तोहफों की ये शुरूआत -प्रीतम


-अजय ब्रह्मात्‍मज
प्रीतम लौट आए हैं। कबीर खान की बजरंगी भाईजान के लिए तैयार किया उनका गीत सेल्‍फी ले ले पॉपुलर हो रहा है। इस गीत से अपनी वापसी दर्ज करने के साथ ही प्रीतम ने जाहिर कर दिया है कि वे फिर से सक्रिय हो चुके हैं। उनकी वापसी बजरंगी भाईजान से हो रही है। अपनी अनुपस्थिति के बारे में प्रीतम बताते हैं,’ लगातार काम करते-करते मैं थक चुका था। पिछले सालधूम पूरा करने के बाद ही मैंने मन बना लिया था कि अब ब्रेक लेना है। मई 2014 तक मैंने हाथ में लिया काम समेट लिया था। सबसे पहले बच्‍चों को लेकर लंदन गया। वहां डेढ़-दो महीने रहा। इरादा यही था कि कुछ भी कंपोज नहीं करना है। छह महीनों तक मैंने कोई काम नहीं किया। उसकी वजह यही है कि मैं बोर हो गया था। अपने काम में ही एनर्जी नहीं मिल रही था। इस बीच में कुछ म्‍यूजिकल शो जरूर किए मैंने। उसमें तो कुछ भी कंपोज नहीं करना पड़ता। पुराना गा दो और सुना दो।
वापसी की वजह बने कबीर खान और अनुराग बसु... दोनों की फिल्‍मों की शूट चल रही थी। प्रीतम को लगातार फोन जा रहे थे। आखिरकार वे लौटे। खुद कहते हैं प्रीतम,’ मैं कबीर खान की फैंटम कर रहा हूं। वे बजरंगी भाईजान में भी मेरा म्‍यूजिक चाहते थे। और अनुराग बसु भी जग्‍गा जासूस की शूटिंग की तैयारी कर चुके थे। दोनों की जिद के आगे मुझे झुकना पड़ा। अपनी छुट्टी के दरम्‍यान मैंने कई फिल्‍में छोड़ीं। कह सकते हैं कि एक साल तक कोई फिल्‍म साइन नहीं की। प्रीतम इसे किसी प्रकार की हिम्‍मत आदि से नहीं जोड़ते। वे सहज भाव से कहते हैं,’ जब काम में मन नहीं लगता तो आप क्रिएट भी नहीं कर सकते। सभी जानते हैं कि वर्कोहलिक हूं। ऐसे में अगर मेरा मन नहीं लग रहा है तो जरूर कोई प्राब्‍लम है। सच्‍ची बात बताऊं। छुट्टी लेने पर कुछ महीने तो मस्‍ती में बीते। बाद में ऐसा लगने लगा कि छुट्टी में भी बोरडम है। डिप्रेशन होने लगा। तभी कबीर का फोन आ गया। कबीर से मैंने बजरंगी भाईजान की कहानी सुनी तो दंग रह गया। व‍ह स्क्रिप्‍ट बहुत अच्‍छी लगी। गाने के स्‍कोप निकले। यही कहूंगा कि मैंने किरदार के हिसाब से गाने बनाए हैं।
प्रीतम अपनी हर फिल्‍म की स्क्रिप्‍ट सुनना या पढ़ना चाहते हैं। वे कहानी और किरदारों की पृष्‍ठभूमि के हिसाब से ही संगीत तैयार करते हैं। वे इसकी जरूरत रेखांकित करते हैं,’स्क्रिप्‍ट पढ़ने के बाद ही गानों का सिचुएशन और बैकग्राएंड समझ में आता है। डायरेक्‍टर से बातचीत होने पर पता चलता है कि वे क्‍या और कैसा संगीत चाहते हैं ? मेरे पास सिचुएशन का स्‍टाक संगीत नहीं रहता। मैंने कभी ऐसा नहीं किया। हमेशा फ्रेश संगीत ही तैयार करता हूं। अब बजरंगी भाईजान की ही बात करें तो इस फिल्‍म का मुख्‍य किरदार शुद्ध हिंदी बोलता है। हमें उसके अनुरूप ही गीत लेने पड़े।
प्रीतम अभी जग्‍गा जासूस का म्‍यूजिक भी तैयार कर रहे हैं। सभी जानते हैं कि जग्‍गा जासूस म्‍यूजिकल फिल्‍म है। इसमें जग्‍गा लय में बोलता है। हालांकि गानों की संख्‍या पहले से कम हो गई है,लेकिन थीम म्‍यूजिकल ही है। प्रीतम बताते हैं,’ अनुराग बसु अजीब डायरेक्‍टर है। वह तो आखिरी समय में भी कोई नई मांग कर देता है। मैं भी शूट होने के पहले तक म्‍यूजिक बदलता रहता हूं। फिल्‍म बनने या छपने के पहले कुछ भी लॉक नहीं किया जा सकता। अनुराग के लिए मैंने लाइफ-इन ए मैट्रो किया था। उससे हम दोनों का इमोशनल रिश्‍ता है। उस फिल्‍म में पहली बार रॉक म्‍यूजिक का भरपूर इस्‍तेमाल हुआ था। रॉक ऑन तो उसके बाद आया था।

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