....तो काम कैसे चलेगा - अनिल कपूर
दोस्त होना चाहिए पिता को-अनिल कपूर
-अजय ब्रह्मात्मज
जोया अख्तर
की फिल्म ‘दिल धड़कने
दो’ में अनिल कपूर मेहरा
परिवार के मुखिया कमल मेहरा की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने अपने पूरे परिवार को
सी क्रूज के लिए बुलाया है। फिल्म का सारा ड्रामा इसी क्रूज पर होता है।
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-आप ने यह भूमिका क्यों स्वीकार की ?
-आप ने यह भूमिका क्यों स्वीकार की ?
0 क्रम से बताऊं तो डायरेक्टर,स्क्रिप्ट,रोल
और पैसों की वजह से मैंने हां की। सभी चीजें अच्छी थीं। साथी कलाकार भी नामी और मशहूर
हैं। अच्छी फिल्म है।
-पैसा आज भी मानी रखता है ?
-पैसा आज भी मानी रखता है ?
0 पैसे नहीं होंगे तो
काम कैसे चलेगा ? यह पहली और
आखिरी महत्वपूर्ण चीज है।
-रोल पर कितना ध्यान देते हैं ?
0 मेरे करिअर में रोल
हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। यह रोल खास तौर पर इसलिए पसंद आया कि मैं इसमें पिता बना
हूं। ‘लमहे’ में भी मैं पिता था,लेकिन
वह थोड़ा अलग था। ‘विरासत’ में अमरीश पुरी ने
जो रोल किया था,वह मुझे बहुत पसंद है। वे परिवार के मुखिया हैं और पूरे गांव का भी
खयाल रखते हैं। उसकी थोड़ी झलक सेकेंड हाफ में है। कुछ वैसे ही कमल मेहरा का परिवार
है। बच्चे हैं। कंपनी है। वह सब चीज का मालिक है। सारी चीजें उसके नियंत्रण में हैं।
वह किसी की नहीं सुनता है। ऐसे रोल कम लिखे गए हैं। अच्छी कहानी में ऐसा रोल आ जाए
तो क्या कहने ? खास कर पारिवारिक
फिल्म में ऐसा किरदार हो तो अच्छा ड्रामा होता है।
-कमल मेहरा के बारे में बताएं ?
0 वह डायनैमिक है। खूबसूरत
है। उसे कपड़ों का शौक है।एक्ससाइज करता रहता है। शादीशुदा है,लेकिन उसके कुछ चक्कर
भी हैं।
-यह तो आप की लाइफ से मेल नहीं खाता ?
-यह तो आप की लाइफ से मेल नहीं खाता ?
0 कैसे कह सकते हैं। इस
रोल का यही मजा है कि यह मेरी रियल लाइफ के ऑपोजिट है। दिखावे औा रुतबे में यकीन रखता
है कमल मेहरा। कमल मेहरा जैसे किरदारों से मैं दिल्ली में मिला हूं। ऐसे लोग कंट्रोल
फ्रिक होते हैं। उन्हें लगता है कि पूरी दुनिया उनके इशारे पर चले।-
फिल्म में कमल मेहरा की क्या प्राब्लम है ?
फिल्म में कमल मेहरा की क्या प्राब्लम है ?
0 कोई प्राब्लम नहीं
है। उसकी सोच है कि ‘हिज वे या हाईवे’। उसकी लड़ाई अपने इगो
से है। इगो और इज्जत के लिए कमल मेहरा कुछ भी कर सकता है। उसे लगता है कि वह कभी गलत
नहीं हो सकता।
-जोया अख्तर के साथ कैसा अनुभव रहा ?
0 ऐसा लगा कि मैं किसी
इंटरनेशनल डायरेक्टर के साथ काम कर रहा हूं। वही मजा आया। उनकी तैयारी और संवेदना
देखने लायक है। वे किसी समझौते में यकीन नहीं रखतीं। मैं जोया को ग्लोबल डरयरेक्टर
कहूंगा।-रणवीर सिंह को देख कर अपनी जवानी याद आती है? माफ करें,वैसे आप अभी
जवानी से निकल नहीं पाए हैं।0 वही मैं सोचने लगा कि आप क्या पूछ रहे हैं। वैसे लड़के
में दम है। उसकी एनर्जी तो देखने लायक है। प्यारा बच्चा है। प्यार देता और लेता
है।
-दोनों बेटियों में किस से ज्यादा खुश हैं ?
0 दोनों से। एक दिन रिया
से तो दूसरे दिन सोनम से खुश रहता हूं। बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी ह। यह सिर्फ
कहने के लिए नहीं कह रहा हूं। बेटा भी अच्छा कर रहा है। उसकी फिल्म अभी बन रही है।
-उनके करिअर पर कितना ध्यान देते हैं ?
0 वे खुद समझदार हैं।
कभी कुछ पूछते हैं तो अपने अनुभव से बता देता हूं। मैं क्या सुझाव दूंगा। सभी को आजादी
है। अगर कभी कुछ गलत लगता है तो टोक भी देता हूं।
- आप का परिवार एक अलग किस्म का आदर्श परिवार है।
0 मैं इसका श्रेय अपनी पत्नी को देना चाहूंगा।
-एक अच्छा पिता होने के लिए क्या करना चाहिए ?
0 आज के जमाने में पिता
को दोस्त होना चाहिए। अनुशासन और संस्कार के लिए डांट भी लगानी चाहिए। हम नहीं डांटेंगे
और समझाएंगे तो कौन आकर बताएगा ? मां-बाप एक टीम की तरह होते हैं। दोनों मिल कर बच्चों की परवरिश
करते हैं।
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