्ट सुनी तो माना कि
मैथिली की भूमिका में और कोई नहीं जंचेगी।
बहरहाल,सोनम
को जुलाई में फोन आया और उन्होंने अगले साल फरवरी में फिल्म साइन की। उसी साल
जून में शूटिंग आरंभ हुई। इस बीच ‘प्रेम रतन धन पायो’ में सलमान के साथ अन्य हीरोइनों के नाम उछलते रहे। सोनम ‘खूबसूरत’ और ‘डॉली की डोली’ की शूटिंग में व्यस्त
रहीं। इस संबंध में पूछने पर सोनम कहती हैं,’ मैं भी पढ़ती और सुनती थी।
हंसी आती थी। लेकिन क्या कर सकते हैं? अपनी इंडस्ट्री ही ऐसी है।
मुझे कोई असुरक्षा नहीं थी,क्योंकि साइन करने के पहले से मालूम था कि मुझ ही यह
फिल्म मिली है।‘ ‘प्रेम
रतन धन पायो’ राजश्री और सूरज बड़जात्या के
मिजाज की फिल्म है। उनकी फिल्मों खास किस्म की सादगी और ईमानदारी रहती है। सोनम
अपने चुने जाने की वजह शेयर करती हैं,’ सूरज जी ने मुझे बताया कि
वे मेरे ऑफ स्क्रीन इमेज से बहुत प्रभावित थे। मैं जैसे पेश आती हूं या पब्लिक मे
जिस डिग्निटी में दिखती हूं,उसमें उन्हें भारतीय संस्कृति की झलक मिली। आप की
भाषा साफ है। उन्हें मेरी यह बात भी पसंद है कि मैं अपनी पर्सनल लाइफ को बिल्कुल
अलग रखती हूं। पिता और परिवार के साथ मेरे संबंध के बारे में भी उन्होंने बताया
कि आपकी सार्वजनिक छवि में माडर्न और ट्रैडिशन का सुदर मेल है। मुझे फिल्म में
ऐसी ही लड़की चाहिए। मैथिली शर्मीली नहीं है। वह अपनी बात रखना जानती है। बाद में
सलमान ने मुझे बताया कि सूरज जी ने मुझे सोच कर ही कैरेक्टर गढ़ा था।‘ वास्तव में किसी एक्टर के लिए यह बड़ी उपलब्धि होती है कि
डायरेक्टर उसे ध्यान में रख कर कैरेक्टर और स्क्रिप्ट लिखे। सोनम बताती हैं,’ मैंने जब सूरज जी से पूछा कि मुझे क्या करना है या कैसे बोलना
है तो उनका एक ही जवाब होता था-बी योरसेल्फ। उन्होंने मुझे कपड़ों के केवल रंग
बता दिए थे और कहा था कि आप देख लो कि आप को क्या पहनना है?’
किसी और एक्टर
की तरह ही सोनम कपूर भी फिल्म की कहानी और ट्रीटमेंट के विस्तार में नहीं जाना
चाहतीं। उनके अनुसार,’ यह आज की प्रेमकहानी है।
परिवारों में अब पहले जैसी एका नहीं रही। इन दिनों भाई-बहनों और रिश्तों में अनेक
गलतफहमियां होती हैं। पहले उन्हें सुलझा लिया जाता था। अभी स्थितियां बदल गई हैं।
इस फिल्म में थोड़ा डिस्टर्ब रोमांस है। फिलम में प्रेम कहता है कि तुम मुझे
बताओ कि क्या दिक्कत है। तुम चुप रहोगी। उदास हो जाओगी। सिसकोगी। फिर मैं कैसे
समझूंगा। यह फिल्म गलतफहमियों के बारे में भी है। परिवार पर पूरा जोर है। आखिर
में में परिवार ही साथ खड़ा रहता है।‘
समकालीन सभी
बड़े निर्देशकों के साथ काम कर चुकी सोनम के लिए सूरज बड़जात्या के साथ काम करना
एक नया अनुभव रहा। सोनम उनकी तारीफ करती हैं,’ फिल्म साइन करते ही मुझे
स्क्रिप्ट मिल गई थी। उस स्क्रिप्ट में केवल दो-चार संवाद ही बदले गए हैं। शॉट
डिवीजन तक वही रहे। हम ने क्लाइमेक्स से शूटिंग आरंभ की और फर्स्ट शॉट से फिल्म
खत्म की। हुआ यू कि प्रेम लीला गाने से शूटिंग आरंभ हुई और क्लाइमेक्स उसी सेट
पर करना था।‘ इमोशन का उल्टी दिशा में लकर चलने
में कठिनाई तो होती होगी? सोनम ना कहती हैं,’ अगर स्क्रिप्ट सही हो और डायरेक्टर को सब मालूम हो तो कोई
दिक्कत नहीं होगी। मैं बहुत होम वर्क करती हूं। सब लिख लेती हूं। डायरेक्टर से
खूब पूछती हूं। फिर सब समझ में आ जाता है। सूरज जी ने पांच सालों मे ंयह स्क्रिप्ट
लिखी है। उन्हें सब मालूम है। हर दिन सुबह मैं उनसे पूछती थी कि चार सीन पहले क्या
है और चार सीन बाद क्या है? एक दिन किसी वजह से वे नहीं
आए तो मैं उनसे नाराज हो गई थी।सूरज जी ने मुझे सराहा और कहा कि तुम बहुत इनवॉल्व
हो।‘
अपने किरदार मैथिली के बारे
में सोनम इतना ही बताती हैं,’ वह एक राजकुमारी है। उसकी
एक दादी हैं। परिवार में और कोई नहीं है। चंदा मेरी सहेली है। उसकी मंगनी प्रिंस
विजय सिंह से हो गई है,लेकिन वह प्रेम से प्रेम करती है। प्रेम किसी भी तरह मैथिली
को खुश करना चाहता है। मैथिली को प्रेम चाहिए अपने जीवन में,प्रेम व्यक्ति
नहीं,प्रेम का एहसास। प्रेम उसे वह एहसास देकर खुश करना चाहता है। कहानी ढंग से
सुनायी नहीं जा सकती। फिल्म देखेंगे तो सब सीधा और सरल लगेगा।‘
स्वरा को सोनम अपना बेस्ट फ्रेंड मानती
हैं,’ इस इंडस्ट्री में ऐसे कम लोग मिलते
हैं,जिनसे दोस्ती हो सके। थोड़ी पागल है,लेकिन उस जैसी एक्टर कम हैं। उसे अपना
ड्यू अभी तक नहीं मिला है। वह काफी पढ़ी-लिखी है। उससे किसी भी विषय पर बात कर
लो। आप ही बताओ न उससे नहीं तो और किस से बात करूं? यहां तो हर बात का लोग अलग मतलब निकालते रहते
हैं। वह मुझे समझाती है। दुनियावी तौर-तरीके भी बताती है। इस फिल्म में स्वरा का
मेजर रोल है। वह मेरी दोस्त है तो फिल्म में भी मुझे फायदा हुआ।‘
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