पूर्वाग्रह तोड़ने निकली हूं - प्रियंका चोपड़ा
-अजय ब्रह्मात्मज
अगर आप प्रियंका
चोपड़ा के ट्विटर हैंडल के 98 लाख 26 हजार 796 फॉलोअर्स में से एक हैं तो आप का
बताने की जरूरत नहीं है कि वह इन दिनों कितनी व्यस्त चल रही हैं। देश में अहमदाबाद,चंडीगढ़ और दिल्ली की
यात्राओं से मुंबई लौटती हैं तो यहां बैठकों और इंटरव्यू का सिलसिला चलता है। कुछ
कमिटमेंट पूरे होते हैं और कुछ अगली बार के लिए टल जाते हैं। किसी भी फिल्म स्टार
के लिए ऐसा वक्त बहुत नाजुक होता है,क्योंकि वह एक तरफ आपने नए प्रशंसक बना रहा
होता है,लेकिन दूसरी तरफ पुराने समर्थक खो रहा होता है। हीरोइनों के मामले में
मामला और संगीन हो जाता है। प्रियंका चोपड़ा अभी इसी दौर से गुजर रही हैं।
उन्होंने जोया अख्तर की ‘दिल धड़कने दो’ में आएशा मेहरा की भूमिका
निभाई है। इस फिल्म में रणवीर सिंह उनके भाई बने हैं। दोनों की पिछली फिल्म ‘गुंडे’ थी। उसमें वे रोमांस करते
नजर आए थे। कहना मुश्किल है कि प्रेमी’प्रेमिका के रूप में रणवीर
सिंह और प्रियंका चोपड़ा को देख चुके दर्शक भाई-बहन के रूप में उन्हें पसंद
करेंगे कि नहीं ? शाह रूख खान और ऐश्वर्या राय की ‘जोश’ को दर्शकों ने नकार दिया था।
रणवीर सिंह ने तो कहा था कि वे प्रियंका को बहन के रूप में ही देखते और सराहते
हैं। ‘गुंडे’ में
उन्हें प्रेमी की एक्टिंग करनी पड़ी थी। प्रियंका चोपड़ा के लिए यह अधिक मुश्किल
नहीं रहा। प्रियंका तो मानती हैं कि यही तो एक्टिंग है। किरदार में ढल जाना और
दर्शकों को यकीन दिलाना कि हम वही हैं,जो वे देख रहे हैं। ‘दिल धड़कने दो’ में वह अमीर मेहरा परिवार
की बेटी आएशा हैं। आएशा अपनी शादी में नाखुश हैं। यह फिल्म एक स्तर पर यह दिखाती
और बताती है कि अमीर परिवार की लड़कियों पर भी उतनी ही बंदिशें हैं,जितनी मध्यवर्ग
की सामन्य लड़कियों पर होती है। फिल्म में समृद्धि दिख रही है। ऐसी समृद्धि जोया
अख्तर की हर फिल्म में रहती है। इस बार एक संदेश भी है। नारी स्वतंत्रता और
सशक्तीकरण के इस दौर में जोया अख्तर ने अमीर परिवार की लड़की आएशा की कहानी कही
है।
प्रियंका चोपड़ा अमेरिकी टीवी चैनल
एबीसी के टीवी सीरिज ‘क्वैंटिको’ मुख्य भूमिका निभा रही
हैं। इसे वह अपनी बड़ी उपलब्धि मानती हैं। अमेरिका में स्कूल की पढ़ाई कर चुकी
प्रियंका चोपड़ा ने रंगभेद को नजदीक से महसूस किया है। फिल्मों में आने के बाद
उनकी इच्छा थी कि अमेरिका के मनोरंजन जगत में भी कदम रखना है। वह छिटपुट भूमिका
सं संतुष्ट नहीं हो सकती थीं। उन्होंने करीने से इसकी तैयारी की । पहले अपनी
आवाज का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने पिता की ख्वाहिश पूरी करते हुए पहले
गायकी में कदम रखा और फिर एक एनीमेशन फिल्म की डबिंग भी की। पिछले साल उन्हें
एबीसी के शो के पायलट का ऑफर मिला। पायलट करने के बाद उन्हें इसके अप्रवल का
इंतजार था। प्रियंका चोपड़ा ने अपनी प्रकाशित डायरी में लिखा है कि वह बेसब्री से
अपनी एजेंट के फाने का इंतजार कर रही थीं। उन्हें जब पालट की मंजूरी और उसे मीडिया
के सामने पेश करने का मौका मिला तो वह जल्दी से उड़ कर लासं एंजेल्स पहुंची।
प्रियंका बताती हैं कि मुझे अपनी उपलब्धियों के साथ यह भी साबित करना है कि हम
भारतीय किसी से कम नहीं हैं। हमारे बारे में अमेरिकी समाज में अनेक पूर्वाग्रह
हैं। उन पूर्वाग्रहों को तोड़ने के लिए जरूरी है कि हम उन्हें अपनी प्रतिभा से
कायल कर दें। मैं यही छोटी कोशिश कर रही हूं।
‘दल धड़कने दो’ के प्रचार और रिलीज के एक
हफ्ते बाद वह प्रकाश झा की फिल्म ‘गंगाजल 2’ की शूटिंग के लिए निकल जाएंगी। इस फिल्म में वह आभा माथुर
के किरदार में हैं। प्रियंका चोपड़ा खुद का अचीवर मानती हैं। उन्होंने हमेशा स्वीकार
किया है कि वह मेहनत और लगन में कभी नहीं चूकतीं,इसलिए वह हमेशा अपनी ख्वाहिशों
का हासिल कर लेती हैं।
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